भक्तिकाल MCQ Quiz - Objective Question with Answer for भक्तिकाल - Download Free PDF
Last updated on Jul 2, 2025
Latest भक्तिकाल MCQ Objective Questions
भक्तिकाल Question 1:
रचनाकार और रचना का कौन सा युग्म सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 1 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में युग्म 4 मंझन - चित्रावली सही नही है। अन्य विकल्पइसके लिए सही उत्तर हैं। अतः विकल्प 4 मंझन - चित्रावली सही नही है।
Key Points
- मंझन मधुमालती एक भारतीय सूफी कविता है, जो 1545 में मीर सैय्यद मंझन शत्तारी राजगिरि द्वारा लिखी गई थी।
- शेख उस्मान जो ''चित्रावली'' के रचयिता थे, उनका उप नाम ''मान'' था। चित्रावली की रचना 1020 हिजरी अर्थात सन् 1613 ईसवीं में किया।
Additional Information
- मंझन हिंदी सूफी प्रेमाख्यान परंपरा के कवि थे। मंझन के जीवनवृत्त के विषय में उसकी एकमात्र कृति "मधुमालती" में संकेतित आत्मोल्लेख पर ही निर्भर रहना पड़ता है। मंझन ने उक्त कृति में शहएवक्त सलीम शाह सूर, अपने गुरू शेख मुहम्मद गौस एवं खिज्र खाँ का गुणानुवाद और अपने निवासस्थान तथा "मधुमालती" की रचना के विषय का उल्लेख किया है।
भक्तिकाल Question 2:
प्रेमवाटिका किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - रसखान की
Key Points
- प्रेम वाटिका भक्तिकालीन कवि रसखान द्वारा लिखी गई एक प्रसिद्ध कृति है।
- इस कृति की रचना संवत 1671 में की गई थी।
- रसखान की इस कृति में कुल 53 दोहे हैं।
Additional Information कवि परिचय - रसखान
- रसखान का जन्म सन् 1548 में हुआ माना जाता है।
- उनका मूल नाम सैयद इब्राहिम था और वे दिल्ली के आस-पास के रहने वाले थे।
- कृष्ण-भक्ति ने उन्हें ऐसा मुग्ध कर दिया कि गोस्वामी विट्ठलनाथ से दीक्षा ली
- और ब्रजभूमि में जा बसे। सन् 1628 के लगभग उनकी मृत्यु हुई।
- रसखान की दो पुस्तकें प्रसिद्ध हैं, 'सुजान रसखान' और 'प्रेमवाटिका'।
- 'सुजान रसखान' की रचना कवित्त और सवैया छन्दों में हुई है तथा 'प्रेमवाटिका' की दोहा छन्द में।
Important Points
- 'सुजान रसखान' भक्ति और प्रेम-विषयक मुक्तक काव्य है
भक्तिकाल Question 3:
ऋग्वेद में किस भाषा का प्रयोग हुआ है?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 3 Detailed Solution
ऋग्वेद में 'वैदिक संस्कृत' भाषा का प्रयोग हुआ है।
Key Points
- ऋग्वेद विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ है जो वर्तमान समय में उपलब्ध है।
- ऋग्वेद के मुख्य देवता इंद्र हैं।
- इसके 10 मंडल (अध्याय) में 1028 सूक्त है जिसमें 11 हजार मंत्र (10580) हैं। प्रथम और अंतिम मंडल समान रूप से बड़े हैं।
अन्य विकल्प के अनुसार-
- प्राकृत भाषा भारतीय आर्यभाषा का एक प्राचीन रूप है। इसके प्रयोग का समय 500 ई.पू. से 1000 ई. सन् तक माना जाता है।
- वेद के अतिरिक्त अन्य ग्रंथों जैसे ब्राह्मण ग्रंथ, स्मृति, उपनिषद, रामायण, महाभारत आदि में प्रयुक्त संस्कृत को लौकिक संस्कृत कहते हैं।
- अपभ्रंश- आधुनिक भाषाओं के उदय से पहले उत्तर भारत में बोलचाल और साहित्य रचना की सबसे जीवन्त और प्रमुख भाषा।
Important Pointsअन्य महत्वपूर्ण तथ्य-
- वेद चार प्रकार के है - ऋग्वेद, सामवेद, यर्जुर्वेद, अर्थर्ववेद।
- महर्षि वेदव्यास जी द्वारा वेदो को लिखा गया है।
- सामवेद गीत-संगीत प्रधान है।
- यर्जुर्वेद में यज्ञ की असल प्रक्रिया के लिये गद्य और पद्य मन्त्र हैं।
- अथर्ववेद को ब्रह्मवेद भी कहा जाता है, इसमें देवताओ की स्तुति, चिकित्सा, विज्ञान और दर्शन के भी मन्त्र हैं।
भक्तिकाल Question 4:
इनमें से कौन भक्तिकालीन कवि नहीं हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 4 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से "बिहारी" भक्तिकालीन कवि नहीं हैं।
Key Points
- सूरदास, कबीरदास, तुलसीदास भक्तिकालीन कवि है।
- बिहारी लाल जयपुर नरेश जयसिंह के दरबार में रहकर काव्य रचना करने वाले रीति काल के कवि थे।
- बिहारीलाल की एकमात्र रचना 'बिहारी सतसई' है।
- यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं।
- 'बिहारी सतसई' श्रृंगार रस की अत्यंत प्रसिद्ध और अनूठी कृति है।
Important Points
आदिकाल के प्रमुख कवि- - अब्दुर्रहमान, नरपति नाल्ह, चंदबरदायी , दलपति विजय, जगनिक , जल्ह कवि, शालिभद्रसूरि , अमीर खुसरो, विद्यापति , स्वयंभू , लक्ष्मीधर, जोइन्दु, केदार आदि |
भक्तिकाल के प्रमुख कवि- कबीर, रैदास, नानक, दादूदयाल, सुंदर दास, मलूकदास, कुतबन, मंझन, जायसी, उसमान, सूरदास, परमानंददास, कुंभनदास, नंददास, हितहरिवंश, हरिदास, रसखान, ध्रुवदास, मीराबाई, तुलसीदास, अग्रदास, नाभादास आदि ने अपनी भक्तिपूर्ण रचनाओं से हिन्दी साहित्य की श्रीवृद्धि की। |
रीतिकाल के प्रमुख कवि- केशवदास, बिहारीलाल, चिन्तामणि त्रिपाठी, भूषण, मतिराम, देव, भिखारीदास, पद्माकर,घनानन्द आदि |
आधुनिक काल के प्रमुख कवि - मैथिलीशरण गुप्त, रामचरित उपाध्याय, नाथूराम शर्मा शंकर, ला. भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद, गोपाल शरण सिंह, माखन लाल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा, रामकुमार वर्मा, श्याम नारायण पांडेय, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। |
Additional Information
- व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टि से आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने सन 1929 में “हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा”।
- इसमें साहित्यिक प्रवृत्तियों के आधार पर काल विभाजन कालों का नामकरण तथा विभिन्न कवियों,
- और उनकी साहित्यिक प्रवृत्तियों का विस्तृत विवेचन किया गया है।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने ’काल-विभाजन’ को चार भागों में बांटा है-
- (1)आदिकाल (संवत 1050 से 1375 तक)-
- (2) पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल संवत 1375 से 1700 तक)-
- ज्ञानमार्गी शाखा, प्रेममार्गी शाखा (निर्गुण साहित्य),रामभक्ति शाखा, कृष्णभक्ति शाखा (सगुण साहित्य)
- (3) उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल-संवत 1700-1900)-
- रीतिबद्ध ( केशव, देव, चिंतामणि, मतिराम आदि कवि हैं।)
- रीतिमुक्त (घनानंद, ठाकुर, बोधा तथा आलम आदि कवि हैं।)
- रीतिसिद्ध (महाकवि बिहारी)
- (4) आधुनिक काल (गद्यकाल संवत 1900 से अब तक)-
- (1)भारतेंदु युग , (2)द्विवेदी युग (3)छायावादी युग,(4)प्रगतिवादी युग, (5)प्रयोगवादी युग
भक्तिकाल Question 5:
कबीरदास की भाषा थी
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - ‘सधुक्कड़ी ’।
- कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी थी।
Key Points
- कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
- अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Additional Information
- कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
- वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
- वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे।
- उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी।
Top भक्तिकाल MCQ Objective Questions
गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा 'अष्टछाप' की स्थापना का वर्ष है
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1565 सही है अन्य विकल्प असंगत है।Key Points
- गोस्वामी विट्ठलनाथ ने अष्टछाप की स्थापना 1565 में की थी।
- अष्टछाप, महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित 8 भक्तिकालीन कवियों का एक समूह था, जिन्होंने अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया।
- "चौरासी वैष्णवन की वार्ता" तथा "दो सौ वैष्ण्वन की वार्ता" में इनका जीवनवृत विस्तार से पाया जाता है।
- अष्टछाप के कवि
- वल्लभाचार्य के शिष्य
- कुम्भनदास
- सूरदास
- परमानंद दास
- कृष्णदास
- अन्य चार गोस्वामी बिट्ठलनाथ के शिष्य थे -
- गोविंदस्वामी
- नंददास
- छीतस्वामी
- चतुर्भुजदास
- वल्लभाचार्य के शिष्य
सूरदास के गुरु कौन थे?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 'वल्लभाचार्य’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
- सूरदास के गुरु का नाम श्री वल्लभाचार्य था।
- यह भी माना जाता है कि वह अपने गुरु वल्लभाचार्य से महज दस दिन छोटे थे।
- सूरदास जी द्वारा लिखित पांच ग्रन्थ बताएं जाते हैं।
- जिनमें से सूर सागर, सूर सारावली और साहित्य लहरी के प्रमाण मिलते हैं।
- जबकि नल-दमयन्ती और ब्याहलो का कोई प्रमाण नहीं मिलता।
अन्य विकल्प:
- रामानन्द - रविदास और कबीरदास के गुरु।
- रामदास - छत्रपति शिवाजी के गुरु।
- विट्ठलनाथ - नंददास के गुरु।
- कृष्ण भक्ति में सूरदास का नाम सर्वोपरि है।
- वह एक कवि, संत और एक महान संगीतकार थे।
- उन्होंने इन सभी रोल को अपने जीवन में बखूबी निभाया।
- उनके जीवनकाल से संबंधित कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते।
- महाकवि सूरदास के जन्म और मृत्यु दोनों को लेकर कई भ्रांतियां हैं।
- उनके पिता रामदास गायक थे।
'पद्मावत' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 जायसी सही उत्तर है।
Key Points
- जायसी निर्गुण धारा की प्रेमाश्रयी(सूफी) शाखा के महत्वपूर्ण कवि है।
- जायसी प्रसिद्ध सूफी फकीर शेख मोहिदी के शिष्य व शेरशाह के समकालीन थे।
- पद्मावत में कुल 57 खण्ड हैं।
- पद्मावत विषय:नागमती,पद्मावती और रत्नसेन की प्रेम कहानी पर आधारित है।
Important Points
- आचार्य शुक्ल: पद्मावत की कथा का पूर्वार्द्ध 'कल्पित' और उत्तरार्द्ध 'ऐतिहासिक' माना है।
- विजयदेव नारायण साही ने 'पद्मावत' को हिंदी में अपने ढंग की अकेली ट्रेजिक कृति कहा है।
- अन्य रचनाएँ:
रचना | विषय |
अखरावट | वर्णमाला के अक्षरों पर निर्मित सिद्धन्त आधारित। |
आख़िरी कलाम | कयामत का वर्णन और मुगल बादशाह बाबर की प्रशंसा। |
कहरनामा | आध्यात्मिक विवाह का वर्णन। |
मसलानामा | ईश्वर भक्ति के प्रति प्रेम निवेदन। |
Additional Information
कवि | प्रमुख रचना |
कबीर | बीजक(3भाग)-रमैनी,सबद,साखी। |
तुलसी | रामचरितमानस,वैराग्य संदीपनी,कवितावली,गीतावली,रामाज्ञा प्रश्न आदि |
सूरदास | सूरसागर,सुरसरवाली,साहित्य लहरी। |
रसखान ने किससे दीक्षा प्राप्त की?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFरसखान ने 'गोस्वामी विट्ठलनाथ' से दीक्षा प्राप्त की।
Key Points
- विठ्ठलनाथ की अन्य प्रमुख रचनाएँः-
- अणुभाष्य
- यमुनाष्टक
- विद्वन्मडल
- भक्तिनिर्णय आदि ।
- विट्ठलनाथ ने अष्टछाप की स्थापना 1565 ई.की है।
- अष्टछाप मे कुल आठ कवि है।
- जिसमें चार विट्ठलनाथ और चार वल्लभाचार्य के शिष्य थे।
विट्ठलनाथ के शिष्य | वल्लभाचार्य के शिष्य |
गोविंद स्वामी | कुंभनदास |
छीत स्वामी | सूरदास |
चतुर्भुजदास | परमानंद दास |
नंददास | कृष्णदास |
Additional Informatio
कवि | रचना |
रामानंद | वैष्णवमताब्ज भास्कर |
तुलसीदास | वैराग्य संदीपनी , रामाज्ञा प्रश्न , रामललानहछू , रामचरितमानस आदि। |
बल्लभाचार्य | यमुनाष्टक , सिद्धांत मुक्तावली , नवरत्न स्तोत्र आदि। |
निम्नलिखित में से कौन-सा कवि 'अष्टछाप' का कवि नहीं था?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFहरिव्यास देव यहाँ सही विकल्प है, क्योंकि यह अष्टछाप में शामिल कवि नही हैं।
अत: सही विकल्प 4)हरिव्यास देव है।
अष्टछाप आठ कवियों का समूह है- (चार वल्लभाचार्य के शिष्य, चार विट्ठलनाथ के शिष्य)
वल्लभाचार्य |
विट्ठलनाथ |
सूरदास |
चतुर्भुज दास |
कुम्भनदास |
छीतस्वामी |
परमानन्द दास |
गोविन्द स्वामी |
कृष्णदास |
नन्ददास |
साखी सबदी दोहरा, कहि किहनी उपखान ।
भगति निरूपहिं भगत कलि, निन्दहिंहिं बेद पुरान ।।
उपर्युक्त पंक्तियों के रचनाकार हैं
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- प्रस्तुत पंक्तियाँ तुलसीदास द्वारा लिखित हैं।
- शुक्ल जी तुलसीदास को स्मार्त वैष्णव कहते हैं।
- तुलसी को हिंदी का जातीय कवि कहा जाता है।
- कबीर संत काव्य धारा के प्रमुख कवि हैं।
- कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से किया।
- जायसी और कुतुबन प्रेममार्गी धारा के प्रमुख कवि हैं।
- तुलसीदास ने नवधा भक्ति में दास्य भक्ति को प्रमुखता से स्थान दिया।
- शुक्ल जी ने तुलसी की भक्ति को स्वदेशी भक्ति माना है।
Key Points
Important Points
इनमें से कौन-सा कवि अष्टछाप का नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFअष्टछाप के कवियो में रैदास का नाम नही लिया जाता है।
Key Points
- अष्टछाप, महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित 8 भक्तिकालीन कवियों का एक समूह था,
- जिन्होंने अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया। अष्टछाप की स्थापना 1565 ई० में हुई थी।
- अष्टछाप के आठ कवियों में चार वल्लभ के शिष्य हैं, जबकि चार विट्ठलनाथ के।
- कुम्भनदास
- परमानन्द दास
- कृष्ण दास
- सूरदास
- गोविंद स्वामी
- छीत स्वामी
- चतुर्भुज दास
- नंददास
कबीरदास की भाषा कौन-सी थी?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 4 'सधुक्कड़ी’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं।
- कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
- इनकी भाषा में हिंदी भाषा की सभी बोलियों के शब्द सम्मिलित हैं।
- राजस्थानी, हरयाणवी, पंजाबी, खड़ी बोली, अवधी, ब्रजभाषा के शब्दों की बहुलता है।
- अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
- कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
- वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
- वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे।
- उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी
निम्नलिखित में से किसने पुष्टिमार्ग की स्थापना की?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFवल्लभाचार्य यहाँ सही विकल्प है। पुष्टिमार्ग की स्थापना वल्लभाचार्य ने किया है।
अत: सही विकल्प 2) वल्लभाचार्य ही होगा।
पुष्टिमार्ग का अर्थ - पुष्टि का अर्थ होता है पोषण, वृद्धि। पुष्टि मार्ग एक वैष्णव संप्रदाय है। इसे वल्लभ सम्प्रदाय भी कहते हैं।
पुष्टिमार्ग का जहाज - सूरदास
पुष्टिमार्ग का वाद - शुद्धाद्वेतवाद
इनमें से कौन भक्तिकालीन कवि नहीं हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
भक्तिकाल Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से "बिहारी" भक्तिकालीन कवि नहीं हैं।
Key Points
- सूरदास, कबीरदास, तुलसीदास भक्तिकालीन कवि है।
- बिहारी लाल जयपुर नरेश जयसिंह के दरबार में रहकर काव्य रचना करने वाले रीति काल के कवि थे।
- बिहारीलाल की एकमात्र रचना 'बिहारी सतसई' है।
- यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं।
- 'बिहारी सतसई' श्रृंगार रस की अत्यंत प्रसिद्ध और अनूठी कृति है।
Important Points
आदिकाल के प्रमुख कवि- - अब्दुर्रहमान, नरपति नाल्ह, चंदबरदायी , दलपति विजय, जगनिक , जल्ह कवि, शालिभद्रसूरि , अमीर खुसरो, विद्यापति , स्वयंभू , लक्ष्मीधर, जोइन्दु, केदार आदि |
भक्तिकाल के प्रमुख कवि- कबीर, रैदास, नानक, दादूदयाल, सुंदर दास, मलूकदास, कुतबन, मंझन, जायसी, उसमान, सूरदास, परमानंददास, कुंभनदास, नंददास, हितहरिवंश, हरिदास, रसखान, ध्रुवदास, मीराबाई, तुलसीदास, अग्रदास, नाभादास आदि ने अपनी भक्तिपूर्ण रचनाओं से हिन्दी साहित्य की श्रीवृद्धि की। |
रीतिकाल के प्रमुख कवि- केशवदास, बिहारीलाल, चिन्तामणि त्रिपाठी, भूषण, मतिराम, देव, भिखारीदास, पद्माकर,घनानन्द आदि |
आधुनिक काल के प्रमुख कवि - मैथिलीशरण गुप्त, रामचरित उपाध्याय, नाथूराम शर्मा शंकर, ला. भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद, गोपाल शरण सिंह, माखन लाल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा, रामकुमार वर्मा, श्याम नारायण पांडेय, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। |
Additional Information
- व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टि से आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने सन 1929 में “हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा”।
- इसमें साहित्यिक प्रवृत्तियों के आधार पर काल विभाजन कालों का नामकरण तथा विभिन्न कवियों,
- और उनकी साहित्यिक प्रवृत्तियों का विस्तृत विवेचन किया गया है।
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने ’काल-विभाजन’ को चार भागों में बांटा है-
- (1)आदिकाल (संवत 1050 से 1375 तक)-
- (2) पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल संवत 1375 से 1700 तक)-
- ज्ञानमार्गी शाखा, प्रेममार्गी शाखा (निर्गुण साहित्य),रामभक्ति शाखा, कृष्णभक्ति शाखा (सगुण साहित्य)
- (3) उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल-संवत 1700-1900)-
- रीतिबद्ध ( केशव, देव, चिंतामणि, मतिराम आदि कवि हैं।)
- रीतिमुक्त (घनानंद, ठाकुर, बोधा तथा आलम आदि कवि हैं।)
- रीतिसिद्ध (महाकवि बिहारी)
- (4) आधुनिक काल (गद्यकाल संवत 1900 से अब तक)-
- (1)भारतेंदु युग , (2)द्विवेदी युग (3)छायावादी युग,(4)प्रगतिवादी युग, (5)प्रयोगवादी युग