इतिहास लेखक व ग्रंथ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for इतिहास लेखक व ग्रंथ - Download Free PDF
Last updated on Jul 2, 2025
Latest इतिहास लेखक व ग्रंथ MCQ Objective Questions
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 1:
'सूरसागर' के रचयिता कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है सूरदास।
Key Points
सूर सागर की अन्य प्रमुख कृतियां:
- सूरसागर और साहित्य लहरी
Additional Information
अन्य विकल्प:
रचनाकार | रचनाएँ |
विद्यापति | भूपरिक्रमा, पुरुषपरीक्षा, लिखनावली |
जयदेव | रतिमंजरी, गीत गोविन्द |
तुलसीदास | वैराग्य सांदीपनि, कवितावली, गीतावली |
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 2:
दिए गए विकल्पों में से 'अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'' की रचना कौन सी है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 2 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 ‘ठेठ हिंदी का ठाठ’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
Key Points
-
दिए गए विकल्पों में से 'अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'' की रचना 'ठेठ हिंदी का ठाठ' है।
-
अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध की अन्य रचनाएँ हैं -
-
काव्य - प्रिय प्रवास, चुभते चौपदे, चोखे चौपदे, रसिक रहस्य, वैदेही वनवास। उपन्यास - अधखिला फूल। आलोचना - रसकलश।
Additional Information
रचनाकार |
रचना |
श्रीनिवासदास | परीक्षा गुरु |
सूर्यकांत त्रिपाठी | अप्सरा, अलका, प्रभावती, निरूपमा |
जयशंकर प्रसाद | कंकाल, तितली, इरावती |
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 3:
"परिंदे" कहानी निम्नवर्णित में से किस कथाकार की है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 3 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों के अनुसार विकल्प 3 निर्मल वर्मा सही उत्तर हैl अन्य विकल्प असंगत है l
Key Points
- इनका पूरा नाम - निर्मल वर्मा
- जन्म - 3 अप्रैल, 1929
- जन्म भूमि - शिमला
- मृत्यु - 25 अक्तूबर, 2005
- मृत्यु स्थान - दिल्ली
- अभिभावक - पिता- नंद कुमार वर्मा
- कर्म-क्षेत्र - साहित्य
- मुख्य रचनाएँ - ‘रात का रिपोर्टर’, ‘एक चिथड़ा सुख’, ‘लाल टीन की छत’, ‘वे दिन’ आदि
- भाषा - हिन्दी
- विद्यालय - सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली शिक्षा एम.ए. (इतिहास)
- पुरस्कार-उपाधि - पद्म भूषण, साहित्य अकादमी पुरस्कार (1985), ज्ञानपीठ पुरस्कार (1999)
Additional Information
कवि |
परिचय |
निर्मल वर्मा |
निर्मल वर्मा (३ अप्रैल १९२९-२५ अक्तूबर २००५) हिन्दी के आधुनिक कथाकारों में एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे। शिमला में जन्मे निर्मल वर्मा को मूर्तिदेवी पुरस्कार (१९९५), साहित्य अकादमी पुरस्कार (१९८५) उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान पुरस्कार और ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। परिंदे से प्रसिद्धि पाने वाले निर्मल वर्मा की कहानियां अभिव्यक्ति और शिल्प की दृष्टि से बेजोड़ समझी जाती हैं। |
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 4:
हिंदी साहित्य में 'कलम का जादूगर' किसे कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 4 Detailed Solution
रामवृक्ष बेनीपुरी की प्रमुख रचनाएं
- रेखा चित्र - माटी की मूरतें ,लाल तारा
- संस्मरण - जंजीरें और दीवारें, मील के पत्थर
- कहानी - चिता के फूल
- उपन्यास - पतितों के देश में
- यात्रा वृतांत - पैरों में पंख बांधकर, उड़ते चलें
- नाटक - आम्रपाली ,सीता की मां, रामराज्य
- निबंध - गेहूं और गुलाब, बंदे बाणी ,विनायक मसाल
- जीवनी - महाराणा प्रताप ,जयप्रकाश नारायण, कार्ल मार्क्स
Additional Informationलेखक परिचय - आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी हिन्दी के महान साहित्यकार, पत्रकार एवं युगप्रवर्तक थे।
- उन्होंने हिंदी साहित्य की अविस्मरणीय सेवा की और अपने युग की साहित्यिक और सांस्कृतिक चेतना को दिशा और दृष्टि प्रदान की।
- उनके इस अतुलनीय योगदान के कारण आधुनिक हिंदी साहित्य का दूसरा युग 'द्विवेदी युग' के नाम से जाना जाता है।
- ब्रिटिश हुकूमत में इंडियन प्रेस के संस्थापक बाबू चिंतामणि घोष ने सन 1900 में सरस्वती पत्रिका का प्रकाशन आरंभ कराया था।
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी ने जनवरी 1903 से दिसंबर 1920 तक इसका संपादन किया।
- प्रमुख रचनाएँ -काव्य-मंजूषा,सुमन (1923 ई.), कान्य-कुब्ज,अबला विलाप, संपत्ति शास्त्र,महिला मोद,कविता कलाप नागरी तेरी यह दशा
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 5:
'अंधा युग' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 5 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 'धर्मवीर भारती' है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- अंधा युग, धर्मवीर भारती द्वारा रचित हिंदी काव्य नाटक है।
- इस गीतिनाट्य का प्रकाशन सन् 1955 ई. में हुआ था।
- इसका कथानक महाभारत युद्ध के अंतिम दिन पर आधारित है।
- इसमें युद्ध और उसके बाद की समस्याओं और मानवीय महत्वाकांक्षा को प्रस्तुत किया गया है।
Additional Information
- प्रेमचंद - रंगभूमि, कर्मभूमि, गबन, निर्मला, सेवसादन, कायाकल्प, गोदान।
- मोहन राकेश - आषाढ़ का एक दिन, लहरों के राजहंस, आधे अधूरे, पैर तले की जमीन
- जयशंकर प्रसाद - करुणालय, राज्यश्री, प्रायश्चित, कल्याणी-परिणय, अजातशत्रु, स्कंदगुप्त, जनमेजय का नाग यज्ञ।
Top इतिहास लेखक व ग्रंथ MCQ Objective Questions
निम्नलिखित विकल्पों को सुमेल कीजिए।
I. |
हिन्दी साहित्य सम्मेलन |
A |
1893 |
II. |
काशी नगरी प्रचारिणी सभा |
B |
1918 |
III. |
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा |
C |
1910 |
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसुमेल करने पर सही विकल्प 'I – C, II – A, III - B' है। सुमेल का विवरण निम्न प्रकार से है -
Important Points
I. हिन्दी साहित्य सम्मलेन C 1910
II. काशी नगरी प्रचारिणी सभा A 1893
हिन्दी साहित्य के इतिहास-लेखन का सबसे पहला प्रयास किसने किया?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - गार्सा दा तासी।
Key Points
- डॉ॰ रूपचंद पारीक, गार्सा-द-तासी के ग्रन्थ इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐन्दूई ऐन्दूस्तानी को हिन्दी साहित्य का प्रथम इतिहास मानते हैं।
- उन्होंने लिखा है - हिन्दी साहित्य का पहला इतिहास लेखक गार्सा-द-तासी हैं, इसमें संदेह नहीं है।
- गार्सा द तासी का जन्म फ्रांस में हुआ था।
- उर्दू -हिन्दी अथवा हिन्दुस्तानी साहित्य का सर्व प्रथम इतिहास ग्रंथ " इस्त्वार द ल लितरेत्यूर ऐंदुई ऐ ऐंदुस्तानी" इन्हीं का लिखा हुआ है।
- गार्सा द तासी ने भारत के लोकप्रिय उत्सवों का भी विवरण प्रस्तुत किया है।
Important Points 'इस्त्वार द ला लितरेत्यूर ऐन्दुई ऐ ऐन्दुस्तानी'-
- इस ग्रन्थ को उर्दू-हिंदी अथवा हिन्दुस्तानी साहित्य का सर्वप्रथम इतिहास ग्रन्थ माना जाता है।
- इसमें हिंदी उर्दू के अनेक कवियों और लेखकों की जीवनिया,ग्रन्थ व् विवरण है।
- इसका पहला संस्करण 1839 तथा 1847ई. में हुआ व दूसरा संस्करण 1870 में हुआ।
Additional Informationजॉर्ज ग्रियर्सन:-
- जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन (1851-1941) अंग्रेजों के जमाने में "इंडियन सिविल सर्विस" के कर्मचारी, बहुभाषाविद् और आधुनिक भारत में भाषाओं का सर्वेक्षण करने वाले पहले भाषावैज्ञानिक थे।
- उनका जन्म डब्लिन के निकट 7 जनवरी, 1851 को हुआ था।
- उनके पिता आयरलैंड में 'क्वींस प्रिंटर' थे। 1868 से डब्लिन में ही उन्होंने संस्कृत और हिंदुस्तानी का अध्ययन प्रारंभ कर दिया था।
शिवसिंह सेंगर:-
- शिवसिंह सेंगर (संवत् 1890-1935 वि.) हिन्दी के इतिहास लेखक थे।
- शिवसिंह सेंगर ग्राम कांथा जिला उन्नाव के जमींदार श्री रणजीतसिंह के पुत्र थे।
- वे पुलिस इंस्पेक्टर होते हुए भी संस्कृत, फारसी और हिंदी कविता के अध्येता, रसिक काव्यप्रेमी तथा स्वयं भी कवि थे।
- "ब्रह्मोत्तर खंड" और "शिवपुराण" का हिंदी अनुवाद करने के अतिरिक्त आपकी प्रसिद्धि हिंदी कविता के पहले इतिहासग्रंथ "शिवसिंह सरोज" (रचनाकाल सं. 1934 वि.) लिखने के कारण है।
- हिन्दी साहित्य में उनकी अपार निष्ठा थी। उनका निजी पुस्तकालय हिन्दी साहित्य की पुस्तकों से भरा था।
'गोदान' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF'गोदान' 'प्रेमचंद' की रचना है। अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- 'गोदान' 'प्रेमचंद जी' की रचना है।
- 'प्रेमचंद जी' का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था।
'प्रेमचंद जी' की अन्य प्रसिद्ध रचनाएँ-
उपन्यास | कहानी |
सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि। | कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी आदि। |
Additional Informationअन्य रचनाकारों की रचनाएँ-
रचनाकार | रचनाएँ |
जैनेन्द्र |
सुनीता, त्यागपत्र, कल्याणी, विवर्त, सुखदा, व्यतीत, फाँसी, वातायन, फाँसी नीलम देश की राज कन्या, एक रात, दो चिड़िया, पाजेब, जयसंधि |
अज्ञेय | शेखर - एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने-अपने अजनबी (उपन्यास), अरे यायावर रहेगा याद, एक बूँद सहसा उछली (यात्रा-वृत्तांत) |
नागार्जुन | अकाल और उसके बाद, बादल को घिरते देखा, तकली मेरे साथ रहेगी, सिंदूर तिलकित भाल, गुलाबी चूड़ियाँ, हिमालय की बेटियाँ |
वृंदावनलाल वर्मा हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'ऐतिहासिक उपन्यासकार' है।
Key Points
- वृंदावनलाल वर्मा 'ऐतिहासिक उपन्यासकार' हैं।
- वृंदावनलाल वर्मा जी की इतिहास, कला, पुरातत्त्व, मनोविज्ञान, साहित्य, चित्रकला एवं मूर्तिकला में विशेष रुचि थी।
अन्य विकल्प:
- मनोविश्लेषणात्मक उपन्यासकार - जैनेन्द्र कुमार, इलाचन्द्र जोशी और अज्ञेय हैं।
- जासूसी उपन्यासकार - वेदप्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा, सुरेंद्र मोहन पाठक और वेदप्रकाश काम्बोज शुमार हैं।
Additional Information
- वृन्दावन लाल वर्मा (1889-1969) ने हालाकि सामाजिक उपन्यास भी लिखे हैं, लेकिन उनका नाम ऐतिहासिक उपन्यासों लेखन में विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
- उन्होंने एक तरफ प्रेमचंद की सामाजिक परंपरा को आगे बढ़ाया है तो दूसरी तरफ हिन्दी में ऐतिहासिक उपन्यास की धारा को उत्कर्ष तक पहुँचाया है।
अब तक की जानकारी के अनुसार हिन्दी भाषा में हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन का सबसे पहला प्रयास किस विद्वान् का है ?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFअब तक की जानकारी के अनुसार हिन्दी भाषा में हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन का सबसे पहला प्रयास शिव सिंह सेंगर विद्वान् का है।
Key Pointsशिवसिंह सेंगर-
- हिन्दी के इतिहास लेखक थे।
- प्रमुख रचना-
- शिवसिंह सरोज (1883 ई.)
Important Pointsहिन्दी साहित्य के इतिहासकार और उनके ग्रन्थ:
- गार्सा द तासी : इस्तवार द ला लितेरात्यूर ऐंदुई ऐंदुस्तानी (फ्रेंच भाषा में; फ्रेंच विद्वान, हिन्दी साहित्य के पहले इतिहासकार)
- शिवसिंह सेंगर : शिव सिंह सरोज
- जार्ज ग्रियर्सन : द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदोस्तान
- मिश्र बंधु : मिश्र बंधु विनोद
- रामचंद्र शुक्ल : हिन्दी साहित्य का इतिहास
- हजारी प्रसाद द्विवेदी : हिन्दी साहित्य की भूमिका; हिन्दी साहित्य का आदिकाल; हिन्दी साहित्य :उद्भव और विकास
- रामकुमार वर्मा : हिन्दी साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास
- डॉ धीरेन्द्र वर्मा : हिन्दी साहित्य
- डॉ नगेन्द्र : हिन्दी साहित्य का इतिहास; हिन्दी वाङ्मय 20वीं शती
- रामस्वरूप चतुर्वेदी : हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, 1986
- बच्चन सिंह : हिन्दी साहित्य का दूसरा इतिहास, राधाकृष्ण प्रकाशन, नई दिल्ली।
देवेन्द्र सत्यार्थी संस्मरण का नाम है:
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFदेवेन्द्र सत्यार्थी संस्मरण का नाम "रेखाएँ बोल उठी" है। अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 3)" रेखाएँ बोल उठी" सही उत्तर होगा।
Key Points
हिंदी साहित्य के क्षेत्र में संस्मरण आधुनिक काल की विधा है।
Additional Information
रचना | रचनाकार |
माटी के मूरतें | रामवृक्ष बेनीपुरी |
रेखाएँ बोल उठी | देवेन्द्र सत्यार्थी |
दीप जले शंख बजे | कन्हैया लाल मिश्र प्रभाकर |
हिन्दी का पहला पत्र कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- हिन्दी का पहला पत्र 'उदंत मार्तण्ड' है।
- इस पत्र का संपादन पंडित जुगल किशोर शुक्ल द्वारा 30 मई 1826 को कलकत्ता में हुआ था।
- इसे हिंदी का पहला समाचार पत्र माना जाता है।
- शेष विकल्प असंगत हैं।
अतः सही विकल्प 'उदंत मार्तण्ड' है।
अन्य विकल्प
- इतिहास तिमिरनाशक के संपादक राजा शिवप्रसाद सितारेहिंद थे।
- बनारस अखबार के संपादक - सन 1845 में राजा शिव प्रसाद ने ‘बनारस अख़बार’ निकाला था।
- हरिश्चन्द्र मैगजीन - यह एक मासिक पत्रिका थी। यह पत्रिका 15 अक्टूबर, 1873 को काशी से भारतेंदु हरिश्चंद्र ने प्रारम्भ की थी।
किस विदेशी विद्वान् ने देशज शब्दों को मुख्य रूप से अनार्य स्रोत से सम्बद्ध माना है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFइस प्रश्न का सही उत्तर "जॉन बीम्स" है। इस प्रश्न में दिए गए बाकी विकल्प गलत है।
Key Points
देशज शब्दों को मुख्य रूप से अनार्य स्रोत से सम्बद्ध "जॉन बीम्स'' ने माना है।
देशज शब्द |
ऐसे शब्द जो देश की अन्य या क्षेत्रीय भाषा से हिंदी में सम्मिलित हुए । |
जैसे – थैला, लोटा, टाँग, पगड़ी आदि। |
Additional Information
विशेष:
- जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन ने पहली बार राजस्थान भाषा के लिए "राजस्थानी" शब्द का प्रयोग किया था।
- 1912 ई. में भारत के भाषाई सर्वेक्षण में इसका उपयोग किया था।
- राजस्थानी के एक प्रमुख भाषाविद् और 1920 के दशक के दौरान राजस्थानी की लगभग सभी बोलियों का इस्तेमाल किया।
- राजस्थानी राजस्थान में बोली जाने वाली बोलियों के समूह को दिया गया नाम है।
- हिंदी साहित्य के इतिहास लेखन का सबसे पहला प्रयास फ्रेंच विद्वान गार्सा द तासी ने किया है।
- गार्सा द तासी ने अपनी पुस्तक का नाम "इस्त्वार द ला लितरेत्युर ऐन्दुई ऐन्दुस्तानी" है।
- इसकी रचना फ्रेंच भाषा में की गई है।
- यह पुस्तक दो भागों में विभक्त है जिसका प्रकाशन क्रमशः 1839 ईस्वी तथा 1847 ईस्वी में हुआ।
- इस ग्रंथ में कुल 738 कवि हैं जिनमें हिंदी के 72 तथा शेष उर्दू के हैं।
हिन्दी साहित्य के इतिहास के संबंध में ‘मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान’ किसने लिखा है?
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'मॉडर्न वरनाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिन्दोस्तान’ 'जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन' ने लिखा है।
- यह किताब 1989 में लिखी गयी थी जिसमें पहली बार हिंदी साहित्य के काल विभाजन का प्रयास किया गया था।
- इसमें हिंदी साहित्य के काल को दस अध्यायों में बाँटा गया था।
- शेष विकल्प असंगत हैं।
अतः सही विकल्प 'जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन' हैं।
कहानी संग्रह 'दूसरा ताजमहल' की लेखिका है:
Answer (Detailed Solution Below)
इतिहास लेखक व ग्रंथ Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- कहानी संग्रह 'दूसरा ताजमहल' की लेखिका नासिरा शर्मा है। अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 1 नासिरा शर्मा सही उत्तर होगा।
Key Points
- नासिरा शर्मा की अन्य रचनाए- शामी काग़ज, पत्थर गली, इब्ने मरियम, संगसार, सबीना के चालीस चोर आदि।
- नासिरा शर्मा अपने कथा साहित्य में नारी संवेदनाओं का चित्रण मार्मिक. ढंग से करती हैं।
- 'दूसरा ताजमहल' में प्रकाशित इस संग्रह में कुल सात कहानीयाँ हैं।
Additional Information
- महादेवी वर्मा:- नीहार (1930), 2. रश्मि (1932), 3. नीरजा (1934), 4. सांध्यगीत (1936), 5. दीपशिखा (1942), 6. सप्तपर्णा (अनूदित 1959), 7. प्रथम आयाम (1974)
- ममता कालिया:- खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, बेघर, नरक दर नरक, प्रेम कहानी, लड़कियाँ, एक पत्नी के नोट्स, दौड़, अँधेरे का ताला