कौन-सी स्थिति संरचनावादी शिक्षाशास्त्र विधि को दर्शाती है?

This question was previously asked in
CTET Paper 2 Maths & Science 21st Jan 2022 (English-Hindi-Sanskrit)
View all CTET Papers >
  1. विद्यार्थी अध्यापक के व्याख्यान को सुन रहे हैं और पढ़ाई गई विषय वस्तु पर नोट्स बना रहे हैं।
  2. विद्यार्थी उच्च स्वर में दिए गए अंश को याद कर रहे हैं।
  3. विद्यार्थी पाठ्य पुस्तक से सामग्री को याद कर वर्ष के अंत में परीक्षा देते हैं।
  4. अध्यापक अपने विद्यार्थियों को समकालीन मुद्दों पर चर्चा और वाद-विवाद करने के लिए कहते/कहती हैं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अध्यापक अपने विद्यार्थियों को समकालीन मुद्दों पर चर्चा और वाद-विवाद करने के लिए कहते/कहती हैं।
Free
CTET CT 1: TET CDP (Development)
72.4 K Users
10 Questions 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

संरचनावादी दृष्टिकोण इस विचार पर आधारित है कि सार्थक अधिगम तब होता है जब शिक्षार्थी सक्रिय रूप से अपने ज्ञान का निर्माण करते हैं।

  • संरचनावादी स्वरूप का केंद्रीय विचार यह है कि शिक्षार्थी चीजों को अनुभव करने और उन अनुभवों को प्रतिबिंबित करने के माध्यम से सीखते हैं।

Key Pointsसंरचनावादी स्वरूप के केंद्रीय विचार निम्न हैं:

  • बच्चे पर्यावरण के सक्रिय खोजकर्ता या समस्या समाधानकर्ता होते हैं।
  • बच्चे नन्हे वैज्ञानिक और अर्थ के निर्माता होते हैं।
  • बच्चे कक्षा में या अपने दैनिक जीवन में समकालीन मुद्दों पर वाद-विवाद और चर्चा के माध्यम से सीखते हैं।
  • बच्चे नए ज्ञान के निर्माता और सृजनकर्ता होते हैं।
  • बच्चे 'वैज्ञानिक शोधकर्ता' और 'समस्या समाधानकर्ता' के रूप में पैदा होते हैं।
  • बच्चे सामाजिक अन्तः क्रिया द्वारा अपने परिवेश से अर्थ सृजित करने के लिए पैदा होते हैं।
  • बच्चों की सोच वयस्कों की सोच से मात्रात्मक रूप से नहीं बल्कि गुणात्मक रूप से भिन्न होती है।
  • बच्चे चीजों का अनुभव करके और उन अनुभवों पर चिंतन करके सीखते हैं।

इस प्रकार इन सभी संदर्भों से, हम कह सकते हैं कि अध्यापक अपने विद्यार्थियों को समकालीन मुद्दों पर चर्चा और वाद-विवाद करने के लिए कहते हैं, संरचनावादी शिक्षाशास्त्र विधि को दर्शाता है।Hint

  • पाठ्यपुस्तकों के माध्यम से अधिगम कोई संरचनावादी शिक्षाशास्त्र विधि नहीं है।
  • संरचनावादी शिक्षाशास्त्र विधि कभी भी रटकर सीखने को बढ़ावा नहीं देती है।
  • अवधारणाओं को पढ़ाते समय अध्यापक को सुनना एक ऐसा तरीका है जहां शिक्षार्थी संबंधित विषय की अवधारणा को सीख सकते हैं, लेकिन शिक्षण की यह विधि संरचनावादी शिक्षाशास्त्र विधि का पालन नहीं कर सकती है।
Latest CTET Updates

Last updated on Apr 30, 2025

-> The CTET 2025 Notification (July) is expected to be released anytime soon.

-> The CTET Exam Date 2025 will also be released along with the notification.

-> CTET Registration Link will be available on ctet.nic.in.

-> CTET is a national-level exam conducted by the CBSE to determine the eligibility of prospective teachers.  

-> Candidates can appear for CTET Paper I for teaching posts of classes 1-5, while they can appear for CTET Paper 2 for teaching posts of classes 6-8.

-> Prepare for the exam with CTET Previous Year Papers and CTET Test Series for Papers I &II.

More Theories of Learning Questions

More Learning Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti online teen patti neta teen patti master online teen patti master 2023