हिन्दी बोली और उसका विकास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for हिन्दी बोली और उसका विकास - Download Free PDF
Last updated on Jun 27, 2025
Latest हिन्दी बोली और उसका विकास MCQ Objective Questions
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 1:
शौरसेनी अपभ्रंश से किस उपभाषा का विकास हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 1 Detailed Solution
- ‘राजस्थानी’ शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित हुई है।
- ‘बांग्ला’ की व्युत्पत्ति ‘मागधी अपभ्रंश’ से हुई है तथा ‘पंजाबी’ की व्युत्पत्ति पैशाची अपभ्रंश से हुई है|
- ‘बिहारी’ मागधी अपभ्रंश से विकसित हुई है, अतः इस आधार पर सही विकल्प राजस्थानी है|
Key Points
- राजस्थानी हिंदी का विकास अपभ्रंश से हुआ है।
- अपभ्रंश, आधुनिक भाषाओं के उदय से पहले उत्तर भारत में बोलचाल और साहित्य रचना की सबसे जीवन्त और प्रमुख भाषा (समय लगभग छठी से 12वीं शताब्दी)। भाषावैज्ञानिक दृष्टि से अपभ्रंश भारतीय आर्यभाषा के मध्यकाल की अंतिम अवस्था है जो प्राकृत और आधुनिक भाषाओं के बीच की स्थिति है।
अन्य विकल्प -
- शौरसेनी से - शौरसेनी नामक प्राकृत मध्यकाल में उत्तरी भारत की एक प्रमुख भाषा थी। यह नाटकों में प्रयुक्त होती थी (वस्तुतः संस्कृत नाटकों में, विशिष्ट प्रसंगों में)। बाद में इससे हिंदी-भाषा-समूह व पंजाबी विकसित हुए। दिगंबर जैन परंपरा के सभी जैनाचार्यों ने अपने महाकाव्य शौरसेनी में ही लिखे जो उनके आदृत महाकाव्य हैं।
- मागधी से - मागधी उस प्राकृत का नाम है जो प्राचीन काल में मगध (दक्षिण बिहार) प्रदेश में प्रचलित थी। इस भाषा के उल्लेख महावीर और बुद्ध के काल से मिलते हैं। जैन आगमों के अनुसार तीर्थकर महावीर का उपदेश इसी भाषा अथवा उसी के रूपांतर अर्धमागधी प्राकृत में होता था। पालि त्रिपिटक में भी भगवान् बुद्ध के उपदेशों की भाषा को मागधी कहा गया है।
- खस से - खस एक प्राचीन बाह्लीकी भाषा बोल्ने हिन्द-आर्य जाति थी, उनकी भाषा खस थी। इनकी लिपि को ब्रह्म लिपि तथा खरोष्ठी लिपि काहा जाता हे। इन्हें शकों/कुशान की कोई उपजाति मानी जाति है।
राजस्थानी हिंदी |
राजस्थानी आधुनिक भारतीय आर्य भाषाओं में से एक है, जिसका वास्तविक क्षेत्र वर्तमान राजस्थान प्रान्त तक ही सीमित न होकर मध्यप्रदेश के कतिपय पूर्वी तथा दक्षिणी भाग में और पाकिस्तान के वहावलपुर जिले तथा दूसरे पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी सीमा प्रदेशों में भी है। यह हरियाणा, पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश के निकटवर्ती क्षेत्रों में बोली जाने वाली भाषाओं और बोलियों का समूह है। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों में भी इसके वक्ता हैं। राजस्थानी पश्चिमी इंडो-आर्यन भाषा होने के कारण पड़ोसी, संबंधित हिंदी भाषाओं से अलग भाषा है। यह भाषा भारत में लगभग नौ करोड़ लोगों के द्वारा बोली, लिखी एवं पढ़ी जाती है। राजस्थानी नागरी लिपि में लिखी जाती है। इसके अतिरिक्त यहाँ के पुराने लोगों में अब भी एक भिन्न लिपि प्रचलित है, जिसे "बाण्याँ वाटी" कहा जाता है। इस लिपि में प्रायः मात्रा-चिह्र नहीं दिए जाते। राजस्थानी बनिये आज भी बहीखातों में इस लिपि का प्रयोग करते हैं। |
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 2:
अर्द्धमागधी अपभ्रंश से किसका विकास हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर पूर्वी हिंदी है।
Key Points
- ‘पश्चिमी हिंदी’ का विकास शौरसेनी से हुआ है,
- ‘पूर्वी हिंदी’ का विकास अर्द्धमागधी से हुआ है,
- ‘मराठी’ का विकास महाराष्ट्री से हुआ है
- ‘गुजराती’ का विकास शौरसेनी से हुआ है।
- अतः सही विकल्प पूर्वी हिंदी है।
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 3:
हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 3 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं।
Key Points
- हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
- पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
- इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।
Important Pointsबोली -
- एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।
उपभाषा -
- अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
- तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
भाषा-
- साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
- तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
Additional Information
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|
राजस्थानी | मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),
जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी), |
राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी
(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | भोजपुरी, मगही | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 4:
पश्चिमी और पूर्वी हिन्दी में मौलिक भेद का आधार है-
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 4 Detailed Solution
इसका सही उत्तर विकल्प 4 'दोनों 1 और 2' है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Important Points
- पश्चिमी और पूर्वी हिन्दी में मौलिक भेद का आधार है- व्याकरण और उच्चारण में अंतर एवं भौगोलिक क्षेत्र में अंतर होना।
-
पश्चिमी और पूर्वी हिंदी में अंतर -
- पश्चिमी हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ और पूर्वी हिंदी प्राकृत की परंपरा में है।
- पश्चिमी हिंदी के अंतर्गत 5 बोलियाँ आती है – खड़ी बोली, हरियाणवी, ब्रज, कन्नुजी और बुन्देली, जबकि पूर्वी हिंदी की तीन शाखाएँ हैं – अवधि बघेली और छत्तीसगढ़ी।
- पश्चिमी और पूर्वी शाखाओं को अलग करके भाषाशास्त्री हिंदी के क्षेत्र को सीमित करते हैंपश्चिमी हिंदी का क्षेत्र मध्य देश है, जिस कारण से यह सम्पूर्ण देश में बोली जाती है।
हिंदी भाषी क्षेत्र |
||
उपभाषा |
क्षेत्र |
बोलियाँ |
पश्चिमी |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
खड़ी बोली, बांगरू, हरियाणवी, ब्रज भाषा, कन्नौजी, बुन्देली |
पूर्वी |
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश |
अवधि, बघेली, छत्तीसगढ़ी |
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 5:
इनमें से कौन-सी बोली पश्चिमी हिंदी की बोली नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 5 Detailed Solution
- ‘बघेली’ बोली पश्चिमी हिंदी की बोली नहीं है।
- बघेली, पूर्वी हिंदी की बोली है।
- पूर्वी हिंदी की 3 बोलियाँ हैं—अवधी, बघेली और छत्तीसगढ़ी।
- अन्य विकल्प ब्रज, कन्नौजी और बुन्देली बोली पश्चिमी हिंदी की बोली है।
Key Points
- बघेली या बाघेली, हिन्दी की एक बोली है जो भारत के बघेलखण्ड क्षेत्र में बोली जाती है। यह मध्य प्रदेश के जनपदों में बोली जाती है।
- पश्चिमी हिंदी : शौरसेनी अपभ्रंश से विकसित पश्चिमी हिंदी के अन्तर्गत पाँच बोलियों आती है- हरियाणी, खड़ी बोली, ब्रजभाषा, कन्नौजी और बुन्देली।
Top हिन्दी बोली और उसका विकास MCQ Objective Questions
हिन्दी भाषा की कितनी उपभाषाएँ हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से "पाँच" हिन्दी भाषा की उपभाषाएँ हैं।
Key Points
- हिंदी भाषा का विकास शौरसेनी, मागधी और अर्धमागधी अपभ्रंशों से पाँच उपभाषाओं-
- पश्चिमी हिंदी, पहाड़ी, राजस्थानी, बिहारी और पूर्वी हिंदी के रूप में हुआ है।
- इन उपभाषाओं से विभिन्न बोलियाँ विकसित हुईं।
Important Pointsबोली -
- एक छोटे क्षेत्र में बोली जानेवाली भाषा बोली कहलाती है। बोली में साहित्य रचना नहीं होती है।
उपभाषा -
- अगर किसी बोली में साहित्य रचना होने लगती है और क्षेत्र का विकास हो जाता है,
- तो वह बोली न रहकर उपभाषा बन जाती है।
भाषा-
- साहित्यकार जब उस भाषा को अपने साहित्य के द्वारा परिनिष्ठित सर्वमान्य रूप प्रदान कर देते हैं,
- तथा उसका और क्षेत्र विस्तार हो जाता है तो वह भाषा कहलाने लगती है।
Additional Information
उपभाषा | बोलियाँ | मुख्य क्षेत्र |
---|---|---|
राजस्थानी | मारवाड़ी(पश्चिमी राजस्थानी),
जयपुरी या ढुँढाड़ी(पूर्वी राजस्थानी), मेवाती (उत्तरी राजस्थानी), मालवी(दक्षिणी राजस्थानी), |
राजस्थान |
पश्चिमी हिन्दी | (आकार बहुला)कौरवी या खड़ी बोली,बाँगरू या हरियाणवी
(ओकार बहुला)ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली |
हरियाणा, उत्तर प्रदेश |
पूर्वी हिन्दी | अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी | मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश |
बिहारी | भोजपुरी, मगही | बिहार, उत्तर प्रदेश |
पहाड़ी | पहाड़ी, कुमाऊँनी, गढ़वाली | उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश |
'भाषा संवर्धिनी सभा' कहाँ स्थापित की गई थी?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर अलीगढ़ है।
- अलीगढ़ में 1877 में भाषा संवर्धिनी सभा बनी।
- 'भाषा संवर्धिनी सभा' के संस्थापक बाबू तोताराम थे।
Key Points
बाबू तोताराम
- इनका जन्म अलीगढ़ के नगला सिंह में 1847 में हुआ।
- हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए 'भारत-बंधु' पत्र निकाला।
- भारतवर्षीय नेशनल एसोसिएशन का गठन किया।
- 1894 में सार्वजनिक पुस्तकालय की नींव डाली जिसका नाम लायल लाइब्रेरी रखा गया।
- इन्होंने 11 ग्रंथों की रचना की।
- 7 दिसंबर 1902 में तोताराम का निधन हो गया।
निम्नलिखित में से कौन सी भाषा पश्चिमी हिंदी से संबंध रखती है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से बाँगरू पश्चिमी हिंदी से संबंधित है।
Key Points
- पश्चिमी हिंदी का विकास शौरसेनी अपभ्रंश से हुआ है।
- पश्चिमी हिंदी की बोलियां-ब्रजभाषा,कन्नौजी,बुंदेली,कौरवी/खड़ी बोली,हरियाणवी(जाटू, बाँगरू),दक्खिनी।
- पूर्वी हिंदी का विकास अर्धमागधी से हुआ है।
- पूर्वी हिंदी की बोलियां-अवधि,बघेली,छत्तीसगढ़ी।
Additional Information
- शौरसेनी अपभ्रंश के अंतर्गत राजस्थानी हिंदी,पहाड़ी हिंदी,पश्चिमी हिंदी आती है।
- राजस्थानी हिंदी की बोलियां-मारवाड़ी,मालवी,मेवाती,जयपुरी।
- पहाड़ी हिंदी की बोलियां-कुमाउँनी,गढ़वाली।
- बिहारी हिंदी की बोलियां-भोजपुरी,मगही,मैथिली।
इनमें से कौन-सी बोली अर्धमागधी अपभ्रंश से निकली है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर बघेली है।
- बघेली भारत के बघेलखण्ड क्षेत्र में बोली जाती है।
- बघेले राजपूतों के आधार पर रीवा तथा आसपास का क्षेत्र बघेलखंड कहलाता है वहीं की बोली को बघेली या बघेलखंडी कहलाती हैं।
Key Points
अपभ्रंश और आधुनिक भारतीय भाषाएँ -
- शौरसेनी
- पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली),
- गुजराती,
- राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी)
- अर्धमागधी
- पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
- मागधी
- बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
- खस
- पहाड़ी हिन्दी
- पैशाची
- लहंदा, पंजाबी
- ब्राचड़
- सिन्धी
- महाराष्ट्री
- मराठी
निम्नलिखित बोलियों में से कौन - सी बोली उत्तर प्रदेश में सामान्यत: नहीं बोली जाती?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में उचित उत्तर ‘मैथिली’ है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- मैथिली बोली उत्तर प्रदेश में सामान्यत: नहीं बोली जाती है।
- मैथिली- मैथिली मुख्य रूपर से भारत के बिहार राज्य और नेपाल के तराई क्षेत्र में बोली जाने वाली भाषा है। यह हिन्द आर्य परिवार की भाषा है। इसका प्रमुख स्रोत संस्कृत भाषा है जिसके शब्द "तत्सम" वा "तद्भव" रूप में मैथिली में प्रयुक्त होते हैं। यह भाषा बोलने और सुनने में बहुत ही मोहक लगती है।
अन्य विकल्प -
अवधी |
अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है। यह उत्तर प्रदेश के "अवध क्षेत्र" (लखनऊ, रायबरेली, सुल्तानपुर, बाराबंकी, उन्नाव, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, अयोध्या, जौनपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, कौशाम्बी, अम्बेडकर नगर, गोंडा,बस्ती, बहराइच,बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती तथा फतेहपुर) में बोली जाती है। |
ब्रजभाषा |
हिन्दी की एक उपभाषा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बोली जाती है। इसके अलावा यह भाषा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जनपदों में भी बोली जाती है। |
खड़ी बोली |
यह वह भाषा है जो मोटे तौर पर आज की मानक हिन्दी का एक पूर्वरूप है। भाषाविज्ञान की दृष्टि से इसे आदर्श (स्टैंडर्ड) हिंदी, उर्दू तथा हिंदुस्तानी की आधार स्वरूप बोली होने का गौरव प्राप्त है। किन्तु 'खड़ी बोली' से आपस में मिलते जुलते अनेक अर्थ निकाले जाते हैं। |
Additional Information
बोली- बोली भाषा का प्रारंभिक रूप कहलाती है। यह एक सीमित क्षेत्र तक बोली जाती है। अर्थात भाषा के क्षेत्रीय रूप को बोली कहते हैं। जब एक ही भाषा अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग तरह से बोली जाती है, तो उसे बोली कहते हैं। |
पूर्वी हिन्दी के अन्तर्गत कौन-सी बोली नहीं आती है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर भोजपुरी है।
- भोजपुरी भाषा का नामकरण बिहार राज्य के आरा ज़िले में स्थित भोजपुर नामक गाँव के नाम पर हुआ है।
- भोजपुरी भाषा 1000 से अधिक साल पुरानी भाषा है।
- भोजपरी की उत्पत्ति मागधी प्राकृत से हुआ है।
- भोजपुरी भाषा की प्रधान बोलियाँ -
- आदर्श भोजपुरी
- पश्चिमी भोजपुरी
- 'मघेसी' तथा 'थारु'
Key Points
पश्चिमी हिंदी और पूर्वी हिंदी-
- पूर्वी हिंदी में तीन बोलियाँ आती हैं -
- अवधी
- बघेली
- छत्तीसगढ़ी
- पश्चिमी हिन्दी की पाँच बोलियाँ हैं -
- खड़ी बोली
- हरियाणवी
- ब्रजभाषा
- कन्नौजी
- बुंदेली
इनमें से किस राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFअसम राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी नहीं है।
- छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश व झारखंड की राज्य की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- असम में असमिया मुख्य राजभाषा है।
- असमिया लिपि मूलत: ब्राह्मी का ही एक विकसित रूप है।
- असम में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ बांग्ला, हिन्दी, बोडो, नेपाली।
असमिया साहित्य का मूल रूप मुख्यत: तीन लेखकों द्वारा निर्मित हुआ -
- चंद्रकुमार अग्रवाल (1858-1938)
- लक्ष्मीनाथ बेजबरुआ (1858-1938)
- हेमचंद्र गोस्वामी (1872-1928)
Key Pointsअन्य विकल्प -
छत्तीसगढ़
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- छत्तीसगढ़ी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में बोली जाने वाली भाषा है।
- छत्तीसगढ़ी २ करोड़ लोगों की मातृभाषा है।
- इसकी लिपि देवनागरी है।
- छत्तीसगढ़ में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ ओड़िया, बांग्ला, तेलुगु।
हिमाचल प्रदेश
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोले जाने वाली भाषा का नाम पहाड़ी है।
- हिमाचल प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ पंजाबी, नेपाली, कश्मीरी, डोगरी।
झारखंड
- यहाँ की मुख्य राजभाषा हिंदी है।
- झारखंड प्रदेश में क्षेत्रीय भाषा के रूप में मुख्यतः नागपुरी, खोरठा, पंचपरगानिया व कुरमाली है।
- झारखंड प्रदेश में बोली जाने वाली अन्य भाषाएँ सन्थाली, बांग्ला, उर्दू, ओड़िया।
Additional Information
क्षेत्र | मुख्य राजभाषा |
अंडमान एवं निकोबार | बांग्ला |
केरल | मलयालम |
बिहार | हिन्दी |
गोवा | कोंकणी |
गुजराती | गुजराती |
दिल्ली | हिन्दी |
लद्दाख | लद्दाखी |
लक्षद्वीप | मलयालम |
मध्य प्रदेश | हिन्दी |
ओड़ीसा | ओड़िया |
पंजाब | पंजाबी |
राजस्थान | हिन्दी |
सिक्किम | नेपाली |
तमिलनाडु | तमिल |
उत्तराखण्ड | हिन्दी |
पश्चिम बंगाल | बांग्ला |
उत्तर प्रदेश | हिन्दी |
तेलंगना
|
तेलुगु |
त्रिपुरा | बांग्ला |
पुद्दुचेरी | तमिल |
नागालैंड | नागा |
महाराष्ट्र | मराठी |
मणिपुर | मणिपुरी |
मेघालय | खासी |
मिजोरम | मिजो |
कर्नाटक | कन्नड |
जम्मू-कश्मीर | कश्मीरी |
आंध्र प्रदेश | तेलुगु |
'बनाफरी' इनमें से किस बोली की उप-बोली है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 4 है।
- बनाफरी, बुन्देली की एक उपबोली है।
- बुंदेली भारत के एक विशेष क्षेत्र बुन्देलखण्ड में बोली जाती है।
- लेकिन ठेठ बुंदेली के शब्द अनूठे हैं जो सदियों से आज तक प्रयोग में आ रहे हैं।
- बुंदेलखंडी के ढेरों शब्दों के अर्थ बंग्ला तथा मैथिली बोलने वाले आसानी से बता सकते हैं।
Key Pointsउपभाषाएँ बोलियाँ -
- पूर्वी हिंदी - अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी।
- पश्चिमी हिंदी - कौरवी, (खड़ी बोली), ब्रजभाषा, कन्नौजी, बुंदेली, हरियाणी।
- पहाड़ी - पश्चिमी पहाड़ी, मध्यवर्ती (कुमाऊनी, गढ़वाली)
- राजस्थानी - पश्चिमी राजस्थानी, (मारवाड़ी), पूर्वी राजस्थानी, (जयपुरी), उत्तरी राजस्थानी (मेवाती), दक्षिणी राजस्थानी (मालवी)
- बिहारी - मगही, मैथिली, भोजपुरी।
Additional Information
कौरवी:-
बघेली:-
ब्रज:-
|
मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल:
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFमध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा काल 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक है। अन्य सभी विकल्प असंगत है। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 1- 500 ई. पूर्व से 1000 ई. तक है।
Key Points
हिंदी का जन्म और विकास भारतीय आर्यभाषाओं से हुआ है, मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषाओँ के विकास क्रम को मुख्यतः तीन भागों में हम देख सकते हैं:
1. पाली तथा अशोक की धर्म-लिपियाँ (500 ई.पू. - 1 ई.पू.)
2. साहित्यिक प्राकृत भाषाएं (1 ई. - 500 ई.)
3. अपभ्रंश भाषाएं (500 ई. – 1000 ई.)
Additional Information
भारतीय आर्यभाषाओँ को तीन कालखंडों में मुख्य रूप से विभाजित किया गया है -
- प्राचीन भारतीय आर्यभाषा-काल
(1500 ई०पू० से 500 ई०पू० तक)
- मध्यकालीन भारतीय आर्यभाषा-काल
(500 ई०पू० से 1000 ई० तक)
- आधुनिक भारतीय आर्यभाषा-काल
(1000 ई० से अब तक)
हिंदी भाषा किस भाषा से उत्पन्न हुई है ?
Answer (Detailed Solution Below)
हिन्दी बोली और उसका विकास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFइस प्रश्न का सही उत्तर अपभ्रंश है।
अत: सही विकल्प 3 होगा।
- संस्कृत ►पालि►प्राकृत►अपभ्रंश►अवहट्ट►प्राचीन/आधुनिक हिन्दी।
Key Pointsअपभ्रंश तथा उनसे विकसित उपभाषा एंव बोलियाँः-
अपभ्रंश | उपभाषा और बोलियाँ |
शौरसेनी |
1) पश्चिमी हिन्दी - खडी बोली, ब्रजभाषा , हरियाणी, बुन्देली, कन्नौजी 2) राजस्थानी हिन्दी - मारवाडी , जयपुरी , मेवाती , मालवी 3) पहाडी - कुमायूँनी , गढ़वाली , नेपाली 4) गुजराती - गुजराती |
अर्धमागधी | 1) पूर्वी हिन्दी - अवधी, बघेली , छत्तीसगढी |
मागधी
|
1) बिहारी - भोजपुरी, मगही, मैथिली 2) बंगला 3)उडिया 3)असमिय
|
पैशाची
|
1) लंहदा 2) पंजाबी |
महाराष्ट्री |
1) मराठी |