प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार - Download Free PDF

Last updated on Jun 16, 2025

Latest प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार MCQ Objective Questions

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 1:

'विष के दाँत' के कहानीकार कौन हैं ?

  1. विनोद कुमार शुक्ल
  2. नलिन विलोचन शर्मा
  3. अमरकांत
  4. गुणाकर मूले

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नलिन विलोचन शर्मा

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 1 Detailed Solution

'विष के दाँत' के कहानीकार हैं - नलिन विलोचन शर्मा

Key Pointsविष के दाँत-

  • रचनाकार- नलिन विलोचन शर्मा
  • विधा - कहानी
  • पात्र- मदन और खोखा, के बीच के संघर्ष को दिखाया गया है।
  • विषय - इस कहानी में मध्य वर्ग के जीवन के अनेक अंतर्विरोधी को रेखाकिंत किया गया है।

Important Pointsनलिन विलोचन शर्मा -

  • जन्म 18 फरवरी 1916 ई० में पटना के बदरघाट में हुआ। 
  • वे जन्मना भोजपुरी भाषी थे। 
  • हिंदी कविता में प्रपद्यवाद के प्रवर्तक और नई शैली के आलोचक रहे। 
  • प्रमुख आलोचनात्मक ग्रंथ :-
    • 'दृष्टिकोण'
    • 'साहित्य का इतिहास दर्शन'
    • 'मानदंड'
    • 'हिंदी उपन्यास- विशेषत: प्रेमचंद'
    • 'साहित्य तत्त्व और आलोचना'

Additional Information

कहानीकार  कहानी
विनोद कुमार शुक्ल पेड़ पर कमरा (1988), महाविद्यालय (1996), एक कहानी (2021), घोड़ा और अन्य कहानियाँ (2021)
अमरकांत जिंदगी और जोंक, देश के लोग, मौत का नगर, मित्र मिलन तथा अन्य कहानियाँ, कुहासा, तूफान, कला प्रेमी आदि

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 2:

'भोलाराम का जीव' के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?

(A) भोलाराम जबलपुर शहर के धामलपुर मोहल्ले का निवासी था और उसे रिटायर हुए 5 वर्ष हो गए थे।

(B) भोलाराम की मृत्यु के बाद उसका जीव स्वर्ग में धर्मराज के पास पहुँच गया, जहाँ उसे तुरंत स्वर्ग में स्थान दिया गया।

(C) नारद ने भोलाराम के जीव को पेंशन ऑफिस की फाइलों में छिपा हुआ पाया, जहाँ वह अपनी पेंशन का इंतजार कर रहा था।

(D) चित्रगुप्त ने सुझाव दिया कि भोलाराम के जीव को शायद किसी राजनैतिक दल ने उड़ा लिया हो।

(E) भोलाराम की पत्नी ने बताया कि गरीबी और पेंशन न मिलने की चिंता में भोलाराम की मृत्यु हो गई।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

 

  1. केवल (B), (D), (E)
  2. केवल (A), (C), (E)
  3. केवल (B), (C), (D)
  4. केवल (A), (D), (E)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल (A), (C), (E)

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है - केवल (A), (C), (E)

 

विश्लेषण:

  • (A) भोलाराम जबलपुर शहर के धामलपुर मोहल्ले का निवासी था और उसे रिटायर हुए 5 वर्ष हो गए थे: यह सत्य है। यह जानकारी दी गई है।
  • (B) भोलाराम की मृत्यु के बाद उसका जीव स्वर्ग में धर्मराज के पास पहुँच गया, जहाँ उसे तुरंत स्वर्ग में स्थान दिया गया: यह असत्य है। भोलाराम का जीव स्वर्ग नहीं पहुँचा, बल्कि पेंशन ऑफिस में छिप गया।
  • (C) नारद ने भोलाराम के जीव को पेंशन ऑफिस की फाइलों में छिपा हुआ पाया, जहाँ वह अपनी पेंशन का इंतजार कर रहा था: यह सत्य है। यह कहानी का मुख्य कथानक है।
  • (D) चित्रगुप्त ने सुझाव दिया कि भोलाराम के जीव को शायद किसी राजनैतिक दल ने उड़ा लिया हो: यह सत्य है। चित्रगुप्त ने यह संभावना जताई थी।
  • (E) भोलाराम की पत्नी ने बताया कि गरीबी और पेंशन न मिलने की चिंता में भोलाराम की मृत्यु हो गई: यह सत्य है। यह उद्धरण में उल्लेखित है।

हालांकि (D) भी सत्य है, लेकिन विकल्प 1 में यह शामिल नहीं है। प्रश्न के प्रारूप के आधार पर, हम सबसे उपयुक्त विकल्प चुनते हैं।

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 3:

'जामुन का पेड़' के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?

(A) कहानी में जामुन का पेड़ पिटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने दस साल पहले लगाया था।

(B) शायर ओस ने मरते समय मिर्जा ग़ालिब का शेर सुनाया: "या तो माना कि तगाफुल न करोगे, लेकिन खाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक।"

(C) कहानी में जामुन के पेड़ के नीचे दबे शायर को बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की गई और उसे सुरक्षित निकाल लिया गया।

(D) कहानी में एक सुझाव दिया गया कि शायर को धड़ से काटकर निकाला जा सकता है ताकि पेड़ को नुकसान न हो।

(E) कहानी में वाणिज्य विभाग ने जामुन के पेड़ के मामले को हॉर्टिकल्चर विभाग को भेजने से इनकार कर दिया।

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. केवल (B), (C), (E)
  2. केवल (A), (B), (D)
  3. केवल (C), (D), (E)
  4. केवल (A), (C), (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल (A), (B), (D)

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है - केवल (A), (B), (D)
 
 
विश्लेषण:
  • (A) कहानी में जामुन का पेड़ पिटोनिया राज्य के प्रधानमंत्री ने दस साल पहले लगाया था: यह सत्य है। यह जानकारी दी गई है।
  • (B) शायर ओस ने मरते समय मिर्जा ग़ालिब का शेर सुनाया: "या तो माना कि तगाफुल न करोगे, लेकिन खाक हो जायेंगे हम तुमको खबर होने तक।": यह सत्य है। यह उद्धरण में उल्लेखित है।
  • (C) कहानी में जामुन के पेड़ के नीचे दबे शायर को बचाने के लिए तुरंत कार्रवाई की गई और उसे सुरक्षित निकाल लिया गया: यह असत्य है। शायर को बचाने के लिए कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई और वह मर गया।
  • (D) कहानी में एक सुझाव दिया गया कि शायर को धड़ से काटकर निकाला जा सकता है ताकि पेड़ को नुकसान न हो: यह सत्य है। यह उद्धरण में दिया गया है।
  • (E) कहानी में वाणिज्य विभाग ने जामुन के पेड़ के मामले को हॉर्टिकल्चर विभाग को भेजने से इनकार कर दिया: यह असत्य है। वाणिज्य विभाग ने मामले को कृषि विभाग और फिर हॉर्टिकल्चर विभाग को भेजा था।

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 4:

फणीश्वरनाथ 'रेणु' के कहानी संग्रहों के कौन-से युग्म सही हैं ?

(A) ठुमरी- 1959

(B) आदिम रात्रि की महक - 1968 

(C) अग्निखोर- 1973

(D) एक श्रावणी दोपहर की धूप - 1985 

(E) अच्छे आदमी -1986 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (A), (B)
  2. (C), (D), (E)
  3. (A), (E), (C)
  4. (A), (D)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (A), (E), (C)

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है- (A), (E), (C)

Important Pointsफणीश्वरनाथ 'रेणु'-

  • जन्म- 1921-1977 ई.
  • कहानी संग्रह-
    • ठुमरी (1959) 
    • आदिम रात्रि की महक (1967) 
    • अग्निखोर (1973) 
    • एक श्रावणी दोपहर की धूप (1984) 
    • अच्छे आदमी (1986) आदि।

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 5:

‘कोसी का घटवार’ कहानी के आधार पर ध्वनि और वस्तु का कौन-सा युग्म सही है?

  1. किट - किट - किट - किट : पनचक्की
  2. छच्छिर- छच्छिर : मथानी
  3. खस्सर - खस्सर : चिड़िया
  4. खटर - खटर : चक्की

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : छच्छिर- छच्छिर : मथानी

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 5 Detailed Solution

‘कोसी का घटवार’ कहानी के आधार पर ध्वनि और वस्तु का युग्म सही है - छच्छिर- छच्छिर : मथानी

Key Pointsकहानी के आधार -

  • किट-किट-किट-किट खप्पर से दाने गिराने वाली चिड़िया पाट पर टकरा रही थी। 
  • छिच्छिर-छिच्छिर की आवाज़ के साथ मथानी पानी को काट रही थी।
  • खस्सर-खस्सर चक्की का पाट चल रहा था। 
  • पनचक्की की खटर-पटर और मिहल की छाया में ठंडी चिलम को निष्प्रयोजन गुडग़ुडाता गुसांईं।

Important Pointsकोसी की घटवार-

  • रचनाकार- शेखर जोशी
  • प्रकाशन वर्ष- 1958 ई. 
  • विधा- कहानी
  • पात्र- लक्ष्मा और गोसाई।
  • विषय-  इसमें पहाड़ी जीवन की झलक दिखाई देती है।

Additional Informationशेखर जोशी -                                                                                                  

  • (10 सितम्बर 1932 – 4 अक्तूबर 2022)
  • कथा लेखन को दायित्वपूर्ण कर्म मानने वाले सुपरिचित कथाकारों में से एक थें।
  • शेखर जोशी की कई कहानियों का अंगरेजी, चेक, पोलिश, रुसी और जापानी भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
  • अन्य कहानियां –
    • साथ के लोग (1978)
    • हलवाहा (1981)
    • मेरा पहाड़ (1989)
    • नौरंगी बीमार है (1990)
    • डांगरी वाले (1994)

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अज्ञेय की 'शरणदाता' कहानी में किसका वर्णन किया गया है?

  1. मानव संघर्ष की कहानी
  2. नारी ममता की कहानी
  3. साम्प्रदायिकता-विरोधी कहानी
  4. बाल शोषण की कहानी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : साम्प्रदायिकता-विरोधी कहानी

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 6 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "साम्प्रदायिकता विरोधी कहानी" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • शरणदाता कहानी साम्प्रदायिकता विरोधी कहानी है।
  • शरणदाता' कहानी भारत-पाक विभाजन के समय की घटनाओं को आधार बनाकर लिखी गई है।
Important Points
  • अज्ञेय की कहानियाँ
    • विपथगा (1937)
    • परम्परा (1944)
    • कोठरी की बात (1945),
    • शरणार्थी (1948)
    • जयदोल (1951)
Additional Information
  • उपन्यास
    • शेखर एक जीवनी- प्रथम भाग(उत्थान)1941, द्वितीय भाग(संघर्ष)1944, नदी के द्वीप 1951, अपने अपने अजनबी 1961 ।
  • यात्रा वृतान्त
    • अरे यायावर रहेगा याद? 1953,एक बूँद सहसा उछली 1960।
  • निबंध संग्रह
    • सबरंग, त्रिशंकु, आत्मनेपद, आधुनिक साहित्य: एक आधुनिक परिदृश्य, आलवाल।

निम्नलिखित में से कौन सा सही सुमेलित नहीं है?

  1. डाची - उपेंद्रनाथ अश्क
  2. फॉसी - जैनेन्द्र
  3. आहुति - यशपाल
  4. विपगथा - अज्ञेय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : आहुति - यशपाल

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 7 Detailed Solution

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'आहुति' कहानी यशपाल जी ने नही लिखी है। आहुति कहानी प्रेमचंद जी ने लिखी है।
आहुति' कहानी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौर में प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी एक महत्वपूर्ण कहानी है। 'आहुति' का अर्थ होता है हवन में डालने की सामग्री।
जब यह कहानी लिखी गयी थी तब देश में स्वतंत्रता आंदोलन का विशाल हवनकुंड जल चूका था, जरूरत थी प्रत्येग वर्ग के आहुति की। प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से देश के एक बहुत बड़े वर्ग- छात्र वर्ग को प्रेरित किया है, इस आजादी के हवन में अपने तन,मन,धन की आहुति देने के लिए।

Key Points

जैनेन्द्र की प्रमुख कहानियाँ-

  1. फाँसी - सन 1929
  2. वातायनसन  1931
  3. एक रातसन 1935
  4. नीलम देश की राज कन्यासन 1938
  5. पाजेबसन 1948

अज्ञेय जी की लिखित कहानियाँ

कहानियाँ

रचना वर्ष

विपथगा

1937

परम्परा

1944

कोठरी की बात

1945

शरणार्थी

1948

जयदोल

1951

अज्ञेय की 'शरणदाता' कहानी किससे सम्बंधित है?

  1. मानव प्रेम
  2. नारी उत्पीड़न English Question 1 options 1,2
  3. विभाजन की विभीषिका
  4. प्राकृतिक सौन्दर्य की कहानी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : विभाजन की विभीषिका

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 8 Detailed Solution

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अज्ञेय की 'शरणदाता' कहानी : विभाजन की विभीषिका से सम्बन्धित थी।

Key Points

  • 'पगोड़ा वृक्ष, विपथगा', कोटरी के बात,' 'रोज', 'अमर बल्लारी', कड़िया, 'चौधरी की वापस आदि लेखक की अमर कहानियां है। 
  • 'शरणदाता मानव के संघर्ष की अनूठी कहानी है । भारतीय लोकतंत्र बनने के बाद पंजाब के हरे भरे प्रदेश में सांप्रदायिक दंगे हुए।
  • हजारों ग्रहग्रस्त उखड़कर शरणार्थी बन गए । सदियों पुरानी मानवता स्नेह ममता की डोर टूट गई और पैशाचीक वृत्ति में मानव सब आपसी नाते रिश्ते भूल गया,
  • लेकिन एक ममतामई नारी ने जीवन की दीप्तिमान स्नेह की डोरी से मानव की रक्षा कर पुरानी परंपरा निभाई।
  • सांप्रदायिक भावनाओं में अंधे हुए मानव की हिंसा, क्रोध और ईर्ष्या के साथ मानवीय गुणों के प्रति आस्था रखने वाले लोग भी है।

Additional Information

  • अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय
  • हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
  • 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • 1979 में/कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।  

निम्नलिखित में से शेखर जोशी की रचना है

  1. पहाड़
  2. कोसी का घटवार
  3. पंच परमेश्‍वर
  4. सोने का किला

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कोसी का घटवार

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 9 Detailed Solution

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'कोसी का घटवार' शेखर जोशी की रचना है। अत: सही उत्तर विकल्प 2 कोसी का घटवार है। 

Key Points

  • कोशी का घटवार कहानी ने न सिर्फ शेखर जोशी के प्रशंसकों की लंबी जमात खड़ी की बल्कि नई कहानी की पहचान को भी अपने तरीके से प्रभावित किया है।
  • पहाड़ी इलाकों की गरीबी, कठिन जीवन संघर्ष, उत्पीड़न, यातना, प्रतिरोध, उम्मीद और नाउम्मीदी से भरे औद्योगिक मजदूरों के हालात, शहरी-कस्बाई और निम्नवर्ग के सामाजिक-नैतिक संकट, धर्म और जाति में जुड़ी रुढ़ियां - ये सभी उनकी कहानियों के विषय रहे हैं।

अन्य विकल्प -​

रचना 

परिचय 

पहाड़

यह निर्मल वर्मा द्वारा रचित कहानी है

जीवनी

किसी व्यक्ति के जीवन का चरित्र चित्रण करना अर्थात किसी व्यक्ति विशेष के सम्पूर्ण जीवन वृतांत को जीवनी कहते है। जीवनी का अंग्रेजी अर्थ “बायोग्राफी” है। जीवनी में व्यक्ति विशेष के जीवन में घटित घटनाओं का कलात्मक और सौन्दर्यता के साथ चित्रण होता है।

पंच परमेश्‍वर

पंच परमेश्वर प्रेमचंद की हिंदी में पहली प्रकाशित कहानी थी। यह सन 1916 में छपी थी। यह कहानी लगभग एक नीति कथा की सरल-दृष्टि और सहज-गति से कई सूक्ति वाक्यों के ज़रिए आगे बढ़ती है।

सोने का किला

सत्यजीत राय ने अपने इस उपन्यास में किशोर पाठकों को बंगाल से राजस्थान तक की यात्रा करायी है-कलकत्ता से जैसलमेर की यात्रा। यह उपन्यास एक ऐसे किशोर बालक की मुकुल कथा है।

Additional Information

शेखर जोशी का परिचय - 

  • शेखर जोशी कथा लेखन को दायित्वपूर्ण कर्म मानने वाले सुपरिचित कथाकार हैं।
  • शेखर जोशी की कहानियों का अंगरेजी, चेक, पोलिश, रुसी और जापानी भाषाओं में अनुवाद हुआ है।
  • उनकी कहानी दाज्यू पर बाल-फिल्म सोसायटी द्वारा फिल्म का निर्माण किया गया है।

फणीश्वरनाथ रेणु कौन-सी कहानी है ?

  1. रसप्रिया
  2. रसआखेटक
  3. रसिकप्रिया
  4. प्रियानीकलण्ठी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : रसप्रिया

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 10 Detailed Solution

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रसप्रिया फणीश्वर नाथ रेणु की कहानी है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (1) रसप्रिया सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • फणीश्वर नाथ 'रेणु' (4 मार्च 1921 औराही हिंगना, फारबिसगंज - 11 अप्रैल 1977)
  • और इन्हें "आजादी के बाद का प्रेमचंद" की संज्ञा भी दी जाती है।
  • इनके पहले उपन्यास मैला आंचल के लिए उन्हें "पद्मश्री" पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

फणीश्वर नाथ रेणु के कहानी संग्रह निम्नलिखित हैं:-

कहानी संग्रह

रचना वर्ष

ठुमरी

1959

आदिम रात्रि की महक

1967

अग्निखोर

1973

एक श्रावणी दोपहर की धूप

1984

अच्छे आदमी

1986

 

उदयप्रकाश द्वारा  कौन - सी कहानी नहीं है?

  1. तिरिछ
  2. पाल गोमरा का स्कूटर
  3. पोली आंधी
  4. दरियाई घोड़ा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : पोली आंधी

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 11 Detailed Solution

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"उदय प्रकाश" द्वारा पीली आंधी कहानी नहीं है। अतः उपरोक्त विकल्पों में से विकल्प (3) पीली आंधी सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • पीली आंधी , प्रभा खेतान का उपन्यास है।
  • इसका रचना वर्ष 2001 ईस्वी है।
Important Points
  • प्रभा खेतान के उपन्यास:- 
    • आओ पेपे घर चले
    • तालाबंदी (1991)
    • अग्निसंभवा (1992)
    • एडस
    • छिन्नमस्ता (1993)
    • अपने -अपने चहरे (1994)
    • पीली आंधी (1996)
    • स्त्री पक्ष (1999)
 Additional Information
  • उदय प्रकाश की कहानियां:-
    • दरियाई घोड़ा
    • तिरिछ (1989)
    • और अंत में प्रार्थना (1994)
    • पाल गोमरा का स्कूटर (1997)
    • पीली छतरी वाली लड़की (2001)
    • दत्तात्रेय का दुख (2002)
    • मोहनदास (2010)

निम्नलिखित में से कौन - सी कहानी 'ठुमरी' कहानी संग्रह में नहीं है ?

  1. आदिमरात्रि की महक 
  2. पंचलाइट
  3. तीसरी कसम
  4. रसप्रिया

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आदिमरात्रि की महक 

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 12 Detailed Solution

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आदिम रात्रि की महक कहानी ठुमरी कहानी संग्रह में नहीं है।

Key Points

एक आदिम रात्रि की महक, फणीश्वर नाथ रेणु का एक अन्य कथा संग्रह है।

प्रकाशनवर्ष :- 1967

इसमें संग्रह में कुल 14 कहानियां संकलित हैं।

इस संग्रह की कहानियाँ हैं :-

  • एक आदिम रात्रि की महक - एक रेलवे कर्मचारी के नौजवान सहायक की ज़िन्दगी
  • तबे एकला चलो रे - गाँव के एक भैस की कहानी जो राजनीतिक भूमिका अदा करती है।
  • इसके अलावा इसमें - संवादिया, जाहिद अली, टेबुल,अक्ल और भैंस आदि कुछ मुख्य कहानियांं हैं।
Important Points

ठुमरी

प्रकाशन वर्ष :-1959

रचायिता :- फणीश्वर नाथ रेणु

ठुमरी शीर्षक से कोई कहानी न होते हुए भी इसीलिए लेखक ने इसका नाम ठुमरी नमक गायन विधा के नाम पर रखा है जिसमें मिश्रित भावों और रागों का निरूपण होता है, क्योंकि यह संग्रह विविध प्रकार और भाव वाली कहानियों का संग्रह है।

इस कथा संग्रह की सर्वाधिक प्रसिद्ध कहानी तीसरी कसम है जिस पर शैलेन्द्र ने एक फ़िल्म का निर्माण किया जी इसी तीसरी कसम नाम से है ।  

Additional Information

फणीश्वर नाथ रेणु के अन्य कथा-संग्रह-

  • अग्निखोर,1973
  • एक श्रावणी दोपहर की धूप,1984
  • अच्छे आदमी,1986

'लछमा' किस कहानी का पात्र है?

  1. पुरस्कार 
  2. कोसी का घटवार
  3. पिता
  4. परिंदे

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कोसी का घटवार

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 13 Detailed Solution

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'लछमा' कोसी का घटवार कहानी का पात्र है।

Key Points

  • पुरस्कार कहानी जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित कहानी है।
  • परिंदे कहानी(1960 ई.) को निर्मल वर्मा ने लिखा है।
  • कोसी का घटवार शेखर जोशी की कहानी है।
  • पिता कहानी ज्ञानरंजन की कहानी है।

Important Points

  •  परिंदे कहानी के पात्र - लतिका, गिरीश, हुबर्ट, साहब, जूली, डॉक्टर मुखर्जी, मिसवुड।
  • कोसी के घटवार के अन्य पात्र - गुसाईं, लछमा का बच्चा।
  • पुरस्कार कहानी के पात्र- अरुण, मधूलिका, कोशल, नरेश, सेनापति।

'कविता की नई तारीख' किसकी कहानी है ?

  1. ज्ञान रंजन
  2. काशीनाथ सिंह
  3. श्रीकान्‍त वर्मा
  4. उदय प्रकाश

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : काशीनाथ सिंह

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 14 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "काशीनाथ सिंह" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • कविता की नई तारीख, काशीनाथ सिंह की कहानी है।
  • इसका रचना वर्ष 2010 है।
Important Points
  • काशीनाथ सिंह के कहानी-संग्रह
    • लोग बिस्तरों पर (1968), सुबह का डर (1975) , आदमीनामा (1978), नयी तारीख (1979),  कल की फटेहाल कहानियाँ (1980), प्रतिनिधि कहानियाँ (1984), सदी का सबसे बड़ा आदमी (1986), 10 प्रतिनिधि कहानियाँ (1994), कहनी उपखान (सम्पूर्ण कहानियाँ)  2003 , संकलित कहानियाँ (2008), कविता की नयी तारीख (2010), खरोंच (2014)   
Additional Information
  • श्रीकांत वर्मा के कहानी संग्रह
    • झाड़ी, संवाद, घर, ठंड, बास, साथउदय प्रकाश के कथा साहित्य:
    • दरियायी घोड़ा (1989), तिरिछ(1989), दत्तात्रेय के दुख (2002),  पॉलगोमरा का स्कूटर (1997), अरेबा परेबा, और अंत में प्रार्थना, मोहनदास (2006), मैंगोसिल, पीली, छतरीवाली लड़की (2001), राम सजीवन की प्रेमकथा, दिल्ली की दीवार
  • ज्ञान रंजन की कहानियाँ
    • घंटा, संबंध, पिता, बहिर्गमन, फेंस के इधर और उधर

‘भोलाराम का जीव’ कहानी का व्यंग्य-विषय क्या है?

  1. दिन-प्रतिदिन बढती महँगाई । 
  2. गलत नीतियों के कारण सरकारी योजनाओं की विफलता । 
  3. शासकीय लालफीताशाही, घूसखोरी और क्रूरता । 
  4. बेरोजगारी जनित अपराधवृत्ति । 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : शासकीय लालफीताशाही, घूसखोरी और क्रूरता । 

प्रेमचंदोत्तर युग कहानीकार Question 15 Detailed Solution

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'शासकीय लालफीताशाही, घूसखोरी और क्रूरता' इस कहानी का व्यंग्य-विषय है। अन्य विकल्प अंसगत है। अत: विकल्प 3) सही उत्तर है। 

विशेष: 

  • 'भोलाराम का जीव' रचना प्रसिद्ध व्यंग्यकार 'हरिशंकर परसाई द्वारा रचित है।
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