नीचे सूचीबद्ध कथन (A) और कारण (R) के आधार पर सही विकल्प का चयन कीजिए

कथन (A): घर्षण को कम करने के लिए दो सतहों को पॉलिश किया जाता है और परस्पर संपर्क में लाया जाता है।

कारण (R): खुरदरी सतहों के बीच घर्षण कम होता है।

This question was previously asked in
SSC JE Mechanical 4 Dec 2023 Official Paper - II
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  1. A और R दोनों सत्य हैं। 
  2. A और R दोनों असत्य हैं। 
  3. A असत्य है लेकिन R सत्य है।  
  4. A सत्य है लेकिन R असत्य है। 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : A सत्य है लेकिन R असत्य है। 
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RRB JE CBT I Full Test - 23
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स्पष्टीकरण:

घर्षण:

  • घर्षण एक बल है, जो दो संपर्की सतहों की आपेक्षिक गति या ऐसी गति की प्रवृत्ति का विरोध करता है।
  • यह संपर्की सतहों के समानांतर कार्य करता है और इसे एक वस्तु के दूसरे पर फिसलने या लुढ़कने के प्रतिरोध के रूप में सोचा जा सकता है।
  • दो संपर्की सतहों को पाॅलिश करना, घर्षण को कम करने का एक सामान्य और प्रभावी तरीका है। यह निम्न प्रकार से कार्य करता है:
    • अंतर्ग्रथन को न्यूनतम करना: रुक्ष सतहों में सूक्ष्म शृंग और गर्त होते हैं, जो एक-दूसरे के विरुद्ध सर्पण पर परस्पर जुड़ जाते हैं, जिससे प्रतिरोध उत्पन्न होता है और घर्षण उत्पन्न होता है। पॉलिश करने से ये अनियमितताएँ दूर हो जाती हैं, अंतर्ग्रथन प्रभाव कम हो जाता है और सतहें अधिक आसानी से विसर्पण करने लगती हैं।
    • संपर्क क्षेत्र में कमी: शृंगों और गर्तों के कारण रुक्ष सतहों का संपर्क क्षेत्र अधिक हो जाता है, जिससे उन पर लागू होने वाले घर्षण बल में वृद्धि हो जाती है। पॉलिश करने से सतहें चपटी हो जाती हैं, जिससे उनके बीच वास्तविक संपर्क क्षेत्र कम हो जाता है, जिससे घर्षण बल कम हो जाता है।
    • वर्धित आसंजन: कुछ स्थितियों में, पॉलिश ग संपर्क सतहों के बीच एक हल्का आसंजक बंधन बना सकती है। यह आबंध सर्पण गति का विरोध करने में मदद करता है और घर्षण को कम करता है।

घर्षण के कारण:

  • अंतर्ग्रथन: शृंगों और गर्तों जैसी दो सतहों की कल्पना कीजिए। जब वे एक-दूसरे के विरुद्ध गति करते हैं, तो 'शृंगों', 'गर्तों' में फंस जाती हैं, जिससे प्रतिरोध और घर्षण उत्पन्न होता है। सतहों को पाॅलिश करने से ये अनियमितताएँ दूर हो जाती हैं और घर्षण कम हो जाता है।
  • आसंजन: सूक्ष्मदर्शी रूप से, चिकनी सतहों पर भी अणुओं के बीच हल्का आकर्षण होता है। ये अंतर-आण्विक बंधन छोटे श्यान पैच की तरह कार्य करते हैं, सर्पण की गति का विरोध करते हैं और घर्षण में योगदान करते हैं।
  • विरूपण: जैसे-जैसे सतहें गति करती हैं, दाब के कारण वे थोड़ी विरुपित हो सकती हैं। यह ऊर्जा खपत घर्षण बल में भी इजाफा करती है।

घर्षण के प्रकार:

  • स्थैतिक घर्षण: यह वह बल है, जो किसी वस्तु को विरामावस्था से गति करने से रोकता है। किसी भारी बक्से को धकेलने का प्रयास करने के बारे में सोचें; इसके चलने से पहले प्रारंभिक प्रतिरोध स्थैतिक घर्षण है।
  • गतिज घर्षण: एक बार जब वस्तु गति करना शुरू कर देती है, तो उसकी निरंतर गति का विरोध करने वाला बल गतिज घर्षण होता है। यह आमतौर पर स्थैतिक घर्षण से थोड़ा कम होता है।
  • लोटनिक घर्षण: जब कोई वस्तु लुढ़कती है, तो लुढ़कती हुई सतह और उसके नीचे संपर्क सतह के विरूपण से घर्षण उत्पन्न होता है। यह प्रायः सर्पी घर्षण से कम होता है।

न्यूनकारी घर्षण:

  • स्नेहन: तेल और ग्रीस जैसे स्नेहक सतहों के बीच सूक्ष्म अंतराल को भरते हैं, जिससे अंतर्ग्रथन और आसंजन कम हो जाता है। इससे घर्षण काफी कम हो जाता है।
  • पॉलिशन: जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, रुक्ष सतहों को चिकना करने से अंतर्ग्रथन और संपर्क क्षेत्र कम हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप घर्षण कम होता है।
  • बेयरिंग्स का उपयोग करना: बेयरिंग्स सर्पी घर्षण को लोटनिक घर्षण से परिवर्तित कर देते हैं, जो बहुत कम होता है और मृसणकारी गति की अनुमति देता है।

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Last updated on May 28, 2025

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