रूपरेखा
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सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवाओं ने संचार में क्रांति ला दी है लेकिन साथ ही साथ ये गलत सूचना का प्रसार, कट्टरपंथ, साइबर अपराध और एन्क्रिप्शन के कारण ट्रेसबिलिटी की कमी के जैसी महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौतियाँ भी पेश करती हैं। ये चुनौतियाँ सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करती हैं।
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भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021:
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023: उपयोगकर्ता डेटा सुरक्षा और डेटा उल्लंघनों के लिए प्लेटफ़ॉर्म को जवाबदेह बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
सीमा पार सहयोग बढ़ाने के लिए डेटा-शेयरिंग और साइबरथ्रेट इंटेलिजेंस पर अंतर्राष्ट्रीय संधियाँ स्थापित करना। उदाहरण: फाइव आईज़ एलायंस स्थापित करना
गलत सूचना, फर्जी समाचार और गोपनीयता जोखिमों की पहचान करने के लिए उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करने हेतु अभियान।
गोपनीयता और सुरक्षा के बीच संतुलन महत्वपूर्ण है। जबकि सरकारों और तकनीकी कंपनियों को विनियमन बढ़ाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, उपयोगकर्ता जागरूकता और नवीन प्रौद्योगिकियाँ सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग चुनौतियों को व्यापक तरीके से संबोधित करने में महत्वपूर्ण होगा।
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