Question
Download Solution PDFशैक्षिकभ्रमणं संस्कृतशिक्षणे साधनमस्ति-
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - शैक्षिक भ्रमण संस्कृत शिक्षण में साधन है-
स्पष्टीकरण - विद्यालय में छात्रों को विषय का ज्ञान कराने हेतु अनेक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इनमें से एक है - शैक्षिक भ्रमण।शैक्षिक भ्रमण संस्कृत शिक्षण में क्रियात्मक साधन है। जिसमें छात्र किसी स्थान विशेष का भ्रमण करते हैं और उसके विषय में ज्ञान प्राप्त करते हैं।
Important Points
शैक्षिक भ्रमण-
- छात्रों को नियमित शैक्षिक भ्रमण पर ले जाया जाता है, जहाँ पर छात्र खुले वातावरण में शिक्षा को अपने व्यक्तिगत अनुभवों से परिभाषित करते हैं।
- शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से छात्रों में एक अनुभूति जागृत होती है, जिससे वे भारत की विभिन्नताओं जैसे - इतिहास, विज्ञान, शिष्टाचार और प्रकृति को व्यक्तिगत रूप से जान सकते हैं। इसके अतिरिक्त छात्रों में समूह में रहने की प्रवृति, नायक बनने की क्षमता तथा आत्मविश्वास एवं भाई-चारे की भावना प्रबल होती है।
- पर्यावरणीय अध्ययन में भ्रमण विधि का अपना विशेष महत्व है। कक्षा में छात्र केवल पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करते हैं और वे बाह्य जगत की यथार्थता के ज्ञान से वंचित रह जाते हैं। इस दोष को दूर करने के लिये ही आजकल भ्रमण को एक विशेष विधि के रूप में प्रमुख स्थान दिया जाता है।
- वास्तव में पर्यावरणीय अध्ययन का शिक्षण केवल कक्षा तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता, वरन् उसका वास्तविक क्षेत्र कक्षा से बाहर है।
- सामुदायिक जीवन का अध्ययन करने के लिये यह विशेष लाभप्रद है। इस विधि के द्वारा बालक प्रत्यक्ष रूप से स्थानीय वातावरण की प्रत्येक बात का सूक्ष्मातिसूक्ष्म अध्ययन कर सकता है। यह कथन पूर्णतया सत्य है कि अधिकांश भूगोलवेत्ताओं ने भूगोल शिक्षण के लिये पर्यटन या भ्रमण विधि को सर्वोत्तम माना है।
- भ्रमण विधि एक प्रकार से निरीक्षण विधि की पूरक है। निरीक्षण विधि का प्रयोग उस समय ही सफल हो सकता है, जबकि पर्यटन विधि को अपनाया जाये। भ्रमण विधि से छात्र भौगोलिक वास्तविकताओं से परिचित होते हैं और वे विभिन्न वस्तुओं का निरीक्षण करके ही ज्ञान प्राप्त करते हैं।
- क्षेत्र भ्रमण की संकल्पना का शिक्षण अधिगम के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण स्थान है। क्षेत्र भ्रमण के अन्तर्गत केवल शैक्षिक उद्देश्य की पूर्ति हेतु किये गये पर्यटन को ही लेते हैं। मनोरंजन के लिये किये गये पर्यटन को नहीं लेते।
- अतः क्षेत्र भ्रमण से आशय उन सभी यात्राओं से हो सकता है, जिन्हें करने से पूर्व निर्धारित शैक्षिक उद्देश्यों की पूर्ति होती है।
- शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से पारिस्थितिकी का अभ्यास करें। छात्रों को वास्तविकता का निदर्शन होता है, क्योंकि वे स्पष्ट रूप से अवलोकन करते हैं। इस विधि द्वारा छात्र वास्तविक स्थिति से ज्ञान प्राप्त करता है। वह भ्रमण करके पर्यावरण सम्बन्धी ज्ञान प्राप्त करता है। विद्यार्थी स्वयं प्रत्यक्ष और वास्तविक अनुभव ज्ञान प्राप्त करते हैं।
अतः कहा जा सकता है कि शैक्षिक भ्रमण संस्कृत शिक्षण में क्रियात्मक साधन है। (अन्य सभी विकल्प कक्षा-कक्ष में प्रयुक्त होने वाली शिक्षण सहायक सामग्री है।)
Last updated on May 8, 2025
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