नीचे दो कथन दिए गए हैं:

कथन - I: ऐसा दर्शाया गया है कि मछलियों और मछली खाने वाले पक्षियों में डायोक्सिन और अन्य क्लोरीन युक्त हाइड्रोकार्बन का खतरनाक स्तरों तक संचयन होता है।

कथन - II: डायोक्सिन अत्यधिक विषैले होते हैं और इसका अत्यन्त निम्न संकेन्द्रण प्रभावन भी जन्म दोष, जननमूलक विकृति और कैंसर का कारक हो सकता है।

उपर्युक्त कथनों के आलोक में निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए:

This question was previously asked in
UGC NET Official Paper-I (Held On: 05 Mar, 2023 Shift 2)
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  1. कथन । और ॥ दोनों सही हैं।
  2. कथन । और ॥ दोनों गलत हैं।
  3. कथन । सही है, लेकिन कथन ॥ गलत है।
  4. कथन । गलत है, लेकिन कथन ॥ सही है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : कथन । और ॥ दोनों सही हैं।
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UGC NET Paper 1: Held on 21st August 2024 Shift 1
50 Qs. 100 Marks 60 Mins

Detailed Solution

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सही उत्तर कथन I और कथन II दोनों सही हैं, है

कथन - I: ऐसा दर्शाया गया है कि मछलियों और मछली खाने वाले पक्षियों में डायोक्सिन और अन्य क्लोरीन युक्त हाइड्रोकार्बन का खतरनाक स्तरों तक संचयन होता है।

  • डायोक्सिन और अन्य क्लोरीन युक्त हाइड्रोकार्बन अत्यधिक स्थायी होते हैं और लंबे समय तक पर्यावरण में बने रह सकते हैं।
  • खासकर मछली और मछली खाने वाले पक्षियों में इन रसायनों को खाद्य श्रृंखला में जमा होते दिखाया गया है।
  • ऐसा इसलिए है क्योंकि ये जानवर दूषित शिकार का सेवन करते हैं, जिससे उनके ऊतकों में इन रसायनों का संचयन होता है।
  • इससे इन जानवरों के शरीर में डायोक्सिन और क्लोरीनयुक्त हाइड्रोकार्बन का खतरनाक स्तर हो सकता है, जो उनके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है।
  • उदाहरण के लिए, डायोक्सिन के उच्च स्तर के संपर्क को कैंसर, विकासात्मक और प्रजनन संबंधी समस्याओं और पशुओं और मनुष्यों में प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षति से जोड़ा गया है।
  • इसलिए, पर्यावरण में इन रसायनों के स्तर की निगरानी और पारिस्थितिकी तंत्र में उनके निष्कासन को कम करने के लिए कदम उठाना महत्वपूर्ण है।

कथन I सही है।

कथन - II: डायोक्सिन अत्यधिक विषैले होते हैं और इसका अत्यन्त निम्न संकेन्द्रण प्रभावन भी जन्म दोष, जननमूलक विकृति और कैंसर का कारक हो सकता है।

  • कथन II एक वैध और वैज्ञानिक रूप से समर्थित अभिकथन है। अत्यधिक डायोक्सिन विषैले होते हैं और लंबे समय तक डायोक्सिन के निम्न स्तर के संपर्क में आने से मनुष्यों और जानवरों में जन्म दोष, जननमूलक विकृतिऔर कैंसर सहित गंभीर स्वास्थ्य प्रभाव हो सकते हैं।
  • डायोक्सिन स्थायी कार्बनिक प्रदूषक (POPs) हैं जो पर्यावरण में आसानी से नहीं टूटते हैं और खाद्य श्रृंखला में जमा हो सकते हैं,
  • विशेष रूप से ये मछली और मछली खाने वाले पक्षियों सहित पशुओं के वसायुक्त ऊतक में उपस्थित होते है।
  • इसलिए, जीवित प्राणियों पर उनके हानिकारक प्रभावों को कम करने के लिए पर्यावरण में डायोक्सिन और अन्य क्लोरीनयुक्त हाइड्रोकार्बन के निष्कासन की निगरानी करना और नियंत्रण करना महत्वपूर्ण है।

कथन II सही है।

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Last updated on Jul 6, 2025

-> The UGC NET Answer Key 2025 June was released on the official website ugcnet.nta.ac.in on 06th July 2025.

-> The UGC NET June 2025 exam will be conducted from 25th to 29th June 2025.

-> The UGC-NET exam takes place for 85 subjects, to determine the eligibility for 'Junior Research Fellowship’ and ‘Assistant Professor’ posts, as well as for PhD. admissions.

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