समास MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for समास - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]

Last updated on Apr 19, 2025

পাওয়া समास उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). এই বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন समास MCQ কুইজ পিডিএফ এবং আপনার আসন্ন পরীক্ষার জন্য প্রস্তুত করুন যেমন ব্যাঙ্কিং, এসএসসি, রেলওয়ে, ইউপিএসসি, রাজ্য পিএসসি।

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समास Question 1:

'दिन-रात' में कौन-सा समास है?

  1. तत्पुरुष
  2. द्विगु
  3. द्वंद्व
  4. कर्मधारय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : द्वंद्व

समास Question 1 Detailed Solution

'दिन-रात' में समास है - 'द्वंद्व'

  • 'द्वंद्व' का समास विग्रह होगा - दिन और रात
    • दिन - दिवस, याम, दिवा, वार, प्रमान, वासर, अह्न।
    • रात - रात्रि, रैन, रजनी, निशा, यामिनी, तमी, निशि, यामा, विभावरी। 
  • जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं
  • दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। 

उदाहरण -

  • सुख-दुख = सुख या दुःख
  • गौरीशंकर = गौरी और शंकर
  • गुण-दोष = गुण अथवा दोष

Key Points

तत्‍पुरूष:-

  • तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण -

  • शोकाकुल = शौक से आकुल
  • रसोईघर = रसोई के लिए घर
  • राष्ट्रगौरव = राष्ट्र का गौरव

द्विगु:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। 

उदाहरण -

  • दोपहर = दो पहरों का समाहार
  • शताब्दी = सौ सालों का समूह
  • चौराहा = चार राहों का समूह

कर्मधारय:-

  • वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान - उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।
  • समास विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।

उदाहरण -

  • चरणकमल = कमल के समान चरण
  • नीलगगन = नीला है जो गगन
  • देहलता = देह रूपी लता

समास Question 2:

कौनसा शब्द कर्मधारय समास का उदाहरण नहीं है? 

  1. तीव्रवेग
  2. शुभावसर
  3. सदाचार
  4. आत्ममग्न

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : आत्ममग्न

समास Question 2 Detailed Solution

'कर्मधारय समास' का उदाहरण नहीं है- 'आत्ममग्न'

  • आत्ममग्न - आत्म में मग्न (तत्पुरुष समास)
  • आत्ममग्न - अपने बारे में या अपनी आत्मा का ज्ञान।

Key Pointsकर्मधारय समास-

  • तीव्रवेग = तीव्र है जो वेग
  • शुभावसर = शुभ है जो अवसर
  • सदाचार = सत् (अच्छा) है जो आचार

Important Points

तत्‍पुरूष:-

  • तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है
  • एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण -

  • शोकाकुल = शौक से आकुल
  • रसोईघर = रसोई के लिए घर
  • राष्ट्रगौरव = राष्ट्र का गौरव

कर्मधारय:-

  • वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है
  • अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान - उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।
  • समास विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।

उदाहरण -

  • चरणकमल = कमल के समान चरण
  • नीलगगन = नीला है जो गगन
  • देहलता = देह रूपी लता

समास Question 3:

“इस मंदिर में लोग पीतांबर पहनकर पूजा करते है”। उपर्युक्त वाक्य में रेखांकित पद में कौन-सा समास है

  1. द्वंद्व
  2. कर्मधारय
  3. बहुब्रीहि
  4. तत्पुरुष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कर्मधारय

समास Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर कर्मधारय समास है।
Confusion Points

  • यहाँ पर कर्मधारय क्यों होगा उसका सीधा सा उत्तर यह है कि वाक्य का सन्दर्भ मंदिर में कपड़े पहनने से सम्बंधित है।
  • जिससे विशेषण - विशेष्य सम्बन्ध भाव स्थापित होने से कर्मधारय समास होगा, यहाँ अन्य पद की प्रधानता का प्रसंग नही है।

Key Points

  • ‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह ‘पीला है जो अम्बर’ होगा। 
  • ‘पीताम्बर’ का सामासिक विग्रह करने पर ‘पीला है जो अम्बर’ में 'है जो' शब्द आया है अर्थात विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आये तो वहाँ कर्मधारय समास होता है।

Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास 

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात् हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय 

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु 

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्ययीभाव 

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व  

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

 Mistake Points
  • ‘पीला है जो अम्बर’ - वस्त्र (पीताम्बर) - कर्मधारय 
  • ‘पीत है अम्बर’ जिसके - विष्णु और कृष्ण (पीताम्बर) बहुब्रीहि 

समास Question 4:

'त्रिलोक' का समास विग्रह है-

  1. तीन लोक जो सबसे बड़े हैं
  2. तीन लोक जो एक साथ हैं
  3. भगवान का एक नाम
  4. तीन लोकों का समाहार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : तीन लोकों का समाहार

समास Question 4 Detailed Solution

'त्रिलोक' का समास विग्रह है- तीन लोकों का समाहार

  • 'त्रिलोक' शब्द में द्विगु समास है।
  • अन्य सभी विकल्प समास विग्रह की दृष्टि से अशुद्ध है। 

Key Pointsद्विगु:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। 

उदाहरण -​

  • नवरत्न = नौ रत्नों का समूह
  • सतसई = सात सौ का समाहार
  • शताब्दी = शत अब्दों का समूह
  • पंचवटी = पाँच वटों का समाहार

समास Question 5:

निम्नलिखित में से कौन-सा शब्द 'अव्ययीभाव समास' का उदाहरण है?

  1. अभूतपूर्व 
  2. परमानंद
  3. आनंदमठ
  4. शूलपाणि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अभूतपूर्व 

समास Question 5 Detailed Solution

'अव्ययीभाव समास' का उदाहरण है- 'अभूतपूर्व'

  • अभूतपूर्व = जो पहले नहीं हुआ - अव्ययीभाव समास

Key Points

  • परमानंद = परम है जो आनंद (कर्मधारय समास)
  • आनंदमठ = आनंद का मठ (तत्पुरुष समास)
  • शूलपाणि = शूल (त्रिशुल) है पाणि (हाथ) में जिसके अर्थात् शिव (बहुव्रीहि समास)

Important Points अव्ययीभाव समास के अन्य उदाहरण:-

  • निधड़क = बिना धड़क के
  • आपादमस्तक = पाद से मस्तक तक
  • बेकायदा = बिना कायदे का
  • यथास्थान = स्थान के अनुसार
  • प्रत्युपकार = उपकार के प्रति
  • निर्विकार =  बिना विकार के
  • हाथोंहाथ = एक हाथ से दूसरे हाथ

Additional Informationकर्मधारय समास के उदाहरण:-

  • रक्तकमल = रक्त (लाल) है जो कमल
  • क्रोधाग्नि = क्रोध रूपी अग्नि
  • मृगलोचन = मृग के समान लोचन
  • अधपका = आधा है जो पका
  • वचनामृत = अमृत रूपी वचन
  • चंद्रमुख = चंद्र के समान मुख
  • कालीमिर्च = काली है जो मिर्च

तत्पुरुष समास के उदाहरण:-

  • धर्मान्ध = धर्म से अन्धा 
  • स्नानागार = स्नान के लिए आगार 
  • प्रकृतिप्रदन्त = प्रकृति द्वारा प्रदन्त
  • हस्तलिखित = हस्त से लिखित
  • प्रेमोपासक = प्रेम का उपासक
  • नीतिनिपुण = नीति में निपुण 
  • आपबीती = आप पर बीती 

बहुव्रीहि समास के उदाहरण:-

  • वीणापाणि = वीणा है हाथ में जिसके- सरस्वती
  • षडानन = वह जिनके षट् आनन हैं- कार्तिकेय
  • पद्मासना = पद्म है आसन जिसका- लक्ष्मी
  • सूतपुत्र = सूत (सारथी) का पुत्र है जो- कर्ण
  • दिगम्बर = दिशाएँ ही हैं वस्त्र जिसके -शिव
  • विषधर = विष को धारण करने वाला- साँप
  • चतुर्भुज = चार हैं भुजाएँ जिसके- विष्णु

समास Question 6:

निम्नलिखित शब्द का समास-विग्रह बताइए।

"घुड़दौड़"

  1. घोड़े जैसी तेज़ दौड़
  2. घोड़े की दौड़
  3. दौड़ने वाला घोड़ा
  4. घोड़ा और दौड़

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : घोड़े की दौड़

समास Question 6 Detailed Solution

"घुड़दौड़" का समास-विग्रह- घोड़े की दौड़

"घुड़दौड़" में सम्बन्ध तत्पुरुष समास है 

इसमें 'की' कारक का प्रयोग होने के कारण संबंध तत्पुरुष समास है।

Key Points संबंध तत्पुरुष समास

  • जिस तत्पुरुष समास में सम्बंध कारक के कारक चिन्ह (का, के, की) का लोप हुआ हो उसे सम्बंध तत्पुरुष समास कहते हैं
  • जैसे- नगरसेठ, राजमाता

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्ययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

 

समास Question 7:

द्वन्द्व समास किस शब्द में नहीं है?

  1. हरिहर
  2. शीतोष्ण
  3. गौरीशंकर
  4. मंत्रि-परिषद्

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मंत्रि-परिषद्

समास Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर 'मंत्रि-परिषद्है।

  • दिए गए विकल्पों में से 'मंत्रि-परिषद्' द्वन्द्व समास का उदाहरण नहीं है।
  • मंत्रिपरिषद में तत्पुरुष समास है।
  • समास विग्रह - मंत्रियों की परिषद
  • मंत्रिपरिषद उत्तरपद प्रधान है तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप रहा है।
  • जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर 'और', 'अथवा', 'या', 'एवं' लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:​

ब्द  समास विग्रह समास 
हरिहर हरि और हर द्वन्द्व 
शीतोष्ण  शीत और उष्ण द्वन्द्व 
गौरीशंकर  गौरी और शंकर द्वन्द्व 

Additional Information

समास-समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं-

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

समास Question 8:

'परमानन्द' शब्द में समास है:

  1. तत्पुरुष
  2. द्विगु
  3. अव्ययीभाव
  4. कर्मधारय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : कर्मधारय

समास Question 8 Detailed Solution

'परमानन्द' शब्द में समास है:- कर्मधारय

  • 'परमानन्द' का समास विग्रह - परम है जो आनंद।

कर्मधारय समास:-

  • वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा 
  • पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान - उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।
  • समास विग्रह करते समय दोनों पदों के बीच में के सामान’, ‘है जो’, ‘रुपी’ में से किसी एक शब्द का प्रयोग होता है।

उदाहरण - 

  • मृगलोचन = मृग के सामान लोचन
  • नवयुवक = नव है जो युवक​
  • कीर्तिलता = कीर्ति रुपी लता

Key Pointsसमास के भेद-

  1. अव्ययी भाव समास
  2. तत्पुरुष समास
  3. कर्मधारय समास
  4. द्विगु समास
  5. द्वन्द्व समास
  6. बहुव्रीहि समास 

Important Points

तत्‍पुरूष:-

  • तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण -

  • धनहीन = धन से हीन
  • आपबीती = आप पर बीती
  • गगनचुम्बी = गगन को चूमने वाला।

द्विगु:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। 

उदाहरण -

  • त्रिराहा = तीन रास्तों का समाहार
  • नवरत्न = नौ रत्नों का समूह

अव्‍ययीभाव:-

  • जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। 
  • अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।

उदाहरण -

  • आजन्म = जन्म से लेकर
  • यथामति = मति के अनुसार
  • प्रतिदिन = दिन-दिन

समास Question 9:

निम्नलिखित में से ‘नवग्रह’ में  कौन-सा समास है?

  1. तत्पुरुष समास
  2. द्विगु समास
  3. द्वंद्व समास
  4. बहुब्रीहि समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : द्विगु समास

समास Question 9 Detailed Solution

इस प्रश्न का सही उत्तर विकल्प 2 द्विगु समास है। इसके अन्य विकल्प अनुचित उत्तर होंगे।

स्पष्टीकरण:

नवग्रह= नौ ग्रहों क समूह  

विशेष:

तत्पुरुष

जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है। 

 मन से माना हुआ = मनमाना

द्विगु

जिस समस में पूर्वपद(पहला पद) संख्यावाचक हो।

चार राहों का समूह = चौराहा

द्वंद्व 

जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है ।

माता और पिता = माता-पिता

सीता और राम = सीताराम

 बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान

 

समास Question 10:

'पलपल' में कौन सा समास है?

  1. द्विगु
  2. कर्मधारय
  3. अव्ययीभाव
  4. तत्पुरुष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अव्ययीभाव

समास Question 10 Detailed Solution

सही उत्तर अव्ययीभाव है 

Key Points

  • 'पलपल' में अव्ययीभाव समास है।
  • 'पलपल' का समास विग्रह- हर पल 
  • इसमें पहला पद प्रधान एवं अव्यय है

अन्य उदाहरण-

  • प्रतिदिन = दिन-दिन
  • अनुरूप = रूप के योग्य
  • आजन्म = जन्म से लेकर

Additional Information

समास: जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं। समास के छः भेद है। द्वन्द्व समास, द्विगु समास, तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, अव्ययीभाव समास तथा बहुव्रीहि समास।

समास

परिभाषा

उदाहरण

द्वन्द्व समास

जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर ‘और’, अथवा, ‘या’, एवं लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है।

राधा-कृष्ण - राधा और कृष्ण

द्विगु समास

जिस समास का पूर्वपद संख्यावाचक विशेषण हो उसे द्विगु समास कहते हैं। इससे समूह अथवा समाहार का बोध होता है।

अठन्नी - आठ आनों का समूह

तत्पुरुष समास

जिस समास का उत्तरपद प्रधान हो और पूर्वपद गौण हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।

भूदान – भू का दान

कर्मधारय समास

इस समास का उत्तर पद प्रधान होता है। इस समास में विशेषण-विशेष्य और उपमेय-उपमान से मिलकर बनते हैं उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

पीताम्बर - पीत है जो अम्बर

अव्ययीभाव समास

जिस समास का पहला पद (पूर्व पद) प्रधान हो और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।

यथाविधि- विधि के अनुसार

बहुव्रीहि समास

इस समास में अन्य पद प्रधान होता है और समस्त पद किसी अर्थ के सूचक होते हैं।  

दशानन – दस है आनन जिसके अर्थात रावण

 

 

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