Question
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से कौन अशाब्दिक संप्रेषण को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसंप्रेषण के लिए लैटिन में 'कम्युनिस' का प्रयोग किया जाता है जिसका अर्थ है 'साझा करना'। यह भाषण, दृश्य, संकेत, लेखन या व्यवहार के माध्यम से विचारों, संदेशों या सूचनाओं के आदान-प्रदान के माध्यम से जानकारी प्रदान करने की गतिविधि है। संवाद को व्यापक रूप से दो भागों में - शाब्दिक और अशाब्दिक संप्रेषण में वर्गीकृत किया जाता है।
संप्रेषण के प्रकार:
1. शाब्दिक संप्रेषण: शाब्दिक संप्रेषण में जानकारी को साझा करने के लिए भाषा का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, किसी प्रश्नपत्र पर लिखे गए निर्देश, ऑनलाइन कक्षा में भाग लेना और योग प्रशिक्षक द्वारा योगासन का प्रशिक्षण आदि।
2. अशाब्दिक संप्रेषण: संप्रेषण की इस प्रक्रिया में इस प्रक्रिया में शब्दों का प्रयोग किए बिना संदेश भेजे व प्राप्त किए जाते हैं। अशाब्दिक संप्रेषण के विवरणों के माध्यम से बताने की कोशिश की जाती है कि हम कौन हैं, एक दूसरे से किस प्रकार संबंधित और प्रभावित होते हैं। इनमें निम्न तत्व शामिल हैं:
- रंग-रूप: रंग, वेशभूषा, केशविन्यास और उपस्थिति को प्रभावित करने वाले अन्य कारकों का चुनाव अशाब्दिक संप्रेषण का साधन माना जाता है। इन चीजों का प्रभाव सबसे पहले पड़ता है। यही कारण है कि विशेषज्ञ के द्वारा अभ्यर्थियों को किसी नियोक्ता के समक्ष साक्षात्कार में प्रस्तुत होते समय उचित वेशभूषा पहनने की सलाह दी जाती है।
- चेहरे के भाव: किसी जानकारी को मुस्कुराहट या क्रोध के साथ व्यक्त किया जा सकता है। अलग-अलग संस्कृतियों में संप्रेषण और व्यवहार के अर्थ भी नाटकीय रूप से बदल सकते हैं। हालांकि खुशी, उदासी, क्रोध और भय को व्यक्त करने वाले चेहरे के भाव पूरी दुनिया में समान हैं।
- आंगिक अभिनय: आमतौर पर किसी संख्या को दर्शाने के लिए हाथ हिलाना, हाथ या उंगलियों का प्रयोग किया जाता है। हालांकि,, कुछ आंगिक अभिनय स्वेच्छिक और संस्कृति विशेष से संबंधित होते हैं। उदाहरण के लिए, बंद मुट्ठी के माध्यम से क्रोध या एकजुटता कोई भी भाव व्यक्त किया जा सकता है।
- पराभाषाविज्ञान: यह मौखिक संप्रेषण को संदर्भित करता है जिसमें वास्तविक भाषा का प्रयोग नहीं होता है। इसमें आवाज़ निकालने का तरीका, आवाज़ की प्रबलता, आवाज़ में उतार-चढ़ाव और आवाज़ का स्तर जैसे कारक शामिल हैं।
- शारीरिक हाव-भाव (गतिकी) और मुद्रा: बाहों-को मोड़ना और पैर-मोड़ना आत्मरक्षक की मुद्रा को दर्शाते हैं। शारीरिक हाव-भाव बहुत सूक्ष्म और कम स्पष्ट होते हैं।
- समीपता: यह संदर्भित करता है कि लोग समीपता का उपयोग और उसकी व्याख्या किस तरह से करते हैं। हमें कितनी समीपता की जरूरत है और हमें जो समीपता मिली है उसे हम कैस देखते हैं, वह कई कारकों जैसे कि सामाजिक मानदंडों, परिस्थितिजन्य कारकों, व्यक्तित्व की विशेषताओं और अंतरंगता के स्तर से प्रभावित होती है।
- आंख से घूरना (आँखों का संपर्क): तलाशना, घूरना और पलक झपकाना भी महत्वपूर्ण अशाब्दिक व्यवहार हो सकता है। उदाहरण के लिए जब एक व्यक्ति उन लोगों या चीजों का सामना करता है जो उन्हें पसंद करते हैं, तो पलक झपकने की दर बढ़ जाती है और आँखों की पुतली पतली हो जाती है। किसी दूसरे व्यक्ति को देखने के तरीके मात्र से ही कई तरह की भावनाओं को व्यक्त किया जा सकता है जैसे कि शत्रुता, प्रेम और आकर्षण।
- स्पर्श सप्रेषण (स्पर्श): इसका उपयोग स्नेह, अंतरंगता, सहानुभूति और हाथ पकड़ने, पीठ थपथपाने जैसी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जा सकता है।
Last updated on Jun 22, 2025
-> The UGC Net Admit Card has been released on its official website today.
-> The UGC NET June 2025 exam will be conducted from 25th to 29th June 2025.
-> The UGC-NET exam takes place for 85 subjects, to determine the eligibility for 'Junior Research Fellowship’ and ‘Assistant Professor’ posts, as well as for PhD. admissions.
-> The exam is conducted bi-annually - in June and December cycles.
-> The exam comprises two papers - Paper I and Paper II. Paper I consists of 50 questions and Paper II consists of 100 questions.
-> The candidates who are preparing for the exam can check the UGC NET Previous Year Papers and UGC NET Test Series to boost their preparations.