भाषा सीखना एवं अर्जन करना MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for भाषा सीखना एवं अर्जन करना - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക

Last updated on Mar 14, 2025

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Latest भाषा सीखना एवं अर्जन करना MCQ Objective Questions

Top भाषा सीखना एवं अर्जन करना MCQ Objective Questions

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 1:

भाषाई कौशलों यथा - सुनना, बोलना, पढ़ना एवं लिखना का विकास किस कक्षा तक पूर्ण हो जाना चाहिए?

  1. कक्षा दो
  2. कक्षा तीन
  3. कक्षा पाँच
  4. कक्षा आठ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कक्षा तीन

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 1 Detailed Solution

भाषा के चार मुख्य कौशल सुनना, बोलना, पढ़ना तथा लिखना है। इन कौशलों के प्रयोग के द्वारा ही मानव अपने विचारों का सरलतापूर्वक आदान प्रदान करता है।

  • भाषा से संबंधित इन चारो प्रक्रियाओं को प्रयोग करने की क्षमता ही भाषा कौशल कहलाती है।
  • ये चारो कौशल एक दूसरे से अतःसंबंधित होते हैं तथा मानव में भाषाई विकास को विस्तार देते हैं।
  • इन भाषाई कौशलों का विकास कक्षा तीन तक पूर्ण हो जाना चाहिए क्योंकि आगे की शिक्षण प्राप्ति के लिए बच्चों में इन कौशलों का होने अनिवार्य है।
  • ये कौशल भाषा शिक्षण के अलावा अन्य विषयों के शिक्षण के भी आधार है अतः प्राथमिक स्तर तक इनका पूर्ण रूप से विकसित होना शिक्षण प्रक्रिया को सरल बनाता है।
  • यहां सुनना और पढ़ना विचारों को ग्रहण करने से तथा बोलना और लिखना विचारों को अभिव्यक्त करने से संबंधित है।
  • भाषा के इन सभी मुख्य कौशलों का क्रमिक रूप से सुनना, बोलना, पढ़ना और लिखना है।

अतः, उपर्युक्त पंक्तियों से स्पष्ठ है भाषाई कौशलों यथा - सुनना, बोलना, पढ़ना एवं लिखना का विकास कक्षा तीन तक पूर्ण हो जाना चाहिए। 

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 2:

बच्चों में प्रभावी भाषा अधिग्रहण निम्नलिखित में से किस कारक से अत्यधिक प्रभावित होता है?

  1. संरचित कक्षा वातावरण
  2. व्याकरण नियमों की उपस्थिति
  3. उच्च प्रेरणा स्तर
  4. मूल वक्ताओं के सीमित संपर्क

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : उच्च प्रेरणा स्तर

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 2 Detailed Solution

भाषा अधिग्रहण एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी व्यक्ति की अपनी मूल भाषा के अलावा किसी अन्य भाषा को समझने, बोलने, पढ़ने और लिखने की क्षमता हासिल करना शामिल है।

Key Points

  • जब बच्चे सीखने के लिए अत्यधिक प्रेरित होते हैं, तो वे भाषा को सबसे प्रभावी ढंग से प्राप्त करते हैं।
  • प्रेरणा भाषा सीखने की प्रक्रिया में जिज्ञासा, दृढ़ता और जुड़ाव को बढ़ावा देती है, जिससे वे नई भाषाई संरचनाओं का पता लगा सकते हैं, अभ्यास कर सकते हैं और अपना सकते हैं।
  • अन्य कारक, जैसे कि एक संरचित कक्षा वातावरण या औपचारिक मूल्यांकन, एक भूमिका निभा सकते हैं लेकिन बच्चे की आंतरिक प्रेरणा के लिए माध्यमिक हैं।​

इसलिए, बच्चों में भाषा का अधिग्रहण सबसे प्रभावी ढंग से होता है जब वे सीखने के लिए अत्यधिक प्रेरित होते हैं।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 3:

6 साल का एक बच्चा मातृभाषा के साथ परिवेश में बोले जाने अन्य भाषा के शब्दों का भी प्रयोग करता है। उसकी माता इसका कारण अनुकरण मानती हैं। वह किस मनोवैज्ञानिक का समर्थन करती हैं?

  1. बी.एफ. स्किनर
  2. चॉम्स्की 
  3. वाइगोत्स्की
  4. पियाजे

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बी.एफ. स्किनर

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 3 Detailed Solution

व्यवहारवादियों का यह मानना है कि भाषा सीखना कुछ और सीखने से अलग नहीं है। यह उत्तेजना, प्रतिक्रिया, सुदृढ़ीकरण, पुनरावृत्ति प्रक्रिया द्वारा गठित एक आदत बन जाता है। व्यवहारवादियों का यह मानना है कि बच्चा अपने परिवार, आस-पड़ोस और अपनी प्रकृति के संपर्क में आकर भाषा सीखता है। बच्चा अपने आस-पास रहने वालों की नक़ल करके तथा शब्दों को दोहरा कर भाषा सीखता है।

  • स्किनर ने अपनी पुस्तक वरबल विहेवियर में भाषा सीखने में अनुकरण माध्यम को अधिक महत्व दिया।

Key Points

    स्किनर अभ्यास, नकल व रटने से भाषा की क्षमता प्राप्त होती है।
   चॉम्स्की

 भाषा अर्जन की क्षम ता जन्मजात होती है।

वाइगोत्स्की

बच्चे सामाजिक अंतःक्रिया से भाषा सीखते हैं।

    पियाजे भाषा परिवेश के साथ अंतःक्रिया से सीखी जाती है।


Hint

  • नाॅम चॉम्स्की ने स्किनर के शाब्दिक व्यवहार की आलोचना की और सभी मनोवैज्ञानिकों का ध्यान अपनी ओर खीचते हुए भाषा सीखने के लिए सार्वभौमिक व्याकरण का नियम बताया। चॉम्स्की का नियम यह बताने में असफल रहा कि बालक अपनी देशी भाषा को किस प्रकार सीख पाता है।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 4:

भाषा अर्जन से तात्पर्य है:

  1. किसी भी भाषा की लिपि की जानकारी।

  2. किसी भी भाषा की वर्णमाला की जानकारी।

  3. परिवेश में मौजूद किसी भाषा को सहजता से ग्रहण करने की क्षमता।

  4. किसी भी भाषा के व्याकरण की समझ।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 :

परिवेश में मौजूद किसी भाषा को सहजता से ग्रहण करने की क्षमता।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 4 Detailed Solution

भाषा अर्जन एक सहज एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें बच्चें घरेलू परिवेश में भाषा के नियमों को आसानी से आत्मसात् करते हैं, और बच्चे भाषा को सहज और स्वाभाविक रूप से सीखते हैं।

  • भाषा अर्जन से तात्पर्य भाषा को अपने परिवेश से स्वयं के प्रयासों से ग्रहण करने से है।
  • भाषा अर्जन की प्रक्रिया एक स्वाभाविक और अनौपचारिक प्रक्रिया है, जो कक्षा में भाषा के अधिगम से भिन्न होती है।
  • बालक अपने चारों ओर जिस प्रकार की भाषा लोगों को बोलते सुनते हैं, उसी प्रकार की भाषा अनुकरण द्वारा सीखते हैं।
  • भाषा अर्जन के माध्यम से  बालक अनुकरण द्वारा प्रथम भाषा सीख कर अपनी बातों को बोलचाल अर्थात घर की भाषा में आसानी से अभिव्यक्त कर पाता है।

अतः, यह निष्कर्ष निकाला जाता है कि भाषा अर्जन से तात्पर्य परिवेश में मौजूद किसी भाषा को सहजता से ग्रहण करने की क्षमता से है।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 5:

भाषा अधिगम की अचेतन प्रक्रिया कौन-सी है?

  1. भाषा अर्ज़न
  2. भाषा अधिगम
  3. भाषा शिक्षा
  4. भाषा शिक्षण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भाषा अर्ज़न

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 5 Detailed Solution

एक विद्यार्थी द्वारा दो तरह से भाषा सीखी जा सकती है- भाषा अर्जन और भाषा अधिगम:
  • भाषा-अर्जन उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें बालक भाषा को ग्रहण करने व समझने की क्षमता अर्जित करता है।
  • भाषा अधिगम- अधिगम शब्द दो शब्द के मेल से बना है 'अधि' तथा 'गम'। यहाँ 'अधि' का अर्थ है 'भली प्रकार' तथा 'गम' का अर्थ है 'जानना'। अर्थात किसी बात या विषय के समीप अच्छी तरह जाना और उसकी भली भांति जानकारी प्राप्त करना।​
Important Points 
  • बालक के शब्दों एवं वाक्य प्रयोग के साथ ही भाषा को ग्रहण करने की क्षमता अर्जित होने लगती है।
  • भाषा-अर्जन एक अवचेतन प्रक्रिया है, सभी बच्चों में भाषा-अर्जन की स्वभाविक क्षमता होती है।
  • भाषा-अर्जन एक स्वभाविक प्रक्रिया है, भाषा-अर्जन बालक बिना विद्यालय जाये भी कर लेता है।
  • इसमें बालक के सीखने की प्रक्रिया व्याकरणीय नियमों से पूर्णतः अनभिज्ञ रहती है।
  • बालक वातावरण और लोगों के बीच अन्तःक्रिया से भाषा अर्जित करता है।
  • अतः भाषा-अर्जन को सहज बनाने के लिए समृध्द भाषिक परिवेश होना चाहिए।
  • बालक भाषा-अर्जन में सक्रिय भूमिका निभाते हुए नियमों को आत्मसात् करते हैं।
अतः, यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भाषा अर्ज़न भाषा अधिगम की अचेतन प्रक्रिया है।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 6:

यह विचार कि हम अपने आस-पास के परिवेश के बारे में क्या सोचते हैं और कैसे उसे देखते हैं, यह भाषा द्वारा सुनिश्चित होता है, किससे संबंधित है?

  1. सापिर बोर्फ परिकल्पना
  2. भाषिक सम्बद्धता
  3. भाषा समाजीकरण
  4. भाषा अर्जन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सापिर बोर्फ परिकल्पना

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 6 Detailed Solution

भाषाई सापेक्षता परिकल्पना या व्हॉर्फियन सिद्धांत (सापिर बोर्फ परिकल्पना) के अनुसार , हमारी भाषा हमारे विचार को आकार देती है। 

Key Points

  • व्हॉर्फ ने प्रस्ताव दिया कि भाषा के उपलब्ध शब्द हमारी सोच को प्रभावित करते हैं। भाषा धारणा को प्रभावित करती है जो अनुभूति (सोच) का एक मूलभूत पहलू है।
  • हमारी भाषा हमारी सोच के सभी पहलुओं को निर्धारित नहीं करती है। यह केवल वस्तुओं के बीच संबंध के बारे में लोगों के सोचने के तरीके को प्रभावित करता है।
  • भाषा मुख्य वाहन है जिसके आधार पर हम अपने आस-पास के परिवेश के बारे में सोचते हैं। लोग सिर्फ शब्दों में नहीं बल्कि छवियों और अमूर्त तार्किक प्रस्तावों में सोचते हैं।

अतः यह निष्कर्ष निकलता है कि हम अपने आस-पास के परिवेश के बारे में क्या सोचते हैं और कैसे उसे देखते हैं, यह भाषा द्वारा सुनिश्चित होता है, सापिर बोर्फ परिकल्पना से सम्बंधित है

Additional Information

  • भाषिक सम्बद्धता-  दो भाषाओं की सम्बद्धता भाषिक सम्बद्धता है
  • भाषा समाजीकरण- भाषा समाजीकरण के अंतर्गत इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है कि कैसे छोटे बच्चों को भाषा के माध्यम से और उनकी संस्कृति के मानदंडों और पैटर्न में सामाजिककृत किया जाता है।
  • भाषा अर्जन- भाषा-अर्जन उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें बालक भाषा को ग्रहण करने व समझने की क्षमता अर्जित करता है

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 7:

बच्चे प्रारंभ से 

  1. एकभाषिक होते 
  2. द्विभाषिक होते 
  3. बहुभाषिक होते 
  4. भाषा में कमज़ोर होते 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बहुभाषिक होते 

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 7 Detailed Solution

बच्चा जिस परिवेश में रहता उस परिवेश में बोली जाने वाली भाषा स्वभाविक रूप से सीख लेता है। दो या तीन वर्ष का बच्चा अपने परिवेश से अनायास ही व्याकरण युक्त भाषा सीख लेता है। बच्चे प्रारंभ से ही बहुभाषिक होते हैं, उनके पास अपना एक आंतरिक व्याकरण होता है। दो या अधिक भाषायी परिवेश में रहने वाले बच्चें स्कूल आने से पूर्व ही दो या अधिक भाषाओं को समझने और बोलने की क्षमता रखते हैं।

Important Points

  • बच्चे का भाषाई विकास उसके जन्म से ही आरंभ हो जाता है। बालक को सर्वप्रथम भाषा ज्ञान परिवार से होता है। 
  • तत्पश्चात विद्यालय एवं समाज के सम्पर्क में उसका भाषायी ज्ञान विकसित होता है। 
  • बच्चे के जन्म के समय रोना, बलबलाना, अभिव्यक्ति के लिए विभिन्न आवाजें निकालना सब भाषा अभिव्यक्ति कहलाती है। 
  • जन्म पूर्व भी बच्चा जिस वातावरण में रहता है वहां की भाषा से प्रभावित होता है।  
  • बच्चों के भाषा विकास में भाषा समृद्ध परिवेश महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

Additional Information 

कार्ल सी गैरिसन के अनुसार “स्कूल जाने से पूर्व बालकों में भाषा ज्ञान का विकास उनके बौद्धिक विकास की सबसे अच्छी कसौटी है। भाषा का विकास भी विकास के अन्य पहलुओं के लाक्षणिक सिद्धान्तों के अनुसार होता है। यह विकास परिपक्वता तथा अधिगम दोनों के फलस्वरूप होता है और इसमें नयी अनुक्रियाएं सीखनी होती है और पहले की सीखी हुई अनु क्रियाओं का परिष्कार भी करना होता है। 

ब्लॉक एवं ड्रैगन के अनुसार  "भाषा मानव ज्ञानेंद्रियों से उच्चारित यादृच्छिक रूढ़ एवं प्रतीकों या ध्वनि प्रतीकों की वह व्यवस्था है जिसके द्वारा एक मनुष्य समुदाय के लोग परस्पर विचारों का आदान-प्रदान करते हैं।"

अतः हम कह सकते हैं कि  बच्चे प्रारंभ से ही बहुभाषिक होते हैं।

Hint

3 वर्ष के बच्चें में एकभाषिक, द्विभाषिक या बहुभाषिक दक्षता बच्चे के भाषा समृद्ध परिवेश पर निर्भर करती है।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 8:

उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों के भाषा – विकास की दृष्टि से सबसे कम महत्वपूर्ण है -

  1. परिचय
  2. श्रुतलेख 
  3. संवाद अदायगी
  4. सृजनात्मक लेखन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : श्रुतलेख 

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 8 Detailed Solution

उच्च प्राथमिक स्तर पर हिंदी भाषा शिक्षण का महत्वपूर्ण उद्देश्य बच्चों को हिंदी भाषा के विविध स्वरूपों की जानकारी देना है। हिंदी भाषा शिक्षण का उद्देश्य विविध साहित्यिक विधाओं से बच्चों को परिचित कराके उन्हें अपने अनुभवों के आधार पर विभिन्न संदर्भों में भाषा प्रयोग में सफल बनाना होता है।

Important Points

  • विविध साहित्यिक विधाओं से परिचय, संवाद अदायगी सृजनात्मक लेखन भाषा – विकास में सहयोगी है। 
  • परिचय के अन्तर्गत छात्रों को किसी विषय अथवा भाषा की विविध साहित्यिक विधाओं से परिचित कराया जाता है।
  • संवाद अदायगी- छात्रों को किसी विषय (प्रसंग) पर नाटक करने के लिए कहना। विषय (प्रसंग) पर आधारित नाटक करने पर छात्र कठिन से कठिन विषय भी आसानी से सीख जाते हैं, उन्हें अपने विचारों को रचनात्मक रूप में व्यक्‍त करने का मौका मिलता है। 
  • समूह क्रिया, रुचि कक्षा (हॉबी क्लासेज़), स्व-शिक्षण भी भाषा विकास में सहयोगी हो सकते है।
  • भाषा विकास के लिए कक्षा में कविता पाठ, कहानी पाठ, निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता तथा अन्य ऐसे कार्य करने चाहिए जिससे विकास के लिए परिवेश का निर्माण हो सकेl 
  • सृजनात्मक लेखन  से बच्चों के मौलिक विचार, विचारों का संगठन, विचारो की अभिव्यक्ति का तरीका आदि में निखार आता है।  

अतः उपर्युक्य पंक्तियों से स्पष्ठ है कि उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों के भाषा – विकास की दृष्टि से श्रुतलेख सबसे कम महत्वपूर्ण है। 

Hint

श्रुतलेख बच्चों की वर्तनी संबंधी अशुद्धियों को दूर करने के लिए उपयोगी होता है।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 9:

भाषा सीखने और भाषा अर्जित करने में अंतर का मुख्य आधार है-

  1. भाषा की पाठ्य-पुस्तकें
  2. भाषा का लिखित आकलन
  3. भाषा का उपलब्ध परिवेश
  4. भाषा की जटिल संरचनाएँ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : भाषा का उपलब्ध परिवेश

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 9 Detailed Solution

मनुष्य अपने विचारों को अभिव्यक्त करने और समाज के साथ सामंजस्य स्थापित करने के लिए जिस प्रक्रिया द्वारा अपनी भाषिक क्षमता का विकास करता है, वह भाषा अधिगम अथवा सीखी हुई भाषा कहलाती है। 

Key Points

  • यह एक सचेतन प्रक्रिया है जिसमें बच्चे औपचारिक रूप से विद्यालय या शिक्षण संस्थानों में भाषा के नियमों को सीखते हैं।
  • सीखी हुई भाषा को समझने की क्षमता अर्पित करना तथा उसे दैनिक जीवन में प्रयोग में लाने को भाषा अर्जन कहते हैं। यह एक सहज एवं स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें बच्चे घरेलू परिवेश में भाषा के नियमों को आसानी से आत्मसात् करते हैं।
  • भाषा सीखने और भाषा अर्जित करने में अंतर का मुख्य आधार पूर्णतः परिवेश से सम्बंधित है।

​अतः उपर्युक्य पंक्तियों से स्पष्ठ है कि भाषा सीखने और भाषा अर्जित करने में अंतर का मुख्य आधार भाषा का उपलब्ध परिवेश है।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 10:

भाषा अधिग्रहण भाषा के मूलभूत कौशल की बेहतर समझ के लिए जानबूझकर और अचेतन प्रयास का परिणाम है। क्या आप उपरोक्त कथन से सहमत या असहमत हैं?

  1. मैं कथन से आंशिक रूप से सहमत हूं।
  2. मैं इस कथन से असहमत हूं।
  3. मैं इस कथन से आंशिक रूप से असहमत हूं।
  4. मैं इस कथन से सहमत हूं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मैं इस कथन से असहमत हूं।

भाषा सीखना एवं अर्जन करना Question 10 Detailed Solution

भाषा एक प्रतीकात्मक, नियम-शासित प्रणाली है, जिसे लोगों का एक समूह अपने विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए साझा करता है। एक बच्चे में भाषा का विकास भाषा अधिग्रहण और भाषा सीखने के माध्यम से होता है।

Key Points

भाषा अधिग्रहण:

  • यह मानव मस्तिष्क की जन्मजात क्षमता के कारण मूल या घरेलू भाषा सीखने की अचेतन प्रक्रिया को संदर्भित करता है।
  • यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसके तहत बच्चे प्राकृतिक/अनौपचारिक सेटिंग में जो कुछ भी सुनते हैं उसे देखकर और दोहराकर अनजाने में भाषा सीखते हैं।
  • उदाहरण के लिए, झारखंड राज्य के एक गाँव में एक शिक्षार्थी अपनी मातृभाषा और हिंदी, घर की भाषा और अपने पड़ोस की भाषा जानता है।

Hint

  • भाषा सीखना भाषा सीखने के मूलभूत कौशल की बेहतर समझ के लिए जानबूझकर और सचेत प्रयास के परिणाम को संदर्भित करता है। यह एक औपचारिक सेटिंग में होता है.

अतः, सही उत्तर 'मैं इस कथन से असहमत हूं' है।

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