Question
Download Solution PDFसूची I के साथ सूची II का मिलान कीजिए:
सूची I |
सूची II |
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A. |
सापेक्ष वंचन सिद्धांत |
I. |
इसका विश्वास है कि शिक्षा जैसी किसी भी प्रमुख एजेंसी का उद्देश्य बच्चों व किशोरों को सामाजिक बनाना है। |
B. |
द्वंद सिद्धांत |
II. |
यह स्वतंत्रता, समता, न्याय आदि जैसी अवधारणाओं के अर्थ को स्पष्ट करता है। |
C. |
संरचनात्मक कार्यात्मकता |
III. |
इसका विश्वास है कि सामाजिक द्वंद्वो का उदय तब होता है जब कोई एक सामाजिक समूह अपने परिवेशी समूहों की तुलना में स्वयं को बुरी अवस्था में महसूस करता है। |
D. |
राजनीतिक सिद्धांत |
IV. |
यह सिद्धांत मार्क्सवाद से सर्वाधिक जोड़ा जाता है। |
निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसूची I | सूची II |
सापेक्ष वंचन सिद्धांत |
III. इसका विश्वास है कि सामाजिक द्वंद्वो का उदय तब होता है जब कोई एक सामाजिक समूह अपने परिवेशी समूहों की तुलना में स्वयं को बुरी अवस्था में महसूस करता है। |
द्वंद सिद्धांत |
IV. यह सिद्धांत मार्क्सवाद से सर्वाधिक जोड़ा जाता है। |
संरचनात्मक कार्यात्मकता |
I. इसका विश्वास है कि शिक्षाइसका विश्वास है कि शिक्षा जैसी किसी भी प्रमुख एजेंसी का उद्देश्य बच्चों व किशोरों को सामाजिक बनाना है। |
राजनीतिक सिद्धांत |
II. यह स्वतंत्रता, समता, न्याय आदि जैसी अवधारणाओं के अर्थ को स्पष्ट करता है। |
- A. सापेक्ष वंचन सिद्धांत:
- सापेक्ष वंचन सिद्धांत सुझाव देता है कि सामाजिक संघर्ष और तनाव तब उत्पन्न होते हैं जब कोई समूह या व्यक्ति अपने सामाजिक परिवेश में दूसरों की तुलना में स्वयं को बदतर या वंचित मानता है।
- यह इस विचार पर आधारित है कि लोग अपनी भलाई और स्थिति का मूल्यांकन न केवल निरपेक्ष रूप से करते हैं बल्कि दूसरों के मानकों और स्थितियों के सापेक्ष भी करते हैं।
- यदि उन्हें लगता है कि उनके आस-पास के अन्य लोगों के पास बेहतर संसाधन, अवसर या सामाजिक स्थिति है, तो इससे निराशा, नाराजगी और परिवर्तन या सुधार की इच्छा की भावना पैदा हो सकती है।
- B. द्वंद सिद्धांत:
- द्वंद सिद्धांत एक सामाजिक सिद्धांत है जो विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता द्वंद और संघर्ष पर केंद्रित है।
- यह सुझाव देता है कि समाज की विशेषता संसाधनों, अवसरों एवं शक्ति में असमानताएं हैं और ये असमानताएं विरोधी हितों वाले समूहों के बीच द्वंद का कारण बनती हैं।
- कार्ल मार्क्स जैसे द्वंद सिद्धांतकारों का तर्क है कि ये द्वंद समाज की गतिशीलता को समझने के लिए केंद्रीय हैं तथा वे सामाजिक परिवर्तन व प्रगति को आगे बढ़ाते हैं।
- C. संरचनात्मक कार्यात्मकता:
- संरचनात्मक कार्यात्मकता एक समाजशास्त्रीय सिद्धांत है जो समाज को परस्पर जुड़े हिस्सों के साथ एक जटिल प्रणाली के रूप में देखता है, जिनमें से प्रत्येक सामाजिक व्यवस्था और स्थिरता बनाए रखने के लिए विशिष्ट कार्य करता है।
- इस सिद्धांत के अनुसार, विभिन्न संस्थाएँ (जैसे- परिवार, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, आदि) समाज के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए मिलकर कार्य करती हैं।
- यह संतुलन बनाए रखने और समग्र रूप से व्यक्तियों और समाज की जरूरतों को पूरा करने में विभिन्न सामाजिक संरचनाओं की भूमिकाओं एवं योगदान पर बल देता है।
- D. राजनीतिक सिद्धांत:
- राजनीतिक सिद्धांत राजनीतिक विचारों, अवधारणाओं, सिद्धांतों और विचारधाराओं के अध्ययन और विश्लेषण से संबंधित है।
- यह स्वतंत्रता, समानता, न्याय, लोकतंत्र और अधिकारों जैसी प्रमुख राजनीतिक अवधारणाओं के अर्थ व निहितार्थ को स्पष्ट करता है।
- राजनीतिक सिद्धांतकार राजनीतिक विचार की ऐतिहासिक और दार्शनिक नींव की जांच करते हैं तथा राजनीतिक प्रणालियों, शासन व समाज में सत्ता के वितरण को समझने और मूल्यांकन करने के लिए इन अंतर्दृष्टि का उपयोग करते हैं।
अतः सही उत्तर A - III, B - IV, C - I, D - II है।
Last updated on Jul 7, 2025
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