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Last updated on Mar 29, 2025

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Latest हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions

Top हिन्दी साहित्य का इतिहास MCQ Objective Questions

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1:

अपभ्रंश को ण-ण भाषा किसने कहा?

  1. आचार्या दण्डी
  2. किशोरीदास वाजपेयी
  3. भारत मुनि
  4. डॉ. भोलानाथ तिवारी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : किशोरीदास वाजपेयी

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 1 Detailed Solution

अपभ्रंश को ण-ण भाषा किशोरीदास वाजपेयी ने कहा।

अत: विकल्प 2 सही उत्तर है, अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • किशोरीदास वाजपेयी ने अपभ्रंश को ण-ण भाषा कहा।
  • भाषा के संदर्भ में अपभ्रंश का प्रयोग छठी सताब्ती में शुरुआत में हुआ।
  •  डॉ. भोलानाथ तिवारी के अनुसार भाषा के अर्थ में 'अपभ्रंश' शब्द का प्रथम प्रयोग चण्ड ने अपने 'प्राकृत - लक्षण' ग्रंथ में किया है।
  • 'अपभ्रंश' शब्द का सर्वप्रथम प्रामाणिक प्रयोग पतंजलि के ‘महाभाष्य' में मिलता है। 
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार अपभ्रंश नाम पहले पहल बलभी के राजा धारसेन द्वितीय के शिलालेख में मिलता है।

Additional Information 

  • आचार्या दण्डी के काव्यशास्त्रीय ग्रंथ का नाम काव्यादर्श है।
  • नाट्यशास्त्र भरतमुनि का सबसे प्राचीन ग्रन्थ है।
  • डॉ. भोलानाथ तिवारी हिन्दी के कोशकार, भाषावैज्ञानिक एवं भाषाचिन्तक थे।

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2:

अपभ्रंश शब्द का सबसे पहले उल्लेख किसने किया?

  1. वररुचि
  2. पतंजलि
  3. स्वयंभू
  4. पाणिनि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पतंजलि

हिन्दी साहित्य का इतिहास Question 2 Detailed Solution

अपभ्रंश शब्द का सबसे पहले उल्लेख पतंजलि ने किया।

Key Points

  • पतंजलि ने 'अपभ्रंश' शब्द का सबसे पहले उल्लेख अपने ग्रंथ 'महाभाष्य' में किया।
  • अपभ्रंश का अर्थ है- 'भ्रष्ट' या 'पथ से हटी हुई'।

अन्य विकल्प-

रचनाकार रचना
वररुचि प्राकृत-प्रकाश
पतंजलि महाभाष्य
स्वयंभू पउम चरिउ, स्वयंभू छंद आदि।
पाणिनि अष्टाध्यायी
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