Question
Download Solution PDFलोकसभा चुनावों में भारत की मतदान प्रणाली के संबंध में निम्नलिखित में से कौन से कथन सही हैं?
1. 1952 और 1957 के पहले दो आम चुनावों में, प्रत्येक उम्मीदवार के लिए उनके चुनाव चिह्न के साथ एक अलग बॉक्स रखा गया था।
2. 1962 में तीसरे आम चुनाव से, उम्मीदवारों के नाम और प्रतीकों वाले मतपत्रों को आरम्भ किया गया था।
3. लोकसभा के 2004 के आम चुनावों से, सभी निर्वाचन क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग किया गया है।
4. 2019 से, EVM को सभी निर्वाचन क्षेत्रों में 100% मतदाता सत्यापन योग्य पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर्चियों द्वारा समर्थित किया गया है।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन करें:
Answer (Detailed Solution Below)
Option 4 : 1, 2, 3, और 4
Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 4 है।
In News
- चुनाव आयोग (EC) ने राजनीतिक दलों को चुनावी प्रक्रिया में सुधारों पर चर्चा करने के लिए आमंत्रित किया है। इसमें मतदाता पहचान पत्र के दोहराव, मतदाता सूची में हेरफेर और EVM-VVPAT सत्यापन पर चिंताएँ सम्मिलित हैं। भारत की मतदान प्रणाली का विकास इन चर्चाओं का एक महत्वपूर्ण भाग बना हुआ है।
Key Points
- प्रारंभिक मतदान प्रणाली:
- 1952 और 1957 में, मतदाताओं को प्रत्येक उम्मीदवार के प्रतीक को सौंपे गए बक्सों में रिक्त मतपत्र डालने पड़ते थे। इसलिए, बिंदु 1 सही है।
- 1962 में, उम्मीदवारों के नाम और प्रतीकों वाले मतपत्रों को आरम्भ किया गया था, जिससे मतदाता स्पष्टता में सुधार हुआ। इसलिए, बिंदु 2 सही है।
- EVM का परिचय:
- EVM को चरणों में प्रस्तुत किया गया था लेकिन 2004 में सभी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में अनिवार्य हो गया। इसलिए, बिंदु 3 सही है।
- पारदर्शिता में सुधार के लिए, 2019 में 100% VVPAT सत्यापन आरम्भ किया गया था। इससे मतदाता कागज़ की पर्चियों पर अपने वोटों का सत्यापन कर सकते हैं। इसलिए, बिंदु 4 सही है।
Additional Information
- वर्तमान चुनावी चुनौतियाँ:
- कई राज्यों में दोहराए गए मतदाता पहचान पत्र का पता चला है।
- EVM के साथ पूर्ण VVPAT सत्यापन की मांगों को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया है।
- चुनाव प्रचार का उल्लंघन, अत्यधिक चुनाव खर्च और राजनीति का अपराधीकरण प्रमुख चिंताएँ बनी हुई हैं।
- प्रस्तावित चुनावी सुधार:
- विसंगतियों के मामले में EVM परिणामों का सख्त सत्यापन।
- दोहराव को रोकने के लिए संभवतः आधार-मतदाता पहचान पत्र लिंकेज।
- निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अभियान खर्च और उम्मीदवारों के खुलासे पर नियम।