प्रयोगवाद MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रयोगवाद - Download Free PDF
Last updated on Jul 1, 2025
Latest प्रयोगवाद MCQ Objective Questions
प्रयोगवाद Question 1:
'ब्रह्म राक्षस' किस प्रकार की रचना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 1 Detailed Solution
'ब्रह्म राक्षस' लंबी कविता प्रकार की रचना है।
Key Pointsब्रह्म राक्षस-
- रचनाकार-मुक्तिबोध
- विधा-कविता
- 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' काव्य संग्रह में संकलित कविता है।
Important Pointsगजानन माधव 'मुक्तिबोध'-
- जन्म-1917-1964 ई.
- हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
- उन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है।
- काव्य संग्रह-
- चाँद का मुँह टेढ़ा है(1964 ई.)
- भूरी-भूरी खाक धूल(1980 ई.)
प्रयोगवाद Question 2:
प्रकाशन की दृष्टि से निम्नलिखित काव्य रचनाओं का सही क्रम कौन-सा है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 2 Detailed Solution
काव्य रचनाओं का सही क्रम है- आँगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार, क्योंकि मैं उसे जानता हूँ, पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ।
Key Points
- आँगन के पार द्वार- 1961
- कितनी नावों में कितनी बार- 1967
- क्योंकि मैं उसे जानता हूँ- 1970
- पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ- 1974
Important Pointsअज्ञेय-
- जन्म-1911-1987ई.
- तार सप्तक(1943ई.) के प्रवर्तक है।
- रचनाएँ-
- भग्नदूत(1933ई.)
- चिंता(1942ई.)
- इत्यलम्(1946ई.)
- इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये(1957ई.)
- अरी ओ करुणा प्रभामय(1959ई.) आदि।
- अज्ञेय-
- "व्यक्ति समाज में स्वतंत्र है,समाज से नहीं।"
- "काव्य सबसे पहले शब्द है और सबसे बाद में भी यही बात बच जाती है कि काव्य शब्द हैं।"
प्रयोगवाद Question 3:
'तुझको अपनी
घोरतम निराशा से ही बल लेना होगा।
मृत संस्कारों से अपना जीवन खाली कर
उस खाली - पन को नया मर्म देना होगा।'
उपर्युक्त पंक्तियाँ आत्मजयी के किस अंश की हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- सारथी बुद्धि
Key Pointsआत्मजयी -
- रचनाकार - कुंवर नारायण
- प्रकाशन वर्ष - 1965 ई.
- विधा - खण्ड काव्य
- मुख्य - इस रचना में मिथकीय चेतना है।
- कांठोपनिषद के यम नचिकेता संवाद पर आधारित है।
- इसमें बाजश्रवा पुरानी पीढ़ी का प्रतीक है और नचिकेता आधुनिक पीढ़ी का
कुंवर नारायण-
- जन्म- 1927 ई.
- रचनाएं -
- चक्रव्यूह (1956 ई.)
- परिवेश हम तुम (1961ई.)
- अपने सामने (1979 ई.)
- कोई दूसरा नहीं (1993 ई.)( साहित्य अकादमी पुरस्कार 1995 ई.)
- इन दिनों (2002 ई.)
- बाजश्रवा के बहाने (2008 ई.)
प्रयोगवाद Question 4:
‘सतपुड़ा के जंगल' कविता में किस जनजाति का वर्णन मिलता है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 4 Detailed Solution
‘सतपुड़ा के जंगल' कविता में गोंड जनजाति का वर्णन मिलता है।
Key Pointsसतपुड़ा के जंगल-
- रचनाकार- भवानी प्रसाद मिश्र।
- प्रकाशन वर्ष- 1956 ई०
- विधा- कविता
- काव्य संग्रह- गीत फरोश में संकलित (1956)।
- मुख्य तथ्य-
- सतपुड़ा के जंगल' नामक उनकी कविता में प्रकृति के प्रति उनकी संवेदनशील अनुभूतियां इस प्रकार व्यक्त हुई है।
- सतपुड़ा के घने जंगल नींद में डूबे हुए से, उंघते अनमने जंगल।
- यहां जंगल निर्जीव न रहकर राजीव सप्राण जीवन का प्रतिरू बन गया है।
- इस कविता में मुर्गे और तीतर, हिरण-दल, सुअर और सियार आदि जानवरों का जिक्र है।
Important Pointsभवानीप्रसाद मिश्र-
- जन्म-1913-1985 ई.
- भवानीप्रसाद मिश्र दूसरा सप्तक(1951) के महत्त्वपूर्ण कवि हैं।
- इनकी अधिकांश कविताओं में बोलचाल की शब्दावली तथा बोलचाल के लहजे का प्रयोग हुआ है।
- इनकी भाषा एवं अभिव्यक्ति में लोक जीवन के प्रभाव स्पष्ट रूप से लक्षित होते हैं।
- गांधीवादी विचार धारा के कवि है, कहानीकार उदय प्रकाश ने मिश्र जी को 'कविता का गांधी' कहां है।
- प्रमुख रचनाएं-
- गीत फरोश(1956)
- चकित है दुख(1968)
- बुनी हुई रस्सी(1971)
- खुशबू के शिलालेख(1973)
- अनाम तुम आते हो(1979)
- कालजयी(1980)
- मानसरोवर दिन(1981) आदि।
प्रयोगवाद Question 5:
भवानी प्रसाद मिश्र की किस कविता में एक राजा और रानी की मार्मिक कथा प्रस्तुत की गई है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 5 Detailed Solution
भवानी प्रसाद मिश्र की सन्नाटा कविता में एक राजा और रानी की मार्मिक कथा प्रस्तुत की गई है।
Key Pointsसन्नाटा-
- इस कविता में, राजा और रानी के जीवन की उदासी और अकेलेपन को दर्शाया गया है।
- कविता में, राजा और रानी दोनों ही अपने-अपने तरीके से अकेले हैं। राजा अपनी सत्ता और शक्ति के बावजूद सुख से दूर है, जबकि रानी अपनी सुंदरता और स्थिति के बावजूद उदास है।
Important Pointsभवानीप्रसाद मिश्र-
- जन्म- 1913-1985 ई.
- दूसरा सप्तक के कवि है।
- रचनाएँ-
- गीत फरोश(1956 ई.)
- चकित है दुख(1968 ई.)
- खुशबू के शिलालेख(1973 ई.)
- अनाम तुम आते हो(1979 ई.)
- कालजयी(1980 ई.)
- मानसरोवर दिन(1981 ई.) आदि।
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इनमें से कौन-सी कृति अज्ञेय की है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFहरी घास पर क्षण भर कृति अज्ञेय की है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 3 हरी घास पर क्षण भर होगा ।
Key Points
रचना |
रचनाकार |
संसद से सड़क तक |
धूमिल |
मछली घर |
सुशील कुमार |
हरी घास पर क्षण भर |
अज्ञेय |
साये में धूप |
दुष्यंत कुमार |
'हरी घास पर क्षण भर' किसकी कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - अज्ञेय।
Key Pointsहरी घास पर क्षण भर-
- विधा-काव्य संग्रह
- संग्रहीत कविताएँ हैं-
- नदी के द्वीप,हरी घास पर क्षण भर आदि।
Additional Informationअज्ञेय-
- जन्म-1911-1987 ई.
- तार सप्तक(1943 ई.) के प्रवर्तक है।
- प्रयोगवादी काव्यधारा के कवि है।
- अन्य रचनाएँ-
- भग्नदूत(1933 ई.),चिंता(1942 ई.),इंद्रधनुष रौंदे हुए ये(1957 ई.),अरी ओ करुणा प्रभामय(1959 ई.),सुनहले शैवाल(1966 ई.) आदि।
- अज्ञेय की संपूर्ण कविताओं का संकलन ‘सदानीरा’ नाम से दो भागों में प्रकाशित हुआ है।
- अज्ञेय-
- "व्यक्ति समाज में स्वतंत्र है,समाज से नहीं।"
- "काव्य सबसे पहले शब्द है और सबसे बाद में भी यही बात बच जाती है कि काव्य शब्द हैं।"
निम्नलिखित मे से कौन-सी कृति मुक्तिबोध की नहीं है-
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF2) शुद्ध कविता की खोज मुक्तिबोध की नहीं है। इसके लेखक रामधारीसिंह दिनकर हैं।Additional Information
- मुक्तिबोध का जन्म 13 नवम्बर,1917 को श्योपुर(मध्यप्रदेश) में हुआ। तारसप्तक के पहले कवि थे।
- हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि,आलोचक,निबंधकार,कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
Important Points
इनकी अन्य रचनायें-
- चाँद का मुहँ टेढ़ा है(1964)
- काठ का सपना(1967)
- कामायनी: एक पुनर्विचार(1973)
- विपात्र(1970)
- सतह से उठता आदमी(1971)
- भूरी-भूरी खाक धूल(1980)
निम्नलिखित में से कौन-से अज्ञेय के काव्य हैं -
A. भग्नदूत
B. आत्मा की आंखें
C. आत्महत्या के विरुद्ध
D. चिंता
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिये:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF"भग्न दूत और चिंता" अज्ञेय जी की रचना है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) A और D सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987)
- अज्ञेय प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं।
- अनेक जापानी हाइकु कविताओं को अज्ञेय ने अनूदित किया।
- भग्नदूत :- 1933
- चिन्ता :- 1942
Important Points
- 1936-37 में सैनिक और विशाल भारत नामक पत्रिकाओं का संपादन किया।
- दिनमान साप्ताहिक, नवभारत टाइम्स, अंग्रेजी पत्र वाक् और एवरीमैंस जैसी प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया।
सम्मान :-
अज्ञेय जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-
'अज्ञेय' की रचना है:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFहरी घास पर क्षण भर, एक बेहतरीन काव्य संग्रह है, इसके लेखक हिंदी के अद्वितीय लेखक अज्ञेय है।
अत: यहाँ सही उत्तर 4) अज्ञेय है।
- अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय
- हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
- 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
- 1979 में/कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।
अन्य विकल्प-
- कुरुक्षेत्र, हुंकार - रामधारी सिंह दिनकर
- पवनदूत - अयोध्या सिंह 'हरिऔध'
'हरी घास पर क्षण भर' किस कवि का काव्य संग्रह है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर अज्ञेय है।
Key Points
- 'हरि घास पर क्षण भर' अज्ञेय जी का एक प्रमुख कविता संग्रह है।
- अज्ञेय जी की प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं- आँगन के पार द्वार, अरी ओ करुणा प्रभामय
Additional Information
कवि | रचनाएँ |
मुक्तिबोध | मुक्तिबोध हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे। चाँद का मुँह टेढ़ा है – (कविता संग्रह), नई कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध (निबंध संग्रह), काठ का सपना (कहानी संग्रह) |
रामविलास शर्मा | डॉ॰ रामविलास शर्मा आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे। चार दिन (उपन्यास), पाप के पुजारी (नाटक) |
भारतभूषण अग्रवाल | भारतभूषण अग्रवाल छायावादोत्तर हिंदी कविता के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। वे अज्ञेय द्वारा संपादित तारसप्तक के महत्वपूर्ण कवि हैं। छवि के बंधन, जागते रहो, ओ अप्रस्तुत मन, अनुपस्थित लोग प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं |
'अज्ञेय' की 'असाध्य वीणा' किस प्रकार की काव्य कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रलम्ब काव्य अथवा लम्बी कविता 'असाध्या वीणा' कृति के लिए उचित विकल्प है।
अत: यहाँ सही उत्तर 4) प्रलम्ब काव्य या लम्बी कविता ही होगा।
- असाध्या वीणा, अज्ञेय की अद्भुत लम्बी काव्य कृति-
- जापानी कथा पर आधारित कविता-
- आंगन के पर द्वार काव्य संग्रह में संकलित- 1964ई. में साहित्य अकादमी
- वज्रकीर्ति, प्रियचंद केश कंबली मुख्य पात्र-
'चाँद का मुँह टेढ़ा है' किसकी काव्य रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'चाँद का मुँह टेढ़ा' के रचयिता गजानंद माधव मुक्तिबोध हैं। अत: सही उत्तर विकल्प 3 गजानंद माधव मुक्तिबोध है।
Key Points
- 'चाँद का मुँह टेढ़ा' गजानंद माधव मुक्तिबोध द्वारा रचित लम्बी कविता है।
Additional Information
- अन्य याद रखने योग्य रचनाएँ-
- भूल गलती - चाँद का मुँह टेढ़ा - 1964
- अँधेरे में (लम्बी कविता)- चाँद का मुँह टेढ़ा - 1964
- ब्रहमराक्षस 1957
'मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में', 'असाध्य वीणा' में यह उक्ति किसकी है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFमैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में', 'असाध्य वीणा' में यह उक्ति 'प्रियंवद की' है।
- पंक्ति का अर्थः- (जब प्रियंवद वीणा को बजाता है तो स्वयं को संपूर्ण समर्पण करके अलौकिक (शून्य) स्थिति में पहुँच जाता हैं, मानो उसमें डूब जाता हैं।)
Key Points
- असाध्य वीणा अज्ञेय की रचना है।
- असाध्य वीणा कविता आँगन के पार द्वारा (1961) कविता संग्रह में है।
- असाध्य वीणा एक लंबी कविता है, इसका मूल भाव अहं का विसर्जन है।
असाध्य वीणा कविता के प्रमुख पात्रः-
- प्रियंवद, राजा, रानी, अन्य जन।
अज्ञेय की अन्य प्रमुख रचनाएँ:-
- भग्नदूत (1933), चिंता (1942), इत्यलम् (1946), हरी घास पर क्षण भर (1949), इंद्रधनुष रौंदे हुए ये (1959) आदि।
Additional Information
असाध्य वीणा के प्रमुख तथ्यः-
कविता | संबंधित तथ्य |
असाध्य वीणा |
1) लूंगामिन नामक घाटी में एक विशाल किरी वृक्ष था। 2) जिसमे किसी जादूगर ने एक वीणा का निर्माण किया। 3) अनेक वाद्य कलाकार इस वीणा को नही बजा सके। 4) अंत में वीणा का नाम असाध्य पड़ गया। 5) तब जा कर प्रियंवद नाम के एक साधक ने उस विणा को साधा (बजाया)। |
'हरी घास पर क्षण भर' किसकी काव्य रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रयोगवाद Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- हरी घास पर क्षण भर, एक बेहतरीन काव्य संग्रह है, इसके लेखक हिंदी के अद्वितीय लेखक अज्ञेय है।
- अत: यहाँ सही उत्तर 3) अज्ञेय है।
- अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय
- हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
- 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
- 1979 में/कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ।
Key Points
- अज्ञेय के काव्य संग्रह -
- इत्यलम् - 1946
- कितनी नावों में कितनी बार - 1967
- पहले में सन्नाटा बुनता हूं - 1973
- नदी की बांक छाया - 1981
- प्रयोगवाद के प्रवर्तक।
- अस्तित्ववाद में आस्था रखने वाले कवि।
अन्य महत्वपूर्ण काव्य संग्रह -
- भग्नदूत (प्रथम काव्य संग्रह) - 1933
- हरी घास पर क्षण भर - 1949
- बावरा अहेरी - 1954
- इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये - 1957
- अरी ओ करुणा प्रभामय - 1959
- आंगन के पार द्वार - 1961
- सुनहले शैवाल - 1966
प्रमुख कविताएं -
- असाध्य वीणा (एक लम्बी कविता)
- कलगी बाजरे की
- नदी के द्वीप
- सांप
- हरी घास पर क्षण भर
- जितना तुम्हारा सच
- शब्द और सत्य
- यह दीप अकेला
- प्रयोगवाद तथा नई कविता के शलाका पुरुष
- तार सप्तक, दूसरा सप्तक, तीसरा सप्तक का संपादन किया।
- 1964 में आंगन के पर द्वार पर साहित्य अकादमी
- 1978 में कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार
- तार सप्तक के कवि (कालक्रमानुसार) -
- अज्ञेय
- रामविलास शर्मा
- गजानन माधव मुक्तिबोध
- प्रभाकर माचवे
- नेमिचन्द्र जैन
- गिरिजा कुमार माथुर
- भारत भूषण अग्रवाल