भाषाशिक्षणस्य विषये किं कथनं सत्यमस्ति ?

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CTET Paper 1 - 23rd Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. लेखनात् पूर्वं पठनम् प्रवर्तते।
  2. छात्रेभ्यः आवश्यकम् अस्ति यत् ते पठनात् पूर्वं लेखनं कुर्युः।
  3. पठनं लेखनं च उभे सह गच्छतः।
  4. द्वितीयभाषायाः शिक्षणे प्रथमा भाषा बाधा भवति।

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Option 3 : पठनं लेखनं च उभे सह गच्छतः।
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प्रश्नानुवाद - भाषाशिक्षण के विषय में क्या कथन सत्य है ?

स्पष्टीकरण - भाषा शिक्षण के विषय में यह कथन सत्य है कि पठन और लेखन एक साथ आते हैं। ये दोनों चार भाषा कौशलों में क्रमशः तीसरे और चौथे कौशल हैं। (अन्य तीनों ही विकल्प भाषा शिक्षण के सन्दर्भ में असत्य हैं। जहाँ लेखन से पूर्व पढ़ना चाहिए, छात्रों के लिए आवश्यक है कि वे पढ़ने से पूर्व लेखन करें और द्वितीय भाषा के शिक्षण में प्रथम भाषा बाधक होती है।)

  • भाषा विकास में चार कौशल प्रमुख हैं - श्रवण, सम्भाषण, पठन, लेखन
  • श्रवण और पठन ये दो ग्रहणात्मक कौशल हैं, जिनमें सुनकर और पढ़कर अर्थ को ग्रहण किया जाता है।
  • सम्भाषण और लेखन ये दो अभिव्यक्तात्मक कौशल हैं, जिनमें बोलकर और लिखकर अपने विचारों को अभिव्यक्त किया जाता है।

Important Points भाषा कौशल -
भाषा कौशल अभिव्यक्ति और दूसरों के विचारों को ग्रहण करने के साधन हैं, जिसमें सुनने, बोलने, पढ़ने तथा लिखने का कौशल सम्मिलित है। किसी व्यक्ति की सम्प्रेषण की सक्षमता उसके भाषा कौशल की दक्षता पर निर्भर करती है। भाषा की प्रभावशीलता का संबंध उसकी बोधगम्यता से संबंधित होता है।
मानव अपने विचारों का विनिमय मुख्यतः इन चार कौशलों द्वारा करता है -

  • श्रवण-कौशल - बोली या कही गयी भाषा को सुनकर उसका अर्थ ग्रहण करना एवं प्रतिक्रिया देना।
  • सम्भाषण-कौशल - भाषा के व्याकरणिक और शाब्दिक संसाधनों के उचित प्रयोग, आरोहावरोह आदि का ध्यान रखते हुए सही तथा स्पष्ट उच्चारण की क्षमता से युक्त अपने भावों को प्रकट करना।
  • पठन-कौशल - यह एक सक्रिय कौशल है, जो शैक्षणिक सफलता निर्धारित करता है। पठन में लिखित सामग्री के उच्चारण से अधिक उसका अर्थ ग्रहण करना महत्त्वपूर्ण है। 
  • लेखन-कौशल - एक सचेत और नियोजित गतिविधि है, जो लेखक के लेखन की तकनीकी ज्ञान का उपयोग करने की भाषायी क्षमता से संबन्धित है। जिसमें व्यक्ति अपने विचारों को लिखकर अभिव्यक्त करता है। भाषा से संबंधित इन चारों कौशलों का प्रयोग करने की क्षमता को ही भाषा कौशल कहते हैं।

 

अतः कहा जा सकता है कि भाषा शिक्षण के विषय में यह कथन सत्य है कि पठन और लेखन एक साथ जाते हैं।

Hint

  • यहाँ यह विकल्प (लेखनात् पूर्वं पठनम् प्रवर्तते।) लिखने से पूर्व पठन में प्रवृत हो। यह कथन उचित नहीं है। क्योंकि व्यक्ति पहले लिख भी सकता है। यह केवल कौशलों का क्रम बताया गया है।
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