बहुव्रीहि समास MCQ Quiz - Objective Question with Answer for बहुव्रीहि समास - Download Free PDF
Last updated on Jun 29, 2025
Latest बहुव्रीहि समास MCQ Objective Questions
बहुव्रीहि समास Question 1:
निम्नलिखित में समास की दृष्टि से असंगत युग्म है :
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 1 Detailed Solution
समास की दृष्टि से असंगत युग्म है - 'गिरिधर - कर्मधारय समास'
- 'गिरिधर' शब्द में बहुव्रीहि समास है।
- 'गिरिधर' का समास विग्रह होगा - 'गिरि को धारण करने वाला है जो अर्थात् कृष्ण'।
- जिस समास में कोई पद प्रधान न होकर (दिए गए पदों में) किसी अन्य पद की प्रधानता होती है।
- यह अपने पदों से भिन्न किसी विशेष संज्ञा का विशेषण है, उनको बहुव्रीहि समास कहा जाता है।
- उदाहरण -
- चंद्रमौली = चंद्र है मौली पर जिसके वह (शिव जी)
- लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका वह (गणेश)
Key Points
- ध्यानमग्न - तत्पुरुष समास
- ध्यानमग्न का समास विग्रह होगा - 'ध्यान में मग्न'
- दोपहर = दो पहरों का समाहार
- यथाशक्ति - अव्ययीभाव समास
- यथाशक्ति समास विग्रह होगा - 'शक्ति के अनुसार'
Additional Information
कर्मधारय:-
उदाहरण -
तत्पुरुष:-
उदाहरण -
द्विगु:-
उदाहरण -
अव्ययीभाव:-
उदाहरण -
|
बहुव्रीहि समास Question 2:
गिरिधर में कौन-सा समास प्रयुक्त है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 2 Detailed Solution
गिरिधर में समास प्रयुक्त है- बहुव्रीहि
Key Points
- 'गिरिधर' शब्द में बहुव्रीहि समास है। 'गिरिधर' का समास विग्रह होगा 'गिरि को धारण करने वाला है जो अर्थात् कृष्ण'।
- जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- उदाहरण - चतुर्भुज = चार भुजाओं वाला (विष्णु), पीताम्बर = पीले हैं वस्त्र जिसके (कृष्ण)।
Important Points समास के भेद-
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द्व समास
- बहुव्रीहि समास
- अव्ययीभाव समास
Additional Information
समास | परिभाषा | उदाहरण |
कर्मधारय | जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, उसे कर्मधारय समास कहलाता है। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘रुपी’ , 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
चरणकमल = कमल के समान चरण नीलगगन = नीला है जो गगन विद्याधन = विद्या रूपी धन |
अव्ययीभाव | जिस समास में प्रथम पद अव्यय होता है और जिसका अर्थ प्रधान होता है उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है। |
यथासंभव = संभव के अनुसार प्रतिदिन = हर दिन |
तत्पुरुष |
तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है। |
धर्मग्रन्थ = धर्म का ग्रन्थ, विद्यालय = विद्या के लिए आलय आदि।
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बहुव्रीहि समास Question 3:
'अद्वितीय' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 3 Detailed Solution
'अद्वितीय' में समास है- बहुव्रीहि समास
Key Points
- 'अद्वितीय' का समास विग्रह - ऐसा जिसके समान द्वितीय न हो अर्थात निराला बहुव्रीहि समास है।
- जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- उदाहरण-
- नीलकंठ - नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव जी
- चक्रधर - चक्र को धारण करने वाला अर्थात विष्णु जी
Important Points समास के भेद-
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द्व समास
- बहुव्रीहि समास
- अव्ययीभाव समास
Additional Information
समास | परिभाषा | उदाहरण |
अव्ययीभाव | जिस समास में प्रथम पद अव्यय होता है और जिसका अर्थ प्रधान होता है उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है। |
हाथोंहाथ = हाथ ही हाथ में यथाविधि = विधि के अनुसार |
द्विगु | वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। |
चारपाई = चार पैरों का समूह नवरत्न = नव रत्नों का समाहार |
द्वंद्व | जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
सुख-दुख = सुख या दुःख गौरीशंकर = गौरी और शंकर |
बहुव्रीहि समास Question 4:
'गिरधर' शब्द में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 4 Detailed Solution
'गिरधर' शब्द में समास है- बहुव्रीहि समास
Key Points
- 'गिरिधर' शब्द में बहुव्रीहि समास है। 'गिरिधर' का समास विग्रह होगा 'गिरि को धारण करने वाला है जो अर्थात् कृष्ण'।
- जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- उदाहरण - चतुर्भुज = चार भुजाओं वाला (विष्णु), पीताम्बर = पीले हैं वस्त्र जिसके (कृष्ण)।
Important Points
समास के भेद-
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वन्द्व समास
- बहुव्रीहि समास
- अव्ययीभाव समास
समास | परिभाषा | उदाहरण |
द्विगु | वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। |
नवरात्र = नव रात्रियों का समूह दोराह = दो राहों का समाहार |
द्वंद्व | जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वन्द्व समास कहलाता है। | गाय-भैंस = गाय और भैंस सीता-राम = सीता या राम |
तत्पुरुष |
तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है। |
अकालपीड़ित = अकाल से पीड़ित पराधीन = पर के अधीन |
बहुव्रीहि समास Question 5:
'नीलकंठ' शब्द में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 5 Detailed Solution
'नीलकंठ' शब्द में समास है- बहुव्रीहि समास
Key Points
- 'नीलकंठ' शब्द में बहुव्रीहि समास है।
'नीलकंठ' का समास विग्रह: नीला है कंठ जिसका, अर्थात शिव। - जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- उदाहरण -
- मुरलीधर = मुरली धारण करने वाला (कृष्ण)
- चतुर्मुख = चार हैं मुख जिसके (ब्रह्मा)
Important Points
समास के छः भेद -
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- द्विगु समास
- द्वन्द्व समास
- कर्मधारय समास
- बहुव्रीहि समास
Additional Information
समास | परिभाषा | उदाहरण |
कर्मधारय | जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, उसे कर्मधारय समास कहलाता है। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में ‘रुपी’ , 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कालीमिर्च = काली है जो मिर्च कमलनयन = कमल के समान नयन वचनामृत = अमृत रूपी वचन |
द्विगु | वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। |
पंचतन्त्र = पांच तंत्रों का समूह त्रिलोक = तीन लोकों का समाहार |
अव्ययीभाव | जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है। |
यथासमय = समय के अनुसार भरपेट = पेट भर के |
Top बहुव्रीहि समास MCQ Objective Questions
'निशाचर' शब्द में कौन सा समास है:
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 3 'बहुव्रीहि' होगा। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- दिए गए विकल्पों में से 'निशाचर' शब्द 'बहुव्रीहि' समास का उदाहरण है।
- निशाचर अर्थात रात में विचरण करने वाला 'राक्षस'।
- जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
- अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
अन्य विकल्प:
- कर्मधारय - पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है। जैसे - चरणकमल अर्थात कमल के समान चरण।
- अव्ययीभाव - जिसका पहला पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। (उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता) जैसे यथाशक्ति अर्थात शक्ति के अनुसार।
- द्विगु - वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। जैसे - चौराहा अर्थात चार राहों का समूह।
Additional Information
- 'संक्षिप्तिकरण' को समास कहते हैं।
- दूसरे शब्दों में समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है।
- दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, दिए गए शब्द के सही समास वाला विकल्प पहचानिये।
चक्रधर
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'चक्र धारण किया है जिसने' है।
- दिए गए विकल्पों में से 'चक्र धारण किया है जिसने' यह 'चक्रधर' शब्द का सही समास वाला शब्द है।
- यह बहुव्रीहि समास का उदाहरण है।
- बहुव्रीहि समास में न तो पूर्वपद प्रधान होता है और न ही उत्तरपद।
- बल्कि इसके दोनों पद परस्पर मिलकर किसी तीसरे बाहरी पद के बारे में कुछ कहते हैं और यह तीसरा पद ही ‘प्रधान हाता है।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
शब्द 'महावीर' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFबहुव्रीहि समास महावीर शब्द में बहुव्रीहि समास है।
- समास विग्रह : महान है जो वीर यानी भगवान महावीर
- यह एक विशेषण है जो महान अथवा वीर लोगो के लिए प्रयोग की जाती है।
समास | परिभाषा | उदहारण |
अव्ययीभाव समास |
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भरपेट - इसमें भर उपसर्ग है यथाशीघ्र - इसमें यथा उपसर्ग है |
बहुव्रीहि समास | इस समास में कोई भी पद प्रधान न होकर अन्य पद प्रधान होता है विग्रह करने पर नया शब्द निकलता है | दशानन - दस सर है जिसके (रावण) लम्बोदर - लम्बा पेट है जिसका (गणेश) |
द्वंद समास | जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय और अथवा या एवं आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। द्विगु समास |
पाप- पूर्णया एवम अपना -पराया |
कर्मधारय समास | कर्मधारय समास में व्यक्ति, वस्तु आदि की विशेषता का बोध होता है | कमलनयन कालापानी |
बहुव्रीहि समास का उदाहरण है-
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही 'चन्द्रशेखर' है।
Key Points
- बहुव्रीहि समास- जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
- चन्द्रशेखर में बहुव्रीहि समास है, इसका समास विग्रह चंद्र है सिर पर जिसके अर्थात् शिव, इसमें अन्य पद 'शिव' की प्रधानता बताई गई है।
अन्य विकल्प-
- यथाशक्ति- अव्ययीभाव समास है। (शक्ति के अनुसार)
- राजकुमार- तत्पुरूष समास है। (राजा का कुमार)
- नीलकमल- कर्मधारय समास है। (नीला अहै जो कमल)
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्ययीभाव |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद समान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
''पंचानन'' में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF‘पंचानन’ में 'बहुव्रीहि' समास है। शेष विकल्प गलत हैं ।
Key Points
- 'पंचानन' का समास विग्रह करने पर 'पाँच हैं आनन जिसके अर्थात् 'शंकर'' होगा।
- इसमें 'शिव' का सांकेतिक आने पर 'बहुव्रीहि समास' है।
- 'बहुव्रीहि समास' में दोनों पद मिलकर किसी एक अर्थ विशेष की और संकेत करते हैं।
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्ययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
'वीणापाणि' में समास है
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त प्रश्न का सही उत्तर बहुब्रीहि समस है ।
Key Points
- समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है।
- इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं।
- जैसे-राजपुत्र।
- बहुव्रीहि समास-
जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। - जैसे -
दशानन - दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावणनीलकंठ- नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिवसुलोचना- सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नीपीतांबर- पीला है अम्बर (वस्त्र) जिसका अर्थात् श्रीकृष्णलंबोदर- लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेशजीदुरात्मा- बुरी आत्मा वाला ( दुष्ट)श्वेतांबर- श्वेत है जिसके अंबर (वस्त्र) अर्थात् सरस्वती जी
Additional Information
- समास-विग्रह
- सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।
- विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है जैसे-राज+पुत्र-राजा का पुत्र।
-
समास के छः भेद हैं:
अव्ययीभाव
तत्पुरुष
द्विगु
द्वन्द्व
बहुव्रीहि
कर्मधारय
माखनचोर में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 4 ‘बहुव्रीहि’ है। Key Points
- माखनचोर का समास विग्रह ‘माखन को चुराने वाला’ अर्थात कृष्ण होगा।
- अत: जिस समास दोनों पद प्रधान न होकर कोई तीसरा हे अर्थ निकलता हो वहाँ "बहुव्रीहि समास" होता है।
Mistake Points
- तत्पुरुष समास:- जिसमे मध्य में एक कारक विभक्ति लगी हो जिसका लोप हो जैसे:मूर्ति को बनाने वाला — मूर्तिकार,विग्कारह करने ल को जीतने वाला — कालजयी
- बहुव्रीहि समास:- इसमें करने के पश्चात अन्य ही तीसरापद निकलकर आता है, जैसे: दशानन = दस सर वाला, अर्थात रावण,
- अब हम जानते है, की दस सर वाला सिर्फ रावण है, इसी तरह माखनचोर का विग्रह माखन को चुराने वाला अर्थात हम जानते है।
- माखन चोर सिर्फ कृष्ण को कहा जाता है, अत: यहाँ बहुव्रीहि समास सही होगा।
अन्य विकल्प:
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
द्वंद्व समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है। |
माता और पिता = माता-पिता |
कर्मधारय समास |
पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है। |
नव है जो युवक = नवयुवक |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान |
Additional Information
- समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है।
- दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।
'घनश्याम' में कौन - सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'घनश्याम' में बहुव्रीहि समास है।
- 'घनश्याम' का समास विग्रह करने पर 'घन के समान श्याम,घन-सा श्याम है जो वह-श्रीकृष्ण' होगा।
- इसमें 'कृष्ण' सांकेतिक अर्थ इंगित किए जाने के कारण 'बहुव्रीहि समास' है।
Important Points
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
'तालाब में पंकज खिलते हैं' I रेखांकित शब्द का समास होगा :
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- वाक्य में रेखांकित शब्द पंकज में बहुव्रीहि समास है।
- इसका समास विग्रह पंक कीचड़ में उगने वाला अर्थात कमल पंकज होगा।
- इस समास में कोई भी शब्द प्रधान नहीं है बल्कि ये शब्द तीसरे पद की ओर संकेत कर रही है इसलिए ये बहुव्रीहि समास होगा।
Additional Informationबहुब्रीहि समास
- बहुब्रीहि समास -जिस समास में दोनों पद प्रधान न होकर कोई अन्य पद की प्रधानता होती है, उसे बहुब्रीहि समास कहते है।
- जैसे-दशानन-दस है मुख जिसके अर्थात् रावण।
- मृत्युञ्जय – मृत्यु को जीतने वाला अर्थात् शंकर।
- मुरारि – वह जो मुर राक्षस का शत्रु है अर्थात् कृष्ण।
- सहस्रकर – सहस्र है कर जिसके।
द्विगु समास
- वह समास जिसमें पहला पद संख्यावाचक विशेषण हो और अन्य सभी पद किसी समूह या किसी समाहार का बोध करवाते हो, उन वाक्यों को द्विगु समास कहा जाता है।
- यदि किसी सामासिक पद में प्रथम पद संख्यावाचक शब्द हो एवं द्वितीय पद संज्ञा शब्द हो तथा समस्त पद समूह का बोध करवाए तो उसे द्विगु समास कहते हैं।
- दोराहा = दो राहों का समाहार।
- त्रिभुज = तीन भुजाओं का समाहार।
- त्रिरत्न = तीन रत्नों का समूह।
बहुब्रीहि समास
- जिस समास में कोई पद प्रधान न होकर (दिए गए पदों में) किसी अन्य पद की प्रधानता होती है।
- यह अपने पदों से भिन्न किसी विशेष संज्ञा का विशेषण है, उनको बहुव्रीहि समास कहा जाता है।
- नाकपति- वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है- इन्द्र विषधर- विष को धारण करने वाला- साँप व्रजायुध- वह जिसके वज्र का आयुध है- इन्द्र
द्वन्द्व समास
- ऐसे समास शब्द जिनमें समस्त या दोनों पद प्रधान हो और जब उन शब्दों का समास किया जाता है तो दोनों पदों को मिलाते समय और, अथवा, या, एवं इत्यादि योजक शब्दों का उपयोग होता है, उस समास द्वंद समास कहा जाता है।
- ऊंच-नीच, खरा-खोटा, रूपया-पैसा, मार-पीट, माता-पिता, दूध-दही इत्यादि समस्त्पदों में दोनों ही पद प्रधान हैं एवं जब दोनों पदों को जोड़ा जाता है तब बीच में से 'और' योजक लुप्त हो जाता है।
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, दिए गए शब्द के सही समास वाला विकल्प पहचानिये।
दशानन
Answer (Detailed Solution Below)
बहुव्रीहि समास Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF'दशानन' का समास विग्रह होगा - दस हैं आनन जिसके। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही उत्तर विकल्प 1 'दस है आनन जिसके' है।
Key Points
- 'दशानन' का समास विग्रह होगा - दस हैं आनन जिसके।
- 'दशानन' शब्द से अन्य पद की प्रधानता का बोध होने से यह बहुब्रीहि समास का उदाहरण है।
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
Additional Information
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
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समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
राम- श्याम = राम और श्याम, सर्दी-गर्मी= सर्दी और गर्मी |