भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत मानचित्रों या चार्टों के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सत्य है?

  1. मानचित्रों या चार्टों में तथ्यों का विवरण तब तक अप्रासंगिक है जब तक कि मानचित्र निजी संस्थाओं द्वारा न बनाए गए हों।
  2. प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, सार्वजनिक बिक्री के लिए प्रस्तुत, या सरकारी प्राधिकरण के तहत बनाए गए मानचित्रों में तथ्यों के कथन प्रासंगिक तथ्य हैं।
  3. केवल निजी तौर पर बनाए गए मानचित्रों या चार्टों में दिए गए कथन ही प्रासंगिक माने जाते हैं।
  4. मानचित्रों और चार्टों को प्रासंगिक तथ्य मानने के लिए उन्हें अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रकाशित किया जाना चाहिए।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, सार्वजनिक बिक्री के लिए प्रस्तुत, या सरकारी प्राधिकरण के तहत बनाए गए मानचित्रों में तथ्यों के कथन प्रासंगिक तथ्य हैं।

Detailed Solution

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सही कथन विकल्प 2 है।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 30 मानचित्रों, चार्टों और योजनाओं में कथनों की प्रासंगिकता से संबंधित है।
  • प्रकाशित मानचित्रों या चार्टों में, जो सामान्यतः सार्वजनिक विक्रय के लिए प्रस्तुत किए जाते हैं, अथवा केन्द्रीय सरकार या किसी राज्य सरकार के प्राधिकार के अधीन बनाए गए मानचित्रों या योजनाओं में, विवाद्यक तथ्यों या सुसंगत तथ्यों के कथन, ऐसे मानचित्रों, चार्टों या योजनाओं में सामान्यतः दर्शाए गए या कथित विषयों के संबंध में, स्वयं सुसंगत तथ्य हैं।

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