साहित्य MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for साहित्य - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें

Last updated on Apr 22, 2025

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Latest साहित्य MCQ Objective Questions

Top साहित्य MCQ Objective Questions

साहित्य Question 1:

वै कुणसा कवि है जकां री भगति अर चमत्कार री वजे सूं लोग बांनै 'परमेसर' रै समान बतावण लागा हा ?

  1. बारहठ ईसरदास
  2. राठौड़ पृथ्वीराज
  3. सायांजी झूला
  4. माधोदास दधवाड़िया

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बारहठ ईसरदास

साहित्य Question 1 Detailed Solution

वै बारहठ ईसरदास कवि है जकां री भगति अर चमत्कार री वजे सूं लोग बांनै 'परमेसर' रै समान बतावण लागा हा 

Key Points

  • 16वीं सदी में ईसरदास बारहठ, जिन्हें महात्मा ईसरदास भी कहा जाता है, एक प्रसिद्ध कवि और संत थे,
  • जो भगवान कृष्ण के प्रति अपनी गहरी भक्ति और चमत्कारी कार्यों के लिए जाने जाते थे।
  • लोग उन्हें ईसर-सो-परमेश्वर कहते थे, जिसका अर्थ है ईसरदास जो परमेश्वर के समान है
  • एक प्रसिद्ध भक्त कवि थे, जो राजस्थान और गुजरात में लोकप्रिय थे
  • वे 16वीं शताब्दी में राजस्थान के बाड़मेर जिले के भादरेश गांव में वैष्णव चारण परिवार में पैदा हुए थे

Additional Informationराठौड़ पृथ्वीराज-

  • बीकानेरनरेश रायसिंहजी के भाई जो अकबर के दरबार में रहते थे।
  • वे वीर रस के अच्छे कवि थे और मेवाड़ की स्वतंत्रता तथा राजपूतों की मर्यादा की रक्षा के लिये
  • सतत संघर्ष करनेवाले महाराणा प्रताप के अनन्य समर्थक और प्रशंसक थे।
  • अकबर के समय के लिखे हुए इतिहास ‘अकबरनामा’ में उनका नाम दो-तीन स्थानों पर आया है।

सायांजी झूला-

  • सांयाजी झूला एक प्रसिद्ध गुजराती भक्त कवि, दानदाता और परोपकारी थे,
  • जो गुजरात के कुवाव गांव से थे. उन्होंने अपने गांव में कई महत्वपूर्ण संरचनाओं का निर्माण करवाया,
  • जैसे कि गोपीनाथ भादर, मंथीवाला कोट, किला, और बावड़ी

माधोदास दधवाड़िया-

  • माधोदास दधवाड़िया दधवाड़िया कुल के पूर्वज थे, जो एक भक्त, कवि, विद्वान और योद्धा थे।
  • उन्हें मारवाड़ के सूर सिंह ने नापावास और जालोरा की जागीरें प्रदान की थीं
  • माधोदास के पिता चूण्डाजी के संरक्षण में शिक्षा प्राप्त की। वे एक भक्त, कवि, विद्वान और योद्धा के रूप में जाने जाते थे,
  • और उनके साहित्यिक कौशल के लिए मारवाड़ के सूर सिंह ने उन्हें सम्मानित किया था

साहित्य Question 2:

राजस्थानी लोक में पहेली मैं कांई कैयो जावै ?

  1. आडी
  2. गिंगरथ
  3. वात
  4. टपूकड़ा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : आडी

साहित्य Question 2 Detailed Solution

राजस्थानी लोक में पहेली मैं कैयो जावै - आडी

Key Points

  • राजस्थानी भाषा में पहेली को "आडी" कहा जाता है।
  • "आडी" शब्द का अर्थ भी पहेली ही है।
  • राजस्थानी लोक में "आडी" कहने की परंपरा बहुत पुरानी है।

Additional Information

  • राजस्थानी भाषा में 'आड़ी' और 'हीयाली' शब्द पहेलियों के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
  • 'आड़ी' शब्द का प्रयोग पहेली के लिए किया जाता है,
  • जबकि 'हीयाली' का प्रयोग पहेली को हल करने के लिए किया जाता है। 

साहित्य Question 3:

प्राकृत किस परिवार की भाषा है? 

  1. द्रविड़
  2. आर्य 
  3. सेमेटिक
  4. आग्नेय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : आर्य 

साहित्य Question 3 Detailed Solution

प्राकृत आर्य परिवार की भाषा है

Key Pointsहिन्दी भाषा के इतिहास को तीन भागों में विभाजित किया गया है - 

  • प्राचीन भारतीय आर्य भाषा (1500 ई.पू. - 500 ई.पू.)
    • वैदिक संस्कृत (1500 ई. पू. - 1000 ई. पू.)
    • लौकिक संस्कृत (1000 ई. पू. - 500 ई. पू.)
  • मध्यकालीन भारतीय आर्य भाषा (500 ई.पू. - 1000 ई.)
    1. पाली (500 ई. पू .- 1 ई.)
      • पश्चिमोत्तरीय
      • मध्यदेशीय
      • पूर्वी
      • दक्षिणी
    2. प्राकृत (1 ई. - 500 ई.)
      • शौरसेनी
      • पैशाची
      • महाराष्ट्री
      • मागधी
      • अर्धमागधी
    3. अपभ्रंश (500 ई. - 1000 ई.)
      • शौरसेनी - पश्चिमी हिन्दी (ब्रजभाषा, खड़ी बोली, बांगरु, कन्नौजी, बुंदेली), गुजराती, राजस्थानी (मेवाती, मारवाड़ी, मालवी, जयपुरी)
      • पैशाची - लहंदा, पंजाबी
      • महाराष्ट्री - मराठी
      • मागधी - बिहारी (भोजपुरी, मैथिली, मगही), बंगला, उड़िया, असमिया
      • अर्धमागधी - पूर्वी हिन्दी (अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी)
      • खस / मागधी - पहाड़ी हिन्दी)
  • आधुनिक भारतीय आर्य भाषा (1000 ई. - अब तक)
    • पश्चिमी हिंदी उपभाषा
    • पूर्वी हिंदी उपभाषा
    • राजस्थानी उपभाषा
    • बिहारी उपभाषा
    • पहाड़ी उपभाषा

 

साहित्य Question 4:

सालिम अली ने अपनी आत्मकथा किस नाम से लिखी थी?

  1. विंग्स ऑफ़ फायर
  2. द बर्ड वॉचर
  3. फॉल ऑफ़ ए स्पैरो
  4. फॉल ऑफ़ ए टॉरनेडो

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : फॉल ऑफ़ ए स्पैरो

साहित्य Question 4 Detailed Solution

सालिम अली ने अपनी आत्मकथा फॉल ऑफ़ ए स्पैरो नाम से लिखी थी।

Key Points

  • सलीम अली ने अपनी आत्मकथा का नाम 'द फॉल ऑफ ए स्पैरो' रखा और उसका कारण था बचपन की एक घटना I
  • 1985 में अपनी आत्मकथा 'द फॉल ऑफ ए स्पैरो' में, डॉ. सलीम अली ने लिखा था कि उनकी रुचि "अपने प्राकृतिक वातावरण में रहने वाले पक्षी" में थी।
  • यह सब एक छोटी सी पीली गौरैया के साथ शुरू हुआ भारत के सबसे प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी के रूप में बर्डमैन स्लिम अली के करियर के साथ गौरैया का बहुत कुछ है।
  • हमें पता चलता है कि बचपन में उनके पास एक पालतू गौरैया थी।
  • उसने अपनी बहन कामू को चिड़िया के लिए एक जोड़ी शॉर्ट्स सिलने के लिए कहा, ताकि वह जहां भी जाए वहां गड़बड़ न हो। बेशक, पक्षियों की कमर नहीं होती, इसलिए शॉर्ट्स कभी ऊपर नहीं उठते।

Additional Information

रचना  लेखक 
विंग्स ऑफ़ फायर अब्दुल कलाम 
द बर्ड वॉचर सलिम अली 
   

साहित्य Question 5:

लोग पक्षियों को आदमी की नजर से देखना चाहते हैं। किसने कहा था?

  1. जाबिर हुसैन
  2. अज्ञेय
  3. सालिम अली
  4. बिस्मिल्ला खां

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : सालिम अली

साहित्य Question 5 Detailed Solution

लोग पक्षियों को आदमी की नजर से देखना चाहते हैं। सालिम अली ने कहा था

Key Points

  • सालिम अली को पक्षियों से बहुत प्रेम था|
  • वे पक्षियों को उनकी ही नजर से देखते थे।
  • वे पक्षियों की सुरक्षा तथा उनके आनंद के बारे में सोचते थे|
  • पक्षियों की सुरक्षा में उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।
  • मनुष्य पक्षियों की भाषा नहीं समझ सकता। वह उन्हें अपने मनोरंजन के साधन के रूप में देखता है।

Additional Informationजाबिर हुसैन- 

  • जाबिर हुसैन अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के प्राध्यापक रहे। सक्रिय राजनीति में भाग लेते हुए 1977 में मुंगेर से बिहार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और मंत्री बने। वर्ष 1995 से बिहार विधान परिषद के सभापति थे। जाउनकी हिंदी रचनाओं में-
  • जन्म - 1945
  • रचनाएँ -
    • डोला बीबी का मजार
    • अतीत का चेहरा
    • लोगां
    • एक नदी रेत भरी 

अज्ञेय

  • जन्म - 7 मार्च, 1911 ई. 
  • मृत्यु- 4 अप्रैल, 1987 ई. 
  • रचनाएँ - 
  • कविता संग्रह-
    • चिन्ता 1942,
  • कहानियाँ- 
    • विपथगा 1937
  • निबंध संग्रह-
    • आत्मनेपद 1960,
  • उपन्यास -
    • अपने अपने अजनबी 1961

​बिस्मिल्ला खां

  • जन्म - 21 मार्च, 1916 ई. 
  • मृत्यु-  21 अगस्त, 2006 ई. 
  • सम्मान - सन् 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। वह तीसरे भारतीय संगीतकार थे जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया है।

साहित्य Question 6:

डांडे के आसपास कोई गांव गिरांव क्यों नही होते थे?

  1. क्योंकि वहां डाकुओं का आना जाना था।
  2. क्योंकि वह चीनी बॉर्डर था।
  3. क्योंकि वह सोलह सत्रह हजार फीट की ऊंचाई पर था।
  4. क्योंकि वह हिमालय सोलह सत्रह हजार फीट गहराई में था।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : क्योंकि वह सोलह सत्रह हजार फीट की ऊंचाई पर था।

साहित्य Question 6 Detailed Solution

डांडे के आसपास कोई गांव गिरांव नही होते थे- क्योंकि वह सोलह सत्रह हजार फीट की ऊंचाई पर था।

Key Points

  • तिब्बत में पहाड़ों के सीमान्त स्थलों को डांडे कहते हैं।
  • यह सोलह-सत्रह हज़ार फ़ुट की उंचाई पर स्थित है। इनके चारों ओर निर्जन प्रदेश है।
    • यह सोलह सत्रह फीट की ऊंचाई पर स्थित है यहां हमेशा तिब्बती पुलिस घूमती रहती है यहां हमेशा यात्रियों को जान - माल का खतरा बना रहता है
    • डाँड़े तिब्बत का सबसे खतरनाक स्थान है, जो सोलह-सत्रह हज़ार फीट की ऊँचाई पर स्थित है।
    • लेखक और उसके साथी को इसे पार करना था।
    • यह स्थान निर्जन है, इसलिए यह छुपने की सबसे उपयुक्त जगह है. डाडे़ तिब्बत में सबसे खतरे की जगहें मानी जाती हैं। सोलह-सत्ररह हज़ार फीट की।
    • ऊँचाई होने की वजह से  उनके दोनों तरफ़ मीलों तक कोई गाँव-गिरान  नहीं होते।
    • नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण बहुत दूर तक आबादी का नामो निशान नहीं होता तिब्बत में डाँड़े डाकुओं के लिए सबसे सुरक्षित जगह मानी जाती हैं क्योंकि वहाँ ऊँचाई के कारण मीलों तक आबादी नहीं है और नदियों के मोड़ और पहाड़ों के कोनों के कारण दूर तक कोई  दिखाई नहीं देता।
    • यहाँ पुलिस का नियंत्रण भी नहीं है इस वजह से  डाकुओं को कोई डर नहीं है।
  • अतः इसलिए तिब्बत में सबसे खतरनाक स्थान डाँडे है। सोलह सत्ररह हजार फीट ऊँचे स्थान होने कारण दूर तक कोई गाँव नही होता इसलिए डाकुओं का भय बना रहता है।

साहित्य Question 7:

निम्नलिखित जनउला का उत्तर बताइए :

बिना पंख के सुवना, उड़ि चलत अकास। 

रूप रंग इनकें नहीं, मरै न भूख पियास।।

  1. पतंग
  2. पवन
  3. आत्मा/जीवात्मा
  4. सूरज

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : आत्मा/जीवात्मा

साहित्य Question 7 Detailed Solution

इसका सही उत्तर है आत्मा/जीवात्मा l

प्रमुख बिंदु : 

  • यह एक हिंदी पहेली है जिसका अर्थ है की "बिना पंख का तोता जो आकाश की ओर उड़ जाता है ,उसका ना कोई रंग है ना रूप ,वह ना ही भूख-प्यास से मर सकता है" l
  • विकल्पों कों देखने पर आत्मा/जीवात्मा ही इसका उचित स्पष्टीकरण है l

अतिरिक्त जानकारी :

  • ​ पवन भी हो सकता है किन्तु वह केवल आकाश की ओर ना जाकर धरती पर भी बहती है l 
  • पतंग पहेली के अनुसार उचित विकल्प नहीं है l 
  • सूरज आकाश की ओर जाता तो है पर उसका भी रंग रूप होता है, अतः वह भी सही उत्तर नहीं हो सकता है l
  • अतः विकल्प 3 सही उत्तर है l  

साहित्य Question 8:

आधुनिक छपाई तकनीक का आविष्कारक किसे माना जाता है?

  1. जोस बर्गी
  2. लोरेंट कॉस्टर
  3. हेंस लिपेर्शी
  4. जॉन गुटेनबर्ग

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जॉन गुटेनबर्ग

साहित्य Question 8 Detailed Solution

आधुनिक छपाई तकनीक का आविष्कारक जॉन गुटेनबर्ग को माना जाता है। 

Key Points

  • जोहान्स गुटेनबर्ग ने दुनिया का पहला प्रिंटिंग प्रेस बनाया।
  • वह 15 वीं शताब्दी में एक जर्मन लोहार, आविष्कारक और प्रकाशक था।
  • उन्होंने जर्मनी में प्रिंटिंग प्रेस विकसित किया और एक जर्मन कविता दुनिया में मुद्रित होने वाली पहली वस्तु थी।
  • एक प्रिंटिंग प्रेस एक उपकरण है जिससे कागज या कपड़े जैसे एक प्रिंट माध्यम पर स्थित स्याही वाले सतह पर दबाव डाला जाता है, जिससे स्याही स्थानांतरित होती है।

साहित्य Question 9:

भारत के लिए 'इण्डिया' शब्द किसके द्वारा दिया गया?

  1. अंग्रेजों द्वारा
  2. ग्रीक निवासियों द्वारा
  3. दक्षिण भारतियों द्वारा
  4. फ्रांसीसियों द्वारा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ग्रीक निवासियों द्वारा

साहित्य Question 9 Detailed Solution

सही उत्तर 'ग्रीक निवासियों द्वारा' है।

Key Points

  • भारत के लिए 'इण्डिया' शब्द ग्रीक निवासियों द्वारा दिया गया।
  • ग्रीक इतिहासकार हेरोडोटस ने सर्वप्रथम भारत के लिए इंडिया शब्द का प्रयोग किया था। ये नाम इंडस नदी ( सिंधु नदी) के नाम पर था।
  • ग्रीक लोगों ने अनेक भारतीय नदियों के, राजाओं के, और शहरों के अपनी भाषा में अजीब नाम रखे हुए है। जैसे पाटलिपुत्र को वो लोग "पालीबोथरा" कहते थे, मथुरा को "मेटोरा," और बल्ख़ को "बॅक्ट्रिया।" इसी बीच उन्होंने सिंधू को "इंडस" नाम दिया और झेलम को बड़ा ही भयंकर: हायडॅस्प्स्।
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