Question
Download Solution PDFउदाहरण से सामान्यीकरण की यात्रा है-
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFव्याकरण किसी भाषा के बोलने तथा लिखने के नियमों की व्यवस्थित पद्धति है अर्थात व्याकरण भाषा को व्यवस्थित करने का कार्य करती है। यह कक्षा कक्ष में शिक्षक द्वारा विभिन्न व्याकरणिक बिंदुओं और नियमों के शिक्षण को संदर्भित करता है।
Important Points
व्याकरण-शिक्षण की आगमन विधि:
- प्राथमिक स्तर पर व्याकरण शिक्षण के लिए 'आगमन विधि' सर्वाधिक उचित एवम् उपयोगी मानी जाती है।
- इस विधि में बालक के समक्ष कुछ उदाहरण प्रस्तुत कर उनके विश्लेषण द्वारा सामान्य सिद्धांत निकलवाये जाते है।
- आगमन विधि में शिक्षक बालकों द्वारा दिए गये उदाहरणों तथ्यों से निष्कर्ष निकालता है तथा नियम का नियम तक पहुंचता है।
- इस विधि के द्वारा बच्चे सरल संप्रत्ययो के सहायता से नवीन ज्ञान का संचार करते हैं। यह विधि "करके सीखने" पर जोर देती है।
- व्याकरण शिक्षण की आगमन विधि में पहले उदाहरण प्रस्तुत किया जाता है। यह विधि 'उदहारण से नियम ', 'विशिष्ट से सामान्य', 'मूर्त से अमूर्त' की ओर जाती है।
- यह विधि "विश्लेषण विधि" के नाम से भी जानी जाती है इस विधि में विद्यार्थी सर्वप्रथम उदाहरण देखते हैं फिर उदाहरणों की सहायता से सिद्धांत नियम तक पहुंचते हैं।
अतः, उपर्युक्य पंक्तियों से स्पष्ट है कि आगमन उदाहरण से सामान्यीकरण की यात्रा है।
Additional Information
- निगमन विधि: इस विधि में पहले नियमों और सिद्धांतों को प्रस्तुत किया जाता है तथा बाद में उदाहरणों के द्वारा नियमों की पुष्टि की जाती है।
- उपदेशात्मक विधि: यह विधि छात्रों को आवश्यक सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करती है। यह उन छात्रों को पढ़ाने के लिए उपयोग की जाने वाली एक प्रभावी विधि है जो अपने काम को व्यवस्थित करने में असमर्थ हैं और निर्देशों के लिए शिक्षकों पर निर्भर हैं।
- प्रत्यक्ष विधि- प्रत्यक्ष विधि को सुगम विधि, सम्रात विधि, प्राकृतिक विधि, निर्बाध विधि के नाम से भी जाना जाता है। इस विधि में बालक की जो मातृभाषा होती है उसे बिना मध्यस्थ बनाये उसे अन्य भाषा सीखायी जाती है।
Last updated on Apr 30, 2025
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