'भाषणम्' इति कौशलं प्रायः 'मौखिकं' कौशलं मन्यते । किं कारणम् ?

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CTET Sept 2014 Paper 1 (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit) (Hinglish Solution)
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  1. सहायकोपकरणानि विना प्रायः भाषाशिक्षणम् असम्भवम् ।
  2. केवलं मातृभाषा एव कौशल्येन अधिगम्यते ।
  3. सामान्यतः कोऽपि स्वस्थः जनः स्वाभाविकरुपेण भाषितुं समर्थः भवति ।
  4. 'छात्राः स्व-उत्तरदायित्वम् अवगच्छेयुः' इति अध्यापकानाम्/अध्यापिकानाम् अपेक्षा भवति ।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सहायकोपकरणानि विना प्रायः भाषाशिक्षणम् असम्भवम् ।
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प्रश्नानुवाद - "भाषण​" यह कौशल प्रायः "मौखिक" कौशल माना जाता है। इसका क्या कारण है?

स्पष्टीकरण - "भाषण​" यह कौशल प्रायः "मौखिक" कौशल माना जाता है, क्योंकि भाषण यह मौखिक अभिव्यक्तात्मक कौशल की सहगामी क्रिया अर्थात् सहायक उपकरण है और सहायक उपकरणों के विना भाषा शिक्षण देना असंभव है।

भाषाशिक्षण में भाषाप्रणाली के ज्ञान के साथ - साथ भाषाकौशलों का अभ्यास करवाया जाता है। इनमें श्रवण एवं पठन यह ग्रहणात्मक कौशल और मौखिक एवं लेखन यह अभिव्यक्तात्मक कौशलों का अंतर्भाव होता है। यदि अध्यापक को छात्रों से इन कौशलों का अभ्यास करवाना है तो इन कौशलों से संबंधित कुछ कार्यकलापों को सहायक उपकरणों के तौर पर शिक्षणविधि में अंतर्भूत करना चाहिए जिससे छात्र इन कौशलों को, उनके अंगों को समझ सके और उनका अभ्यास करते हुए उसमें निपुण हो जाये।

उदाहरण - मौखिक अभिव्यक्ति कौशल के उद्देश्य है कि छात्रों को अपनी भावनायें और विचार इस तरह श्रोता के समक्ष रखनी है कि उसकी अभिव्यक्ति सहज​, स्वाभाविक तरीके से हो लेकिन उसमें शुद्धता, स्पष्टता और विचारों की क्रमबद्धता भी अंतर्भूत हो।

यदि इस अभिव्यक्तात्मक कौशल को छात्रों को समझाकर उनसे अभ्यास करवाना है तो एक अध्यापक कक्षा में भाषण करने जैसे कार्योकलापों का प्रयोग कर सकता है। इसी के साथ अन्य सहगामी क्रियायें अर्थात् सहायक उपकरण भी अंतर्भूत कर सकते है, जैसे कि - कथा - कविता - घटना का वर्णन, वादविवाद प्रतियोगिता, समाचार वाचन​, काव्य प्रतियोगिता, नाट्य आदि।

प्रस्तुत उदाहरण द्वारा यह समझा जा सकता है कि यदि उपरोक्त कौशलों का अभ्यास करवाना है तो उसमें सहायक उपकरणों को अंतर्भूत करना अनिवार्य है।

Additional Information

अन्य विकल्पों का हिंदी अनुवाद -

  • केवलं मातृभाषा एव कौशल्येन अधिगम्यते। - इस कौशल्य से केवल मातृभाषा का अधिगमन होता है।
  • सामान्यतः कोऽपि स्वस्थः जनः स्वाभाविकरुपेण भाषितुं समर्थः भवति। - सामान्यरुप से कोई स्वस्थ लोग ही भाषण करने के लिये समर्थ होते है।
  • "छात्राः स्व-उत्तरदायित्वम् अवगच्छेयुः" इति अध्यापकानाम् / अध्यापिकानाम् अपेक्षा भवति। - छात्रों को स्वयं का उत्तरदायित्व समझना चाहिये ऐसी अध्यापक अथवा अध्यापिका की अपेक्षा होती है।
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