Question
Download Solution PDFएक धातु का वह गुणधर्म जो इसे अधिक छोटे खंडों में कर्षित होने की अनुमति देता है उसे क्या कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFतन्यता
- तन्यता धातु का वह गुणधर्म है जो इसे विदर प्राप्त होने से पहले पर्याप्त सीमा तक कर्षित या दीर्घित करनें में सक्षम बनाता है।
- परीक्षण के नमूने में विदर होने से पहले क्षेत्र में प्रतिशत में दीर्घीकरण या प्रतिशत में कमी, तन्यता का एक माप है। आम तौर पर यदि प्रतिशत में दीर्घीकरण 15% से अधिक है तो धातु तन्य होती है और यदि यह 5% से कम है तो धातु भंगुर होती है।
- लैड,काॅपर,एल्युमिनीयम,मृदू स्टील विशिष्ट तन्य धातु है।
भंगुरता
- भंगुरता, तन्यता के विपरीत होती है। भंगुर धातु विभंग से पहले थोड़ा विरूपण दिखाती है और विफलता बिना किसी चेतावनी के अचानक होती है यानी यह अधिक स्थायी विरूपण के बिना वियोजन का गुमधर्म है। आम तौर पर अगर दीर्घीकरण 5% से कम होता है तो धातु भंगुर होती है, जैसे ढलवा लोहा, कांच, चीनी मिट्टी की चीज़ें विशिष्ट भंगुर धातु हैं।
आघातवर्धनीयता
- आघातवर्धनीयता वह गुण है जिसके आधार पर एक धातु को बिना किसी विदर के पतली शीट में अंकित या वेल्लित किया जा सकता है। यह गुणधर्म आमतौर पर पर तापमान में वृद्धि के साथ बढ़ता है।
- संपीडक बल के अधीन होने पर आघातवर्धनीयता एक धातु में अधिक विरूपण या प्लास्टिक प्रतिक्रिया दर्शाने की क्षमता है।
- लचीलेपन का हृासमान कम करने के लिए लेड, मृदू स्टील, ताड्य लौह, तांबा और एल्युमीनियम कुछ धातुयाँ हैं।
- एक धातु जिसे पतली प्लेट में पीटा जा सकता है,वह लचीलेपन गुणधर्म युक्त होती है।
प्रत्यास्थता:
- जब कोई बाह्य बल निकाय पर कार्यरत होता है, तो निकाय कुछ विरुपण से गुजरता है।
- यदि बाह्य बल को हटा दिया जाता है, तो शरीर अपनी मूल आकृति और आकार में वापस आ जाता है, इस निकाय को प्रत्यास्थ निकाय के रूप में जाना जाता है और इस गुण को प्रत्यास्थता कहा जाता है।
सुनम्यता:
- एक प्लास्टिक धातु भार हटाने के बाद अपने मूल आकार को पुनः प्राप्त नहीं कर सकती। एक प्रत्यास्थ धातु भार हटाने के बाद अपने मूल आकार को पुन: प्राप्त कर सकती है।
तन्यता:
- एक गुणधर्म जिसके आधार पर उस पदार्थ को किसी तार के रुप में कर्षित किया जा सकता है, तन्य पदार्थ कहलाता है।
Last updated on May 28, 2025
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