Question
Download Solution PDFराम कहता है कि, “मैं मोहन की पुस्तकें पढ़ सकता हूँ"। इसमें कौन सा पद-संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, बहुवचन तथा कर्मकारक आदि पदान्वय में है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFअन्य विकल्प :
पढना - यह क्रिया के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
राम - यह कर्ता के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
मोहन - यह सम्बन्ध के रूप में प्रयुक्त हुआ है।
कारक |
परिभाषा |
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संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसके सम्बन्ध का बोध होता है, उसे कारक कहते हैं। हिन्दी में आठ कारक होते हैं- कर्ता, कर्म, करण, सम्प्रदान, अपादान, सम्बन्ध, अधिकरण और सम्बोधन। |
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चिह्न |
अर्थ |
कर्ता |
ने |
काम करने वाला |
कर्म |
को |
जिस पर काम का प्रभाव पड़ रहा हो |
करण |
से |
जिसके द्वारा कर्ता काम करे |
संप्रदान |
को, के लिए |
जिसके लिए क्रिया की जाए |
अपादान |
से (अलग होना) |
जिससे अलगाव हो |
संबंध |
का, की, के, न, नी, ने, रा, री, रे |
अन्य पदों से संबंध |
अधिकरण |
में, पर |
क्रिया का आधार |
संबोधन |
हे, अरे |
किसी को पुकारना, बुलाना आदि |
Last updated on May 12, 2025
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