हिन्दी साहित्य MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for हिन्दी साहित्य - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക
Last updated on Mar 8, 2025
Latest हिन्दी साहित्य MCQ Objective Questions
Top हिन्दी साहित्य MCQ Objective Questions
हिन्दी साहित्य Question 1:
जब कोई सरकारी पत्र ज्ञापन या कार्यालय ज्ञापन एक साथ अनेक प्रेषितयों को भेजा जाए उसे क्या कहते है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 1 Detailed Solution
जब कोई सरकारी पत्र ज्ञापन या कार्यालय ज्ञापन एक साथ अनेक प्रेषितयों को भेजा जाए उसे 'परिपत्र' कहते हैं।
शेष विकल्प असंगत हैं।
अतः सही विकल्प 'परिपत्र' है।
अन्य विकल्प
परिपत्र या सर्कुलर |
जब कोई सरकारी पत्र या ज्ञापन एक साथ अनेक विभागों, अधिकारियों या कर्मचारियों को भेजा जाता है, तो उसे परिपत्र या गश्तीपत्र भी कहते हैं। इसमें प्रेषक एक ही अधिकारी होता है तथा पाने वाले अनेक होते हैं। |
अधिसूचना (नोटिफिकेशन)
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राजपत्रित अधिकारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण और उनके अवकाश स्वीकृति की सूचनाओं को राजपत्र में प्रकाशित करने के लिए अधिसूचना का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा सरकारी अधिकारियों को अधिकार सौंपने, वापस लेने के लिए नए नियम, उपनियमों व आदेशों को लागू करने के लिए अधिसूचना का प्रयोग किया जाता है। इसमें अन्य आलेख की भाँति संख्या, दिनांक तथा विभागीय अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। |
आदेश पत्र |
सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों से संबंधित नियम अथवा सूचना के लिए जो पत्रलिखे जाते हैं कार्यालय आदेश कहलाते हैं। सामान्यतः कार्यालय आदेश का प्रयोग नियुक्ति, पदोन्नति, अवकाश स्वीकृति, स्थानांतरण एवं कार्य संपादन संबंधी नियम आदि के प्रयोग के लिए किया जाता है। इसमें संबोधन और स्वनिर्देश नहीं होता है।
|
अनुस्मारक या स्मरण पत्र |
जो पत्र स्मरण दिलाये उसे अनुस्मारक पत्र कहते हैं। जब भेजे हुए पत्र का कई दिनों तक उत्तर नहीं आता है तब जो पत्र याद दिलाने के लिए भेजा जाता है उसे अनुस्मारक पत्र कहते हैं।
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हिन्दी साहित्य Question 2:
कुण्डलिया छंद किन दो छंदों के योग से बनता है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 2 Detailed Solution
कुण्डलिया छंद दोहा-रोला छंदों के योग से बनता है।
- कुंडलियाँ एक विषम मात्रिक छंद होता है।
- यह दोहा-रोला छंदों के योग से बनता है।
- पहले एक दोहा और बाद में दोहा के चौथे चरण से यदि एक रोला रख दिया जाए तो वह कुंडलिया छंद बन जाता है।
उदाहरण -
- रत्नाकर सबके लिए, होता एक समान।
- बुद्धिमान मोती चुने, सीप चुने नादान॥
- सीप चुने नादान,अज्ञ मूंगे पर मरता।
- जिसकी जैसी चाह,इकट्ठा वैसा करता।
- ‘ठकुरेला’ कविराय, सभी खुश इच्छित पाकर।
- हैं मनुष्य के भेद, एक सा है रत्नाकर॥
Additional Information मात्रिक छन्द -
चौपाई |
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रोला |
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हरिगीतिका |
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दोहा |
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सोरठा |
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उल्लाला |
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छप्पय |
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बरवै |
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गीतिका |
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वीर |
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कुण्डलिया |
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हिन्दी साहित्य Question 3:
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 3 Detailed Solution
गोस्वामी तुलसीदास की कृति 'कृष्णगीतावली'।
Key Pointsरामचंद्रिका- यह केशवदास जी की प्रसिद्द रचना है।
इनकी अन्य रचनाएँ- रसिकप्रिया, कविप्रिया, नखशिख, छंदमाला, आदि।
हनुमन्नाटक- हृदयरामजी की प्रमुख रचना।
भक्तमाल- यह नाभादास का बहुत प्रसिद्ध हिन्दी ग्रंथ है।
अन्य रचनाएँ- 'भक्तमाल', 'अष्टयाम', 'रामभक्ति संबंधी स्फुट पद' आदि।
Additional Information
तुलसीदास जी की प्रमुख रचनाएँ-
- रामचरितमानस
- रामललानहछू
- वैराग्य-संदीपनी
- बरवै रामायण
- पार्वती-मंगल
- जानकी-मंगल
- रामाज्ञाप्रश्न
- दोहावली
- कृष्णगीतावली
हिन्दी साहित्य Question 4:
निम्नलिखित में से भारत-भारती सम्मान किसे नहीं मिला?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 4 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 ‘सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ हैं। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
- दिए गए विकल्पों में भारत-भारती सम्मान ‘सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’’ को नहीं मिला है।
- सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक माने जाते हैं। जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं।
अन्य विकल्प:
नाम |
सम्मान |
वर्ष |
केदारनाथ सिंह |
भारत-भारती |
2008 |
धर्मवीर भारती |
भारत-भारती |
1990 |
महादेवी वर्मा |
भारत-भारती |
1982 |
- भारत-भारती उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का सबसे बड़ा साहित्यिक पुरस्कार है।
- यह पुरस्कार उत्तर-प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ के माध्यम से साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।
- पुरस्कार में भारत-भारती सम्मान के रूप में स्मृति चिह्न, अंग-वस्त्र तथा पाँच लाख दो हजार रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है।
हिन्दी साहित्य Question 5:
पश्चिमी हिन्दी की बोली नहीं है :
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 5 Detailed Solution
पश्चिमी हिन्दी की बोली अवधी नहीं है।
- यह अवध क्षेत्र में बोली जाती है।
Key Pointsअवधी-
- यह उत्तर प्रदेश के "अवध क्षेत्र" लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर गोंडा,बस्ती आदि जिलों में बोली जाती है।
- गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस अवधी में लिखी गयी है।
Additional Informationकौरवी-
- कौरवी दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में बोली जानेवाली मध्य हिंद-आर्य बोलियों में से एक है।
- कौरवी से पुरानी हिंदी का विकास हुआ।
खड़ी बोली-
- खड़ी बोली यानि ठेठ हिंदी जिसपर अवधी या ब्रजभाषा की छाप ना हो।
- 18वीं शताब्दी में खड़ी बोली में लिखना प्रारंभ हुआ।
- खड़ी बोली का साहित्य काफी समृद्ध है।
कन्नौजी-
- कन्नौज और उसके आस-पास बोली जाने वाली भाषा को कन्नौजी या कनउजी भाषा कहते हैं।
- ‘कान्यकुब्ज’ से ‘कन्नौज’ शब्द व्युत्पन्न हुआ और कन्नौज के आस-पास की बोली ‘कन्नौजी’ नाम से अभिहित की गयी।
हिन्दी साहित्य Question 6:
अज्ञेय जी हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले कौन-से क्रम के कवि हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 6 Detailed Solution
अज्ञेय जी हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वालों में तीसरे नंबर के कवि हैं।
Important Points
- ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ न्यास द्वारा भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।
- भारत का कोई भी नागरिक जो आठवीं अनुसूची में बताई गई 22 भाषाओं में से किसी भाषा में लिखता हो इस पुरस्कार के योग्य है।
- पुरस्कार में ग्यारह लाख रुपये की धनराशि, प्रशस्तिपत्र और वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा दी जाती है।
Key Points ज्ञानपीठ पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों की निम्न सूची-
नाम | वर्ष | कृति |
सुमित्रानंदन पंत | 1968 | चिदंबरा |
रामधारी सिंह दिनकर | 1972 | उर्वशी |
अज्ञेय | 1978 | कितनी नावों में कितनी बार |
महादेवी वर्मा | 1982 | यामा |
नरेश मेहता | 1992 |
हिन्दी साहित्य Question 7:
कौन-सी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 7 Detailed Solution
"मिजो" भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं है।
Key Pointsभारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची भारत की भाषाओं से संबंधित है।
इस अनुसूची में 22 भारतीय भाषाओं को शामिल किया गया है।
Additional Information(1) असमिया, ( 2 ) बंगाली (3) गुजराती, (4) हिंदी, (5) कन्नड, (6) कश्मीरी, (7) कोंकणी, (8) मलयालम, ( 9 ) मणिपुरी,
(10) मराठी, (11) नेपाली, ( 12 ) उड़िया, ( 13 ) पंजाबी, ( 14 ) संस्कृत, ( 15 ) सिंधी, ( 16 ) तमिल, ( 17 ) तेलुगू (18) उर्दू
(19) बोडो, (20)संथाली (21मैथिली (22)डोंगरी
हिन्दी साहित्य Question 8:
हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 8 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं।
Key Points
- हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
- पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
- इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।
Important Pointsबोली -
- एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।
उपभाषा -
- अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
- तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
भाषा-
- साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
- तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
Additional Information
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|
राजस्थानी | मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),
जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी), |
राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी
(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | भोजपुरी, मगही | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
हिन्दी साहित्य Question 9:
'आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेट की' - रेखांकित पद का अर्थ है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 9 Detailed Solution
"आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेट की' - रेखांकित पद का अर्थ है- समुन्द्र की आग
"आगि बड़वागितें बड़ी है आगि पेट की'-
- इस पंक्ति का अर्थ यह है कि पेट की आग समुद्र की आग से भी भयंकर है।
- पेट की आग शांत करने के लिए सभी सब उपाय करते हैं, धर्म-अधर्म तक करते हैं।
Key Pointsकवितावली
- समय-सं.-1631-1680 ई.
- भाषा- अवधि
- प्रयुक्त छंद-कवित्त,छप्पय
- काव्य रूप-मुक्तक
- विषय-
- सात कांडों में राम कथा का वर्णन।
- उत्तराखंड में काशी की महामारी का वर्णन।
- 'हनुमानबाहुक' इसी का एक भाग है।
Important Pointsतुलसीदास-
- जन्म-1532-1623 ई.
- शिक्षा गुरु-शेष सनातन
- दीक्षा गुरु-नरहर्यानंद
- तुलसी पर श्री संप्रदाय का प्रभाव देखा जाता है।
- मुख्य रचनाएँ-
- वैराग्य संदीपनी
- जानकी मंगल
- पार्वती मंगल
- कृष्ण गीतवाली
- विनय पत्रिका आदि।
- नाभादास ने इन्हें-
- "कलिकाल का वाल्मीकि" कहा।
- हजारीप्रसाद द्विवेदी-
- "भारतवर्ष का लोक नायक वही हो सकता है जो समन्वय करने का अपार धैर्य लेकर आया हो।"
Additional Information
- पेट की आग को जाठराग्नि कहते हैं
- जंगल की आग को आग को दावानल कहते हैं
- मन की आग को आग को विरहाग्नि कहते हैं
- समुन्द्र की आग आग को बड़वाग्नि कहते हैं
हिन्दी साहित्य Question 10:
'भाषा संवर्धिनी सभा' कहाँ स्थापित की गई थी?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी साहित्य Question 10 Detailed Solution
सही उत्तर अलीगढ़ है।
- अलीगढ़ में 1877 में भाषा संवर्धिनी सभा बनी।
- 'भाषा संवर्धिनी सभा' के संस्थापक बाबू तोताराम थे।
Key Points
बाबू तोताराम
- इनका जन्म अलीगढ़ के नगला सिंह में 1847 में हुआ।
- हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 'भारत-बंधु' पत्र निकाला।
- भारतवर्षीय नेशनल एसोसिएशन का गठन किया।
- 1894 में सार्वजनिक पुस्तकालय की नींव डाली जिसका नाम लायल लाइब्रेरी रखा गया।
- इन्होंने 11 ग्रंथों की रचना की।
- 7 दिसंबर 1902 में तोताराम का निधन हो गया।