स्वर संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for स्वर संधि - Download Free PDF
Last updated on Jun 30, 2025
Latest स्वर संधि MCQ Objective Questions
स्वर संधि Question 1:
‘पवन’ का संधि विच्छेद है:
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 1 Detailed Solution
सही विकल्प 1 ‘पो + अन’ सही है।
Key Points
- 'पवन' में अयादि संधि है। पो + अन = पवन (ओ + अ = अव), यहाँ 'ओ' और 'अ' के मेल से 'अव' बना है।
- जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
स्वर संधि Question 2:
'अत्युक्ति' शब्द में संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 2 Detailed Solution
'अत्युक्ति' शब्द में यण संधि है। शेष विकल्प सही नहीं हैं। अतः विकल्प ‘यण’ सही है।
Key Points
- अति + उक्ति = अत्युक्ति (इ + उ = यु)
- यण संधि-
- (क) इ, ई के आगे कोई विजातीय (असमान) स्वर होने पर इ ई को ‘य्’ हो जाता है।
- (ख) उ, ऊ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर उ ऊ को ‘व्’ हो जाता है।
- (ग) ‘ऋ’ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर ऋ को ‘र्’ हो जाता है। इन्हें यण-संधि कहते हैं।
अन्य विकल्प -
- दीर्घ संधि - जब दो सवर्णी स्वर पास-पास आते हैं तो दोनों मिलकर दीर्घ हो जाते हैं।नियम : हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’, के पश्चात क्रमशः हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’ स्वर आए तो दोनों को मिलाकर दीर्घ, ‘आ’, ‘ई’, ‘ऊ’, हो जाते हैं।
- गुण संधि - यदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’ ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं।
- अयदि संधि - यदि ए, ऐ, ओ, औ स्वरों का मेल दूसरे स्वरों से हो तो ए का अय ऐ का आय, ओ, व अव, तथा औ का आव के रूप में परिवर्तन हो जाता हैं।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
|
संधि |
परिभाषा |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - विद्या + अर्थी = विद्यार्थी; महा + ईश = महेश। |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार; उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - दुः + आत्मा =दुरात्मा; निः + कपट =निष्कपट। |
स्वर संधि Question 3:
'बालोचित' शब्द का संधि विच्छेद क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 3 Detailed Solution
'बालोचित' का सही संधि विच्छेद होगा - बाल + उचित। शेष विकल्प सही नहीं हैं। अतः विकल्प 2 ‘बाल+उचित’ सही है।
Key Points
- बाल + उचित = बालोचित (अ + उ = ओ)
- इसमें गुण संधि है।
- गुण संधि में यदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’ ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
|
संधि |
परिभाषा |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - विद्या + अर्थी = विद्यार्थी; महा + ईश = महेश। |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार; उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - दुः + आत्मा =दुरात्मा; निः + कपट =निष्कपट। |
स्वर संधि Question 4:
निम्नलिखित में से वृद्धि सन्धि के उदाहरण का चयन कीजिये-
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर 'सर्वदा + एव' है।
- 'सर्वदैव' शब्द वृद्धि संधि का उदाहरण है।
- 'सर्वदैव' का संधि विच्छेद = सर्वदा + एव ।
- 'सर्वदैव' शब्द में 'आ + ए = ऐ' का मेल हो रहा है इसलिए यहां वृद्धि संधि है।
- जब संधि करते समय अ, आ के साथ ए, ऐ हो तो 'ऐ' बनता है और जब अ, आ के साथ ओ, औ हो तो 'औ' बनता है, तो उसे वृद्धि संधि कहते हैं।
Key Points
अन्य विकल्पों का विश्लेषण
शब्द | संधि विच्छेद | संधि |
देव्यर्थ | देवी + अर्थ | यण स्वर संधि |
यथोचित | यथा + उचित | गुण स्वर संधि |
व्यर्थ | वि + अर्थ | यण स्वर संधि |
Important Points
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - |
|
स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
व्यंजन संधि |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट। |
Additional Information
स्वर संधि के भेद:
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। |
स्वर संधि Question 5:
‘प्रत्याशा’ का संधि-विच्छेद क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर ‘प्रति+आशा’ होगा।
Key Points
- ‘प्रत्याशा’ का संधि-विच्छेद ‘प्रति+आशा’ होगा।
- इ + आ= या
- ‘प्रत्याशा’ में ‘यण’ संधि है क्योंकि जहां पर जब इ, ई के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो ‘य’ उ, ऊ के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो ‘व्’, ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो ‘र’ में बदल जाता है, वहाँ यण संधि होती है।
Top स्वर संधि MCQ Objective Questions
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।
सूक्ति
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'सूक्ति' का सही संधि विच्छेद 'सु + उक्ति' होगा। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 1 ‘सु + उक्ति’ सही है।
Key Points
- 'सूक्ति' में दीर्घ स्वर संधि है। सु + उक्ति = सूक्ति (उ + उ = ऊ) यहाँ 'उ' और 'उ' के मेल से 'ऊ' बना है।
- ‘दीर्घ स्वर संधि’ में ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के साथ ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ का मेल होने पर आ, ई, ऊ हो जाता है।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
‘नयन’ में कौन सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF‘नयन’ शब्द में ‘अयादि संधि’ है तथा इसका संधि विच्छेद ‘ने + अन = नयन’ है। अतः सही विकल्प ‘अयादि संधि’ है।
स्पष्टीकरण
अयादि संधि |
ए, ऐ तथा ओ, औ का मेल किसी अन्य स्वर के साथ होने से क्रमशः ए का अय्, ऐ का आय्, ओ का अव् तथा औ का आव् हो जाता है। |
जैसे – ने + अन (ए + अ) = नयन, गै + अक (ऐ + अ) = गायक। |
Key Points
- संधि के तीन भेद होते हैं-
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
Important Points
- दो स्वरों के मेल से होने वाले परिवर्तन को स्वर संधि कहते हैं।
- हिम + आलय = हिमालय
- स्वर संधि के पाँच भेद होते हैं-
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
“गुरूपदेश' शब्द में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF'गुरूपदेश' में दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः 'दीर्घ' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
गुरु + उपदेश = गुरूपदेश।
Key Points
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। भो + अन = (ओ + अ) भवन |
संधि की दृष्टि से कौन-सा युग्म अनुचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसंधि की दृष्टि से स्वागत - दीर्घ स्वर संधि ये युग्म अनुचित है।
- जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं।
यण संधि के नियम -
- इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
- उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
- ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
- स्वागत यण संधि है।
- यण संधि (उ + आ = वा)
स्वागत = सु + आगत
Key Pointsअन्य विकल्प -
- व्यंजन संधि
तल्लीन = तत् + लीन - यण स्वर संधि
मात्रिच्छा = मातृ + इच्छा - विसर्ग संधि
मनश्चिकित्सा = मन: + चिकित्सा
Additional Informationसंधि तीन प्रकार के होते हैं -
स्वर संधि
- दीर्घ संधि
- अ/आ + अ/आ = आ
- इ/ई + इ/ई = ई
- उ + उ = ऊ
- गुण संधि
- अ/आ + उ/ऊ = ओ
- अ/आ + इ/ई = ए
- अ + ऋ = अर्
- वृद्धि संधि
- अ/आ + ए/ऐ = ऐ
- अ/आ + ओ/औ = औ
- यण संधि
- इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
- उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
- ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
- अयादी संधि
- ए + अन्य स्वर = अय
- ऐ + अन्य स्वर = आय
- ओ + अन्य स्वर = अव
- औ + अन्य स्वर = आव
- व्यंजन सन्धि
- विसर्ग सन्धि
'महेश्वर' का संधि-विच्छेद करने से होगा
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF'महेश्वर' का संधि विच्छेद होगा- 'महा + ईश्वर'
Key Points
- महा + ईश्वर = महेश्वर (आ + ई = ए)
- अर्थ: शंकर, शम्भू, शिव, विश्वनाथ, नीलकंठ, महादेव, महेश।
- जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।
- उदाहरण-
- महा + उत्सव = महोत्सव (आ + उ = ओ)
Important Pointsगुण संधि के कुछ उदाहरण:-
- नर + इंद्र = नरेन्द्र (अ + इ = ए)
- ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश (अ + उ = ओ)
- देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)
- धन + उपार्जन = धनोपार्जन (अ + उ = ओ)
- सुर + इंद्र = सुरेन्द्र (अ + इ = ए)
'महौजस्वी' का संधि - विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF'महौजस्वी' का संधि - विच्छेद है- महा + ओजस्वी
- यह वृद्धि संधि का उदाहरण है।
Key Points
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
Important Pointsस्वर संधि के प्रकार-
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। |
'एकैक' में संधि है :
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर वृद्धि स्वर संधि है।
Key Points
- 'एकैक' में वृद्धि स्वर संधि है।
- एक + एक = एकैक' (अ + ए = ऐ), यहाँ 'अ' और 'ए' के मेल से 'ऐ' बना है।
- जब ( अ, आ ) के साथ ( ए, ऐ ) हो तो ‘ऐ‘ बनता है और जब ( अ, आ ) के साथ ( ओ, औ ) हो तो ‘औ‘ बनता है।
Additional Information
संधि -दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। 1संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
'अन्न + अभाव' में कौन सी संधि है ?
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'अन्नाभाव' शब्द अन्न+अभाव से मिलकर बना है। इसमें दीर्घ संधि जुड़ी हुई है।
- दो वर्णों के आपस में मेल से हुए परिवर्तन को 'संधि' कहा जाता है।
- जैसे: विद्या+आलय =विद्यालय।
- यहाँ पर सवर्ण दीर्घ संधि हुई है।
संधि का नाम | परिभाषा / उदाहरण |
सवर्ण दीर्घ संधि |
ह्रस्व या दीर्घ 'अ','इ','उ',के पश्चात् क्रमशः ह्रस्व या दीर्घ 'अ','इ','उ' स्वर आये
तो दोनों को मिलाकर दीर्घ 'आ',ई','ऊ' हो जाते है।
धर्म+अर्थ=धर्मार्थ।मत+अनुसार=मतानुसार,नारी+ईश्वर=नारीश्वर। |
- स्वर संधि के निम्नलिखित पांच भेद है।
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादि संधि
महौषध शब्द का संधि विच्छेद कीजिए
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFमहौषध शब्द का संधि विच्छेद ''महा + औषध'' है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- महौषध- महा + औषध
- महौषध में वृद्धि संधि है।
वृद्धि संधि |
अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में |
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर संधि |
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि। |
महाशय = महा + आशय। |
व्यंजन संधि |
व्यंजन के बाद किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो परिवर्तन होता है, वह व्यंजन संधि कहलाता है। |
दिग्गज = दिक् + गज। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं। |
शिरोमणि = शिर: + मणि। |
निम्नांकित में से वृद्धि सन्धि का उदाहरण है-
Answer (Detailed Solution Below)
स्वर संधि Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 4 'सदैव' है। अन्य विकल्प गलत है
Key Points
- 'सदैव' शब्द में वृद्धि संधि का प्रयोग किया गया है जिसका संधि विच्छेद (सदा + एव) होगा।
- वृद्धि संधि- जब अ/आ के बाद में ए/ऐ आए तो दोनों मिलकर ऐ, तथा ओ/औ आए तो दोनों मिलकर औ हो जाते हैं और इससे बनने वाली संधि स्वर संधि कहलाती है।
- जैसे- एक + एक = एकैक (अ+ए =ऐ)
- अन्य विकल्पः-
- गणेश - गण + ईश (इसमें में गुण संधि का प्रयाेग किया गया है।)
- गुण संधिः- अ/आ +इ/ई =ए में बदल जाता है
- हिमालय- हिम + आलय ( इसमें दीर्घ स्वर संधि का प्रयोग किया गया है)
- सज्जन- सत् + जन (इसमें व्यंजन संधि का प्रयोग किया गया है।)
- गणेश - गण + ईश (इसमें में गुण संधि का प्रयाेग किया गया है।)
Additional Information
- संधि दो शब्दों सम्+धि के योग से बना है जिसका अर्थ है 'मेल' अर्थात् दो शब्दों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को संधि कहते है।
संधि के मुख्यता तीन भेद होते है।-
- स्वर संधि
- व्यंजन संधि
- विसर्ग संधि
- स्वर संधिः- दो स्वरो के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को, स्वर संधि कहते है।स्वर संधि के पाँच प्रकार होते है।
जैसे-वधू + उर्मि = वधूर्मि (ऊ+उ) स्वरों का आपस में विकार हुआ है। इस शब्द में दीर्घ स्वर संधि का प्रयोग किया गया है।
- व्यंजन संधिः-जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उसमे होने वाले विकार या परिवर्तन को ही व्यंजन संधि करहे है।
जैसे- सत् + आनन्द = सदानन्द (त् +आ) व्यंजनों का आपस में विकार हुआ है
- विसर्ग संधिः- विसर्ग (ः) चिन्ह के बाद स्वर या व्यजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते है।
जैसेः- मनः + अनुकूल = मनोनुकूल